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स्कूलों में कार्य करने वाले भामाशाहों के लिए एडमिशन कोटा निर्धारित, एडमिशन की तिथि बढ़ाई...

प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब सरकारी स्कूलों में भामाशाह के लिए एडमिशन कोटा निर्धारित किया (Quota in schools for Bhamashahs) है. शिक्षा विभाग ने स्कूलों को गोद लेकर भवन निर्माण, विकास और जीर्णोंद्धार में 50 लाख तक का खर्च करने भामाशाहों के लिए स्कूलों में प्रतिवर्ष 10 विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाने का कोटा निर्धारित किया है.

School admission quota fixed for Bhamashahs working in schools
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला
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Published : Jul 16, 2022, 5:35 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने अब सरकारी स्कूलों में भामाशाह के लिए एडमिशन कोटा निर्धारित किया है. स्कूलों को गोद लेकर भवन निर्माण, विकास और जीर्णोद्धार में 50 लाख तक खर्च करने वाले भामाशाहों के लिए स्कूल में एडमिशन कराने का कोटा निर्धारित किया गया (Quota in schools for Bhamashahs) है. वहीं राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों के रिमेडियेशन के लिए निर्मित वर्क बुक का वितरण 20 जुलाई तक 100 प्रतिशत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) जिन्हें भामाशाह की ओर से गोद लेकर 50 लाख रूपये से ज्यादा राशि के कार्य करवाए गए हैं. ऐसे भामाशाहों की अभिशंषा पर प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 2 विद्यार्थी और पूरे विद्यालय में प्रतिवर्ष अधिकतम 10 विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाने के लिए प्रवेश कोटा निर्धारित किया गया है. ये कोटा संबंधित विद्यालयों में संचालित कक्षाओं की निर्धारित सीटों के अलावा सीटों के लिए होगा.

प्रवेश की तिथि बढ़ाईः राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी. वहीं कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के लिए पूरे सत्र में प्रवेश के द्वार खुले रहेंगे. शिक्षा विभाग में ड्रॉपआउट छात्रों को विद्यालय से जोड़ने और स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के क्रम में ये अहम फैसला लिया.

पढ़ें: भामाशाह ने गरीबों के लिए 321 कट्टे गेहूं भरा ट्रक रामदेवरा भेजवाया, जरूरतमंदों में किया वितरित

हिंदी मीडियम के बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में रूपांतरित स्कूल छोड़ने होंगे: वहीं प्रदेश में हिंदी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर चल रहे विवाद पर बीते दिनों शिक्षा विभाग ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. इन आदेशों में हिंदी मीडियम विद्यार्थियों को अंग्रेजी मीडियम में रूपांतरित किए स्कूल छोड़ने ही होंगे. उन्हें नजदीकी स्कूल में प्रवेश दिलवाया जाएगा. वहीं, हिंदी और इंग्लिश मीडियम स्कूल दो पारियों में संचालित नहीं किए जाएंगे. विभाग के इस फैसले से उन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए दिक्कत खड़ी हो गई है. जिनमें नामांकन अधिक है. इसे लेकर बीजेपी विधायक खुले तौर पर आंदोलन की चेतावनी भी दे चुके हैं.

नोडल किया नियुक्तः आरएससीईआरटी की ओर से करवाए जा रहे हैं शिक्षक, पीईईओ, यूसीईईओ प्रशिक्षण के लिए जिला स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और पदेन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को नोडल नियुक्त किया गया है. राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 19 जुलाई से पहले पीईईओ,यूसीईईओ प्रशिक्षण सभी ब्लॉक स्तर पर हार्ड बीपी कर सुनिश्चित करें. साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा और रिपोर्ट आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

जयपुर. राज्य सरकार ने अब सरकारी स्कूलों में भामाशाह के लिए एडमिशन कोटा निर्धारित किया है. स्कूलों को गोद लेकर भवन निर्माण, विकास और जीर्णोद्धार में 50 लाख तक खर्च करने वाले भामाशाहों के लिए स्कूल में एडमिशन कराने का कोटा निर्धारित किया गया (Quota in schools for Bhamashahs) है. वहीं राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों के रिमेडियेशन के लिए निर्मित वर्क बुक का वितरण 20 जुलाई तक 100 प्रतिशत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) जिन्हें भामाशाह की ओर से गोद लेकर 50 लाख रूपये से ज्यादा राशि के कार्य करवाए गए हैं. ऐसे भामाशाहों की अभिशंषा पर प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 2 विद्यार्थी और पूरे विद्यालय में प्रतिवर्ष अधिकतम 10 विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाने के लिए प्रवेश कोटा निर्धारित किया गया है. ये कोटा संबंधित विद्यालयों में संचालित कक्षाओं की निर्धारित सीटों के अलावा सीटों के लिए होगा.

प्रवेश की तिथि बढ़ाईः राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जुलाई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी. वहीं कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के लिए पूरे सत्र में प्रवेश के द्वार खुले रहेंगे. शिक्षा विभाग में ड्रॉपआउट छात्रों को विद्यालय से जोड़ने और स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के क्रम में ये अहम फैसला लिया.

पढ़ें: भामाशाह ने गरीबों के लिए 321 कट्टे गेहूं भरा ट्रक रामदेवरा भेजवाया, जरूरतमंदों में किया वितरित

हिंदी मीडियम के बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में रूपांतरित स्कूल छोड़ने होंगे: वहीं प्रदेश में हिंदी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर चल रहे विवाद पर बीते दिनों शिक्षा विभाग ने स्थिति स्पष्ट कर दी है. इन आदेशों में हिंदी मीडियम विद्यार्थियों को अंग्रेजी मीडियम में रूपांतरित किए स्कूल छोड़ने ही होंगे. उन्हें नजदीकी स्कूल में प्रवेश दिलवाया जाएगा. वहीं, हिंदी और इंग्लिश मीडियम स्कूल दो पारियों में संचालित नहीं किए जाएंगे. विभाग के इस फैसले से उन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए दिक्कत खड़ी हो गई है. जिनमें नामांकन अधिक है. इसे लेकर बीजेपी विधायक खुले तौर पर आंदोलन की चेतावनी भी दे चुके हैं.

नोडल किया नियुक्तः आरएससीईआरटी की ओर से करवाए जा रहे हैं शिक्षक, पीईईओ, यूसीईईओ प्रशिक्षण के लिए जिला स्तर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी और पदेन जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को नोडल नियुक्त किया गया है. राजस्थान के शिक्षा में बढ़ते कदम कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 19 जुलाई से पहले पीईईओ,यूसीईईओ प्रशिक्षण सभी ब्लॉक स्तर पर हार्ड बीपी कर सुनिश्चित करें. साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा और रिपोर्ट आवश्यक रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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