जयपुर. राज्य में रबी फसलों के लिए पर्याप्त डीएपी की आपूर्ति के लिए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Agriculture Minister Lalchand Kataria) ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया (Union Minister of Chemicals and Fertilizers Mansukh Mandaviya) को पत्र लिखकर राज्य को रबी फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी आपूर्ति करने का आग्रह किया है.
केंद्र सरकार ने राजस्थान को इस साल खरीफ के लिए अप्रैल से सितंबर महीने के दौरान हर महीने आवंटन के जरिए केवल 3.07 लाख मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की, जबकि इसकी मांग 4.50 लाख मैट्रिक टन थी. साथ ही रबी फसलों 2021-22 के लिए अक्टूबर महीने में 1.50 लाख मैट्रिक टन मांग के विरूद्ध 67 हजार मैट्रिक टन डीएपी ही स्वीकृत की है. मांग से कम डीएपी की आपूर्ति के चलते राज्य में डीएपी उर्वरक की अब तक 2.25 लाख मैट्रिक टन की कमी हो चुकी है.
इस आपूर्ति को पूरा करने और राज्य में रबी फसलों के लिए पर्याप्त डीएपी आपूर्ति के लिए कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर राज्य को रबी फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी आपूर्ति करने का आग्रह किया है. कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार शुरू से ही काश्तकारों को समय पर उर्वरक मुहैया कराने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है.
इसके लिए केंद्र सरकार को लगातार मुख्यमंत्री और विभाग की ओर से अवगत करवाया जा रहा है. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने अगस्त में ही अर्ध शासकीय पत्र के माध्यम से केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री से इस संबंध में अनुरोध किया था. उन्होंने भी सितंबर में केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री को अर्ध शासकीय पत्र भेजकर मांग के मुताबिक डीएपी आपूर्ति करने का आग्रह किया था.
इसके बाद सितम्बर महीने में ही मुख्य सचिव ने भी केंद्रीय उर्वरक सचिव को अर्ध शासकीय पत्र के माध्यम से अनुरोध किया था. साथ ही कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने भी केन्द्रीय उर्वरक सचिव को पत्र लिखकर और खुद जाकर राज्य में डीएपी की कमी के कारण उत्पन्न स्थिति पर विस्तार से जानकारी भी दी थी, लेकिन अभी तक राज्य को अपेक्षित मात्रा में डीएपी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
न्यूनतम 2 लाख मैट्रिक टन डीएपी की जरूरत
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में 20 अक्टूबर तक सरसों व चना जैसी रबी फसलों की बुवाई होना निरंतर जारी है. इन दोनों फसलों का औसतन क्षेत्रफल क्रमशः 30 लाख व 20 लाख हेक्टेयर रहने की संभावना है. जिसके लिए विभागीय सिफारिश अनुसार न्यूनतम 2 लाख मैट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आवश्यकता रहेगी. उन्होंने बताया कि पर्याप्त मात्रा में डीएपी उर्वरक प्राप्त नहीं होने से राज्य के दलहन और तिलहन उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है.