जयपुर. राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) से जुड़े नेताओं की लंबे समय से चली आ रही मांग आज पूरी होने की संभावना है. हालांकि, भाजपा नेताओं की गृह विभाग (Home Department) के स्वतंत्र मंत्री की मांग पूरी करने का दारोमदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की मंशा पर ही निर्भर है.
दरअसल, प्रदेश में गहलोत सरकार (Gehlot Government) के गठन के बाद गृह विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ही संभाल रहे हैं. लेकिन नेशनल क्राइम ब्यूरो (National Crime Bureau) के जारी आंकड़ों और प्रदेश में अपराधों के आंकड़ों में इजाफा को लेकर भाजपा के नेता लगातार प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते आए हैं.
भाजपा के नेता अपने बयानों में यह बात कहते आए हैं कि राजस्थान में गृह विभाग को संभालने के लिए कोई स्वतंत्र गृहमंत्री नहीं है, जिसके चलते विभाग की लगातार मॉनिटरिंग भी नहीं होती और अपराधों के आंकड़ों में इसी के चलते इजाफा भी हो रहा है.
अब रविवार को मंत्रिमंडल का पुनर्गठन (Rajasthan Cabinet Reorganization) कर विस्तार कर दिया गया है. ऐसे में अब मंत्रियों को विभाग का भी बंटवारा होगा. भाजपा नेताओं की निगाहें गृह विभाग (Home Department ) पर ही टिकी है कि अब मंत्रिमंडल में गृह विभाग की जिम्मेदारी किसे मिलती है. हालांकि, संभावना यह भी है कि मुख्यमंत्री अपने पास जो विभाग है उनमें से कुछ विभाग अलग-अलग मंत्रियों को दे दें और गृह विभाग स्वयं अपने पास ही रखें. या फिर यह भी हो सकता है कि मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot) अपने मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) के किसी वरिष्ठ विधायक को गृह विभाग की जिम्मेदारी दे दे.
गौरतलब है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia), पूर्व गृह मंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria), उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी और प्रवक्ता रामलाल शर्मा सहित भाजपा से जुड़े कई नेता लगातार अपने बयानों के जरिए प्रदेश में स्वतंत्र रूप से गृह विभाग संभालने के लिए एक मंत्री की मांग कर चुके हैं, जिस पर अब निर्णय होने वाला है.