जयपुर. प्रदेश में 4 साल बाद भी एनएफएसए में शामिल 34 फीसदी लाभार्थियों ने अभी तक राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करवाएं है. ऐसे में अब राज्य सरकार ने राशन कार्ड को बिना आधार से सीडिंग कराए हुए गेहूं ले रहे एनएफएसए के लाभार्थियों पर शिकंजा कस दिया है.
यदि लाभार्थियों ने 31 जुलाई तक राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया, तो एनएफएसए के लाभार्थियों को गेहूं नहीं मिलेगा. अब 31 जुलाई तक आधार से लिंक कराना जरूरी हो गया है. लिंक नहीं होने पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लाभार्थियों को 1 अगस्त से गेहूं मिलना बंद हो सकता है.
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1.62 करोड लाभार्थी, अब तक आधार से लिंक नहीं
देश में एनएफएसए लाभार्थियों ने यदि समय रहते हुए राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया तो उन्हें आगे गेहूं मिलने भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. राज्य सरकार ने कालाबाजारी रोकने के लिए सभी लाभार्थियों को राशन कार्ड को आधार से लिंक कराने को कहा है और इसके लिए 31 जुलाई का समय लाभार्थियों को दिया है.
खाद्य एवं नागरिक नागरिक आपूर्ति विभाग ने एक आदेश जारी किया. जिसमें प्रदेश में अभी भी 1.62 करोड़ ऐसे लाभार्थी है, जिनका आधार नंबर राशन कार्ड से लिंक नहीं है. विभाग को अंदेशा है कि इनमें फर्जी लाभार्थियों की भी संख्या अधिक हो सकती है.
कुछ लोग तो ऐसे होंगे जो अस्तित्व में ही नहीं है और वे एनएफएसए का लाभ ले रहे हैं. लाभार्थी 31 जुलाई तक ई मित्र, पटवारी और सचिव के स्तर पर संपर्क कर आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक करवा सकते हैं. राशन कार्ड में शामिल सभी सदस्यों को आधार कार्ड राशनकार्ड से लिंक कराना होगा.
आधार से लिंक नही होने पर बढ़ रहा है फर्जीवाड़ा
राशन कार्ड के सदस्यों का आधार कार्ड राशन कार्ड से लिंक नहीं होने पर कालाबाजारी को बढ़ावा मिला है. इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गड़बड़ी शुरू हो गई और लोग फर्जी राशन कार्ड बनाने और फर्जी तरीके से गेहूं उठाने से भी परहेज नहीं करते है. जो लोग राशन कार्ड से लिंक नहीं है, उसी का फायदा उठा कर राशन डीलर फर्जी तरीके से गेहूं उठा रहे हैं और इसकी शिकायतें भी जिला रसद विभाग में पहुंच रही है. शिकायतों की विभाग जांच कर रहा है. कई राशन डीलरों को निलंबित कर दिया गया है.
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प्रदेश में 2016 में तत्कालीन सरकार ने पोस मशीन से खाद्य सामग्री वितरण व्यवस्था शुरू किया था. राशन की दुकानों से कालाबाजारी को खत्म करने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई थी. राशन कार्ड में शामिल प्रत्येक सदस्य को आधार कार्ड से लिंक किया जाना था, लेकिन अभी तक 1.62 करोड़ व्यक्तियों के नाम आधार से लिंक नहीं हो पाए हैं. कई उपभोक्ता तो ऐसे है, जो अपना राशन लेने के लिए राशन डीलर के पास ही नहीं जा रहे है.