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मेयर लाटा बोले- 10 महीने में 450 करोड़ के हुए काम...डिप्टी मेयर का कटाक्ष, कहा- केवल पत्थरों पर लिखवाए नाम - Jaipur Municipal Corporation News

शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन मेयर विष्णु लाटा ने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने इस बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल की तुलना करते हुए खुद के कार्यकाल में 450 करोड़ के काम होने का दावा किया. वहीं, डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने इसे झूठा प्रचार बताते हुए कहा कि मेयर लाटा के कार्यकाल ने महज पत्थरों पर नाम लिखाने का काम किया है.

जयपुर नगर निगम न्यूज, Jaipur Municipal Corporation News
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Published : Nov 25, 2019, 11:00 PM IST

जयपुर. शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन मेयर विष्णु लाटा ने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने इस बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल की तुलना करते हुए खुद के कार्यकाल में 450 करोड़ के काम होने का दावा किया. वहीं, डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने इसे झूठा प्रचार बताते हुए कहा कि मेयर लाटा के कार्यकाल ने महज पत्थरों पर नाम लिखाने का काम किया है.

मेयर विष्णु लाटा ने गिनाई अपनी उपलब्धियां

जयपुर नगर निगम के इतिहास में ये पहली मर्तबा था जब एक ही बोर्ड में 3 महापौर रहे. बीते 5 सालों में शहरी सरकार के नुमाइंदों ने विकास कार्यों के नाम पर करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च किए. हालांकि, आज भी शहर में सीवरेज, कचरे, सड़क और रोड लाइट की समस्या बरकरार है. जबकि दावा किया जाता है कि सबसे ज्यादा खर्चा इन्हीं मदों में किया गया है. वहीं, कुछ इसी तरह के दावे आज शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन महापौर विष्णु लाटा ने भी किए.

पढ़ें- मेयर केवल मुखौटा रह गए हैं, मेरी हर रिकमेंडेशन को अधिकारी मानते तो कोटा को स्वर्ग बना देता: महापौर महेश विजय

बता दें कि महापौर विष्णु लाटा ने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में शहर वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में शुमार हुआ, गौशाला और गैराज की हालात में सुधार हुआ, तो वहीं शहर में 95 हजार 431 एलईडी लाइट लगाई गई. साथ ही उन्होंने विभिन्न मार्गों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखने, निगम सर्विस बुकलेट का प्रकाशन करने, श्मशान कब्रिस्तान पर 8 करोड़ रुपए खर्च करने, शहर में स्मार्ट शौचालय खोलने, बड़े नालों की सफाई, गंदी गलियों की सफाई और मृतक आश्रितों को नियुक्तियां देने जैसी उपलब्धियां गिनाई.

इस दौरान विष्णु लाटा ने निगम के पांचवे बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल और उस में किए गए कार्यादेश की भी तुलना करते हुए बताया कि निर्मल नाहटा के कार्यकाल में करीब 250 करोड़, अशोक लाहोटी के कार्यकाल में 480 करोड़ जबकि उनके कार्यकाल में 450 करोड़ रूपए के कार्य आदेश हुए हैं. उधर, उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने मेयर के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ पत्थर पर नाम लिखने का काम किया है. भारद्वाज ने कहा कि निर्मल नाहटा और अशोक लाहोटी के कार्यकाल में जो कार्यादेश हुए वो काम भी पूरे हुए. लेकिन बीते 10 महीने में महज शिलान्यास कर झूठी वाहवाही बटोरने का काम किया गया है.

पढ़ें- Exclusive: जोधपुर के महापौर जिन्होंने 5 साल सरकारी वाहन उपयोग में नहीं लिया, वेतन भी समाज सेवा में लगाया

इस दौरान उपमहापौर ने बीजेपी बोर्ड के कामों को गिनाते हुए कहा कि इसी बोर्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू हुआ और सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई. साथ ही उपमहापौर ने बाजारों में डस्टबिन लगाने से लेकर शहर को पॉलिथीन मुक्त करने, नाइट स्वीपिंग शुरू करने, हिंगोनिया गौशाला को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, शहर भर में फेजवायर खिंचवाने, हाई मास्क लाइटें लगाने, शौचालयों का निर्माण और शहर में वृक्षारोपण जैसी कई उपलब्धियां गिनाई.

