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जयपुर : स्थानीय रागी जत्थों के साथ सादगी से मनाया गया 551वां प्रकाश पर्व...

जयपुर गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व रविवार को सादगी से मनाया गया. पंचप्यारों की अगुवाई में निकलने वाले नगर कीर्तन और प्रभात फेरी इस बार नहीं निकली. वही कार्यक्रम की शुरुआत नितनेम और सुखमनी साहिब पाठ से हुई. इसके बाद कम समय में अलग-अलग कीर्तन दीवान सजे, जिसमें गुरुओं के शब्दों का बखान किया गया.

Prakash festival in Jaipur, Rajasthan latest Hindi news
स्थानीय रागी जत्थों के साथ सादगी से मनाया गया 551 वां प्रकाश पर्व
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Published : Nov 30, 2020, 11:09 PM IST

जयपुर. गुरु नानक देव जी का 551 वां प्रकाश पर्व रविवार को सादगी से मनाया गया. पंचप्यारों की अगुवाई में निकलने वाले नगर कीर्तन और प्रभात फेरी इस बार नहीं निकली. वही कार्यक्रम की शुरुआत नितनेम और सुखमनी साहिब पाठ से हुई. इसके बाद कम समय में अलग-अलग कीर्तन दीवान सजे, जिसमें गुरुओं के शब्दों का बखान किया गया.

स्थानीय रागी जत्थों के साथ सादगी से मनाया गया 551 वां प्रकाश पर्व

वहीं शहर के गुरुनानकपुरा, हिदा की मोरी, पानीपेच, राजापार्क सहित अन्य गुरुद्वारो में संगत ने मास्क लगाकर, सैनिटाइजेशन के बाद कम समय में पालकी गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मथा टेका. इसके साथ ही पांच बाणियों का पाठ के साथ ही अन्य कार्यक्रम भी हुए. वही स्थानीय रागी जत्थे गुरबाणी और कीर्तन भी आयोजित किए गए. इस दौरान सिख समाज के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अरदास की.

पढ़ें- खत्म हुआ साल का आखिरी चंद्रग्रहण, मंदिरों में हुए अखंड जप-तप

इस मौके पर राजापार्क गुरुद्वारा के सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि, मानवता के गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व बड़े श्रद्धा सत्कार के साथ मनाया. वही कोरोना संकटकाल में इस बार विशेष दिवान अपने आप में काफी महत्व रखता है. जहां राज्य सरकार की कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन किया गया. वही वैश्विक कोरोना संक्रमण की मुक्ति के लिए भी सरबत के भले की अरदास की गई, ताकि पूरे विश्व को इस महामारी से मुक्ति मिल सकें और मानव जीवन को बचाया जा सकें. वही इस बार संगत व पंगत की परंपरा में भी उसमें बदलाव किया गया. जहां लंगर प्रसाद इस बार स्टोल पर पैकेट्स बनाकर बांटे गए.

जयपुर. गुरु नानक देव जी का 551 वां प्रकाश पर्व रविवार को सादगी से मनाया गया. पंचप्यारों की अगुवाई में निकलने वाले नगर कीर्तन और प्रभात फेरी इस बार नहीं निकली. वही कार्यक्रम की शुरुआत नितनेम और सुखमनी साहिब पाठ से हुई. इसके बाद कम समय में अलग-अलग कीर्तन दीवान सजे, जिसमें गुरुओं के शब्दों का बखान किया गया.

स्थानीय रागी जत्थों के साथ सादगी से मनाया गया 551 वां प्रकाश पर्व

वहीं शहर के गुरुनानकपुरा, हिदा की मोरी, पानीपेच, राजापार्क सहित अन्य गुरुद्वारो में संगत ने मास्क लगाकर, सैनिटाइजेशन के बाद कम समय में पालकी गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मथा टेका. इसके साथ ही पांच बाणियों का पाठ के साथ ही अन्य कार्यक्रम भी हुए. वही स्थानीय रागी जत्थे गुरबाणी और कीर्तन भी आयोजित किए गए. इस दौरान सिख समाज के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए अरदास की.

पढ़ें- खत्म हुआ साल का आखिरी चंद्रग्रहण, मंदिरों में हुए अखंड जप-तप

इस मौके पर राजापार्क गुरुद्वारा के सचिव गुरमीत सिंह ने बताया कि, मानवता के गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व बड़े श्रद्धा सत्कार के साथ मनाया. वही कोरोना संकटकाल में इस बार विशेष दिवान अपने आप में काफी महत्व रखता है. जहां राज्य सरकार की कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन किया गया. वही वैश्विक कोरोना संक्रमण की मुक्ति के लिए भी सरबत के भले की अरदास की गई, ताकि पूरे विश्व को इस महामारी से मुक्ति मिल सकें और मानव जीवन को बचाया जा सकें. वही इस बार संगत व पंगत की परंपरा में भी उसमें बदलाव किया गया. जहां लंगर प्रसाद इस बार स्टोल पर पैकेट्स बनाकर बांटे गए.

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