जयपुर. एसीबी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई (ACB Action In Rajasthan) को अंजाम दे रही है. एसीबी ने 4 महीने में कार्रवाई करते हुए पिछले सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. एसीबी ने वर्ष 2022 के पहले 4 महीने में जनवरी से अप्रैल तक 156 प्रकरण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज करके पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ा है. 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक 150 ट्रैप, 5 आय से अधिक संपत्ति और एक प्रकरण पद के दुरुपयोग समेत कुल 156 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
पिछले वर्ष 1 जनवरी से 30 अप्रैल 2021 तक अवधि में 141 प्रकरण दर्ज किए गए थे. जिनमें 130 ट्रैप, 4 आय से अधिक संपत्ति और 7 पद के दुरुपयोग के थे. वर्ष 2020 में यह संख्या 65 थी. जिनमें 50 ट्रैप, 4 आय से अधिक संपत्ति और 13 पद के दुरुपयोग के प्रकरण थे. निस्तारण (मामलों को निपटाना) में भी एसीबी ने रिकॉर्ड कार्रवाई की है. जनवरी से अप्रैल तक 166 प्रकरणों में न्यायालय में अनुसंधान रिपोर्ट नतीजा पेश किया गया है. जिनमें 144 चालान और 22 एफआर शामिल है. वर्ष 2021 में 101 चालान और 15 एफआर समेत कुल 116 मामले निस्तारण कर न्यायालय में पेश किए गए थे. वर्ष 2020 में 80 चालान और 10 एफआर समेत कुल 90 प्रकरणों में इसी अवधि में अंतिम निस्तारण न्यायालयों में पेश किया गया.
भ्रष्टाचार के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों में काफी संख्या में भ्रष्टाचार से पीड़ित परिवादियों ने एसीबी की हेल्पलाइन 1064 और व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 94135 02834 (Rajasthan ACB Whatsapp Helpline number ) पर सूचना देकर एसीबी से भ्रष्ट लोक सेवकों (ACB caught Many Rajasthan Officers red handed) और दलालों को रंगे हाथ पकड़वाया है.
विवाद भी कम नहीं: एसीबी भले ही अपने कामों का लेखा जोखा दे भरोसे और विश्वास की बात कर रही हो लेकिन ये भी सच है कि लोकसेवकों पर हुई कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है. हाल ही में एसीबी की ओर से बिना प्रोसेस के आरएएस अधिकारी भागचंद बधाल को पूछताछ के लिए ले जाने के मामले (Ruckus Over Custody of RAS Bhagchand Badhal) ने काफी तूल पकड़ा था जिसमें एसीबी की ओर से माफी तक मांगी गई थी. हाल ही में इसी प्रकरण में RAS अधिकारियों के एसोसिएशन ने सीएस उषा शर्मा के दफ्तर पहुंच रोष जताया था.