वहीं, इस दौरान मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने और मृतक आश्रितों को नौकरी दिलाने जैसे मुद्दों पर अपना-अपना श्रेय लेते हुए नजर आए. बहरहाल, आज शहरी सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ और अब आगामी 4 से 5 महीने तक जिम्मा प्रशासक के कंधों पर होगा.

जयपुर. शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन मेयर विष्णु लाटा ने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई. उन्होंने इस बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल की तुलना करते हुए खुद के कार्यकाल में 450 करोड़ के काम होने का दावा किया. वहीं, डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने इसे झूठा प्रचार बताते हुए कहा कि मेयर लाटा के कार्यकाल ने महज पत्थरों पर नाम लिखाने का काम किया है.

मेयर विष्णु लाटा ने गिनाई अपनी उपलब्धियां

जयपुर नगर निगम के इतिहास में ये पहली मर्तबा था जब एक ही बोर्ड में 3 महापौर रहे. बीते 5 सालों में शहरी सरकार के नुमाइंदों ने विकास कार्यों के नाम पर करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च किए. हालांकि, आज भी शहर में सीवरेज, कचरे, सड़क और रोड लाइट की समस्या बरकरार है. जबकि दावा किया जाता है कि सबसे ज्यादा खर्चा इन्हीं मदों में किया गया है. वहीं, कुछ इसी तरह के दावे आज शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन महापौर विष्णु लाटा ने भी किए.

पढ़ें- मेयर केवल मुखौटा रह गए हैं, मेरी हर रिकमेंडेशन को अधिकारी मानते तो कोटा को स्वर्ग बना देता: महापौर महेश विजय

बता दें कि महापौर विष्णु लाटा ने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में शहर वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में शुमार हुआ, गौशाला और गैराज की हालात में सुधार हुआ, तो वहीं शहर में 95 हजार 431 एलईडी लाइट लगाई गई. साथ ही उन्होंने विभिन्न मार्गों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखने, निगम सर्विस बुकलेट का प्रकाशन करने, श्मशान कब्रिस्तान पर 8 करोड़ रुपए खर्च करने, शहर में स्मार्ट शौचालय खोलने, बड़े नालों की सफाई, गंदी गलियों की सफाई और मृतक आश्रितों को नियुक्तियां देने जैसी उपलब्धियां गिनाई.

इस दौरान विष्णु लाटा ने निगम के पांचवे बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल और उस में किए गए कार्यादेश की भी तुलना करते हुए बताया कि निर्मल नाहटा के कार्यकाल में करीब 250 करोड़, अशोक लाहोटी के कार्यकाल में 480 करोड़ जबकि उनके कार्यकाल में 450 करोड़ रूपए के कार्य आदेश हुए हैं. उधर, उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने मेयर के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ पत्थर पर नाम लिखने का काम किया है. भारद्वाज ने कहा कि निर्मल नाहटा और अशोक लाहोटी के कार्यकाल में जो कार्यादेश हुए वो काम भी पूरे हुए. लेकिन बीते 10 महीने में महज शिलान्यास कर झूठी वाहवाही बटोरने का काम किया गया है.

पढ़ें- Exclusive: जोधपुर के महापौर जिन्होंने 5 साल सरकारी वाहन उपयोग में नहीं लिया, वेतन भी समाज सेवा में लगाया

इस दौरान उपमहापौर ने बीजेपी बोर्ड के कामों को गिनाते हुए कहा कि इसी बोर्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू हुआ और सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई. साथ ही उपमहापौर ने बाजारों में डस्टबिन लगाने से लेकर शहर को पॉलिथीन मुक्त करने, नाइट स्वीपिंग शुरू करने, हिंगोनिया गौशाला को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, शहर भर में फेजवायर खिंचवाने, हाई मास्क लाइटें लगाने, शौचालयों का निर्माण और शहर में वृक्षारोपण जैसी कई उपलब्धियां गिनाई.

