ETV Bharat / city

COVID से मुकाबले के लिए 400 प्राचार्य बनेंगे मास्टर ट्रेनर, प्रशिक्षण शुरू

कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. जिला प्रशासन की ओर से जयपुर के विभिन्न ब्लॉक के राजकीय विद्यालयों के करीब 400 प्राचार्यों को मास्टर ट्रेनर्स बनाया जाएगा. इनका प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू हो गया है. यह मास्टर ट्रेनर लोगों को कोविड को लेकर जागरूक करेंगे.

मास्टर ट्रेनर्स करेंगे कोरोना जागरुकता, Master trainers Corona aware
मास्टर ट्रेनर्स फैलाएंगे कोरोना जागरुकता
author img

By

Published : Oct 16, 2020, 8:49 PM IST

जयपुर. जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन की ओर से जयपुर के विभिन्न ब्लॉक के राजकीय विद्यालयों के करीब 400 प्राचार्यों को मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा. इनका प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू हो गया है. यह मास्टर ट्रेनर्स लोगों को कोविड को लेकर जागरूक करेंगे.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तर बीरबल सिंह ने शुक्रवार को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में चयनित जयपुर के विभिन्न राजकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की प्रशिक्षण शृंखला की शुरुआत करते उन्हें संबोधित किया. सिंह ने कहा कि कोविड से मुकाबला करते हुए करीब 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन जन सामान्य में अभी भी इसे लेकर ना केवल कई भ्रांतियां मौजूद हैं, बल्कि जानकारी नहीं होने और लापरवाही के कारण इसके मामले जयपुर में ज्यादा बढ़े हैं.

पढे़ंः गहलोत सरकार का प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं...केवल कुर्सी बचाने में लगी है : अलका गुर्जर

ऐसे में जिले में इससे बचाव के अन्य उपायों के साथ मास्क और उचित दूरी के नियम की अनिवार्यता से पालना करवाने के लिए 2 अक्टूबर से चलाए जा रहे जन आन्दोलन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. शिक्षक इन भ्रांतियां को दूर कर ‘नो मास्क नो एंट्री’ के नियम की सख्ती से पालना करवाएं.

सिंह ने कहा कि कोरोना की अभी कोई वैक्सीन नहीं है, ऐसे में मास्क, उचित दूरी, जानकारी और बचाव ही वैक्सीन है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशसन द्वारा 15 से 31 अक्टूबर तक रोजाना विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का कलैंडर जारी कर दिया गया है. रोजाना किए जा रहे जन जागरूकता के कार्यक्रमों के साथ साथ दिन विशेष को निर्धारित गतिविधि भी सम्पन्न की जानी है. उन्होंने कहा कि मास्क की कोई कमी नहीं है, आवश्यकतानुसार उन्हें उपलब्ध करा दिए जाएंगे. सभी को आपसी समन्वय रखते हुए इस जन आंदोलन को सफल बनाना है.

सिंह ने बताया कि जयपुर शहर को वार्डों के आधार पर 50 इकाइयों में बांटकर कोविड के खिलाफ जन आंदोलन में ‘नो मास्क नो एंट्री, अभियान’ के अन्तर्गत प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने सभी प्राचार्यों को उनके विद्यालय के आस-पास, वार्ड में प्रमुख भीड़-भाड़ वाले स्थलो की जानकारी रखने, नगर निगम, स्काउट और अन्य संगठनों के सहयोग से विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए, नो मास्क नो एंट्री के पोस्टर चस्पा करने, प्रभात फेरी, मास्क वितरण, सैनिटाइजेशन, नुक्कड़ नाटक, ढोल के साथ कॉलोनियों, मोहल्लों में कोरोना बचाव का संदेश देने के लिए निर्देश दिया.

पढे़ंः भाजपा को सता रहा बगावत का डर...कई वार्डों में नाम तय लेकिन घोषणा नहीं

एसएमएस अस्पताल की स्किल लैब के इंचार्ज मास्टर ट्रेनर राजकुमार राजपाल और राधेलाल शर्मा ने प्रतिभागी प्राचार्यों को कोविड के संक्रमण से बचाव, अब तक जारी किए गए दिश निर्देश और जन आंदोलन में फील्ड में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी.

जयपुर. जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन की ओर से जयपुर के विभिन्न ब्लॉक के राजकीय विद्यालयों के करीब 400 प्राचार्यों को मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा. इनका प्रशिक्षण शुक्रवार से शुरू हो गया है. यह मास्टर ट्रेनर्स लोगों को कोविड को लेकर जागरूक करेंगे.

अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तर बीरबल सिंह ने शुक्रवार को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में चयनित जयपुर के विभिन्न राजकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की प्रशिक्षण शृंखला की शुरुआत करते उन्हें संबोधित किया. सिंह ने कहा कि कोविड से मुकाबला करते हुए करीब 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन जन सामान्य में अभी भी इसे लेकर ना केवल कई भ्रांतियां मौजूद हैं, बल्कि जानकारी नहीं होने और लापरवाही के कारण इसके मामले जयपुर में ज्यादा बढ़े हैं.

पढे़ंः गहलोत सरकार का प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं...केवल कुर्सी बचाने में लगी है : अलका गुर्जर

ऐसे में जिले में इससे बचाव के अन्य उपायों के साथ मास्क और उचित दूरी के नियम की अनिवार्यता से पालना करवाने के लिए 2 अक्टूबर से चलाए जा रहे जन आन्दोलन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. शिक्षक इन भ्रांतियां को दूर कर ‘नो मास्क नो एंट्री’ के नियम की सख्ती से पालना करवाएं.

सिंह ने कहा कि कोरोना की अभी कोई वैक्सीन नहीं है, ऐसे में मास्क, उचित दूरी, जानकारी और बचाव ही वैक्सीन है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशसन द्वारा 15 से 31 अक्टूबर तक रोजाना विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का कलैंडर जारी कर दिया गया है. रोजाना किए जा रहे जन जागरूकता के कार्यक्रमों के साथ साथ दिन विशेष को निर्धारित गतिविधि भी सम्पन्न की जानी है. उन्होंने कहा कि मास्क की कोई कमी नहीं है, आवश्यकतानुसार उन्हें उपलब्ध करा दिए जाएंगे. सभी को आपसी समन्वय रखते हुए इस जन आंदोलन को सफल बनाना है.

सिंह ने बताया कि जयपुर शहर को वार्डों के आधार पर 50 इकाइयों में बांटकर कोविड के खिलाफ जन आंदोलन में ‘नो मास्क नो एंट्री, अभियान’ के अन्तर्गत प्रतिदिन विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने सभी प्राचार्यों को उनके विद्यालय के आस-पास, वार्ड में प्रमुख भीड़-भाड़ वाले स्थलो की जानकारी रखने, नगर निगम, स्काउट और अन्य संगठनों के सहयोग से विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए, नो मास्क नो एंट्री के पोस्टर चस्पा करने, प्रभात फेरी, मास्क वितरण, सैनिटाइजेशन, नुक्कड़ नाटक, ढोल के साथ कॉलोनियों, मोहल्लों में कोरोना बचाव का संदेश देने के लिए निर्देश दिया.

पढे़ंः भाजपा को सता रहा बगावत का डर...कई वार्डों में नाम तय लेकिन घोषणा नहीं

एसएमएस अस्पताल की स्किल लैब के इंचार्ज मास्टर ट्रेनर राजकुमार राजपाल और राधेलाल शर्मा ने प्रतिभागी प्राचार्यों को कोविड के संक्रमण से बचाव, अब तक जारी किए गए दिश निर्देश और जन आंदोलन में फील्ड में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.