जयपुर. इस आदेश के बाद उन्हीं कैदियों को जेल से रिहा किया जाएगा जिनका आचरण अच्छा है और जो संगीन अपराधों में गिरफ्तार नहीं किए गए हैं. राजस्थान जेल विभाग की ओर से गठित पावर कमेटी ने 95 बंदियों को चिन्हित किया है. इन्हें पैरोल पर छोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है.
राजस्थान की जेलों में बंद ऐसे कैदियों की सूची तैयार की गई है जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पैरोल पर रिहा किया जा सकता है. डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि अभी राजस्थान की जेलों से कैदियों को रिहा नहीं किया गया है. हाई पावर कमेटी की बैठक के बाद ही कैदियों को रिहा किया जाएगा. तीन अलग-अलग कैटेगरी के आधार पर कैदियों को जेलों से पैरोल पर रिहा किया जाएगा.
- पहली कैटेगरी- इसमें उन कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाएगा जिन्हें गत वर्ष हाई पावर कमेटी ने रिहा किया था.
- दूसरी कैटेगरी- इसमें ऐसे कैदी जो गत वर्ष पैरोल पर रिहा किए गए थे और मापदंडों के आधार पर योग्य हैं उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाएगा.
- तीसरी कैटेगरी- इसमें वर्तमान में जो कैदी पैरोल पर रिहा चल रहे हैं, उनके पैरोल की अवधि को हाई पावर कमेटी बढ़ाएगी.
90 दिन की पैरोल पर रिहा किए जाएंगे कैदी
डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि हाई पावर कमेटी की ओर से कैदियों को 90 दिन का पैरोल दिया जाएगा. तीसरी कैटेगरी के आधार पर जो कैदी पहले से ही पैरोल पर चल रहे हैं उनके पैरोल की अवधि को और कितना बढ़ाना है इसका निर्णय हाई पावर कमेटी करेगी. ऐसे कैदी जो हत्या, बलात्कार, पोक्सो एक्ट, एसिड अटैक जैसे संगीन अपराधों में बंद हैं उन्हें पैरोल पर रिहा नहीं किया जाएगा. प्रदेश की जेलों में बंद ऐसे तकरीबन 95 कैदी चिन्हित किए गए हैं जिन्हें हाई पावर कमेटी की बैठक में रिहा करने का निर्णय लिया जाएगा.
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राजस्थान की 145 जेलों में 668 कैदी कोरोना संक्रमित
डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि राजस्थान की 145 जेलों में बंद तकरीबन 668 बंदी वर्तमान में कोरोना संक्रमित हैं. कोरोना की पहली लहर में जेलों में 1500 से अधिक कैदी और जेल स्टाफ संक्रमित हुआ था. ऐसे में दूसरी लहर को देखते हुए जेल विभाग तमाम सावधानियां बरत रहा है.
जेल में बरती गई सावधानियां
जेल में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कैदियों की उनके परिजनों से फेस टू फेस मुलाकात को बंद किया गया है. ऐसे किसी भी व्यक्ति को जेल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है जिसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त नहीं हो रही है. जेल में आने वाले नए बंदी जिनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होती है उन्हें भी 14 दिन आइसोलेशन में दूसरे कैदियों से बिल्कुल अलग रखा जाता है.
इसके साथ ही जेल विभाग ने तमाम कर्मचारियों और अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन करवाया है. 45 वर्ष से अधिक उम्र के कैदियों का भी वैक्सीनेशन पूरा करवाया जा चुका है. जेल विभाग की ओर से प्रिंसिपल सेक्रेट्री हेल्थ को एक पत्र लिखकर जेल में बंद 18 वर्ष से अधिक आयु के कैदियों के कोरोना वैक्सीनेशन की मांग की गई है. इन तमाम सेफ्टी मेजर्स को अपनाकर जेल विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण को रोकने का काम किया जा रहा है, जो कि अब तक काफी कारगर सिद्ध हुआ है. जो कैदी या स्टाफ कोरोना की चपेट में आ रहे हैं वे भी जल्द स्वस्थ हो रहे हैं.