वहीं, इस दौरान मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने और मृतक आश्रितों को नौकरी दिलाने जैसे मुद्दों पर अपना-अपना श्रेय लेते हुए नजर आए. बहरहाल, आज शहरी सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ और अब आगामी 4 से 5 महीने तक जिम्मा प्रशासक के कंधों पर होगा.

Intro:जयपुर - शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन मेयर विष्णु लाटा ने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने इस बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल की तुलना करते हुए, खुद के कार्यकाल में 450 करोड़ के काम होने का दावा किया। वहीं डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज ने इसे झूठा प्रचार बताते हुए कहा कि मेयर लाटा के कार्यकाल ने महज पत्थरों पर नाम लिखाने का काम किया गया है।


Body:जयपुर नगर निगम के इतिहास में ये पहली मर्तबा था, जब एक ही बोर्ड में तीन महापौर रहे। बीते 5 सालों में शहरी सरकार के नुमाइंदों ने विकास कार्यों के नाम पर करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च किए। हालांकि आज भी शहर में सीवरेज, कचरे, सड़क और रोड लाइट की समस्या बरकरार है। जबकि दावा किया जाता है कि सबसे ज्यादा खर्चा इन्हीं मदों में किया गया है। कुछ इसी तरह के दावे आज शहरी सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन महापौर विष्णु लाटा ने भी किए। उन्होंने अपने 10 महीने 3 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में शहर वर्ल्ड हेरिटेज सिटी में शुमार हुआ, गौशाला और गैराज की हालात में सुधार हुआ, तो वहीं शहर में 95 हज़ार 431 एलईडी लाइट लगाई गई। साथ ही उन्होंने विभिन्न मार्गों के नाम महापुरुषों के नाम पर रखने, निगम सर्विस बुकलेट का प्रकाशन करने, श्मशान कब्रिस्तान पर 8 करोड़ रुपए खर्च करने, शहर में स्मार्ट शौचालय खोलने, बड़े नालों की सफाई, गंदी गलियों की सफाई और मृतक आश्रितों को नियुक्तियां देने जैसी उपलब्धियां गिनाई।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर

इस दौरान विष्णु लाटा ने निगम के पांचवे बोर्ड में रहे तीनों महापौर के कार्यकाल और उस में किए गए कार्यादेश की भी तुलना करते हुए बताया कि निर्मल नाहटा के कार्यकाल में करीब 250 करोड़, अशोक लाहोटी के कार्यकाल में 480 करोड़ जबकि उनके कार्यकाल में 450 करोड़ रूपए के कार्य आदेश हुए हैं।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर

उधर, उपमहापौर मनोज भारद्वाज ने मेयर के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ पत्थर पर नाम लिखने का काम किया है। भारद्वाज ने कहा कि निर्मल नाहटा और अशोक लाहोटी के कार्यकाल में जो कार्यादेश हुए वो काम भी पूरे हुए। लेकिन बीते 10 महीने में महज शिलान्यास कर झूठी वाहवाही बटोरने का काम किया गया है।
बाईट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर

इस दौरान उपमहापौर ने बीजेपी बोर्ड के कामों को गिनाते हुए कहा कि इसी बोर्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू हुआ, और सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। यही नहीं बाजारों में डस्टबिन लगाने से लेकर शहर को पॉलिथीन मुक्त करने, नाइट स्वीपिंग शुरू करने, हिंगोनिया गौशाला को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने, शहर भर में फेजवायर खिंचवाने, हाई मास्क लाइटें लगाने, शौचालयों का निर्माण, शहर में वृक्षारोपण जैसी कई उपलब्धियां गिनाई।
बाईट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर


Conclusion:इस दौरान मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने और मृतक आश्रितों को नौकरी दिलाने जैसे मुद्दों पर अपना-अपना श्रेय लेते हुए नजर आए। बहरहाल, आज शहरी सरकार का कार्यकाल खत्म हुआ, और अब आगामी 4 से 5 महीने तक जिम्मा प्रशासक के कंधों पर होगा।
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