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राजस्थान: हथियारबंद 30 कंपनियां संभालेंगी गुर्जर आंदोलन में मोर्चा...

1 नवंबर से राजस्थान में गुर्जर आंदोलन शुरू होने जा रहा है, जिसे देखते हुए प्रदेश की प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. इस पूरे आंदेलन पर खुद सीएम गहलोत पल-पल की अपडेट ले रहे हैं. शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई. जिसमें आंदोलन को लेकर पुलिस ने अपनी रूपरेखा तैयार की और साथ ही फोर्स की तैनाती को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया.

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पुलिस के पहरे में गुर्जर आंदोलन
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Published : Oct 30, 2020, 6:10 PM IST

जयपुर. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला द्वारा 1 नवंबर से राजस्थान में चक्काजाम करने की घोषणा करने के साथ गुर्जर आंदोलन का बिगुल बज गया है. बैंसला द्वारा घोषणा किए जाने के बाद पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई. कार्यवाहक डीजी एमएल लाठर, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सौरभ श्रीवास्तव और एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा सहित अनेक आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे. बैठक के दौरान गुर्जर आंदोलन को लेकर पुलिस ने अपनी रूपरेखा तैयार की और साथ ही फोर्स की तैनाती को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

पुलिस के पहरे में गुर्जर आंदोलन

गुर्जर आंदोलन को देखते हुए पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक में हथियारबंद 30 कंपनियों को आंदोलन में मोर्चा संभालने का निर्णय लिया गया है. जैसलमेर, बाड़मेर और गंगानगर बॉर्डर से पुलिस मुख्यालय द्वारा बॉर्डर होमगार्ड की 7 कंपनियां मंगवाई गई हैं. बॉर्डर होमगार्ड के वह जवान जिन्हें फौजी ट्रेनिंग दी गई है और जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उन्हें गुर्जर आंदोलन का मोर्चा संभालने के लिए बुलाया गया है.

पढ़ेंः आरक्षण को लेकर गुर्जर समाज 1 नवंबर से फिर करेगा आंदोलन

इसके साथ ही राजस्थान पुलिस ने केंद्र सरकार से रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनियां और सीआरपीएफ की 8 कंपनियां मांगी है. साथ ही आंदोलन स्थल पर आरएसी की 8 कंपनियां और एसटीएफ की 4 कंपनियों को मोर्चा संभालने के लिए भेजा गया है. वहीं, धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर और दौसा की पुलिस फोर्स के साथ ही प्रत्येक जिले को दी गई आरएसी की कंपनी भी आंदोलन स्थल पर मोर्चा संभालेगी.

इसके साथ ही 8 एडिशनल एसपी, 6 से ज्यादा अधिक डिप्टी एसपी और 12 से अधिक इंस्पेक्टर जो पूर्व में भरतपुर जिले में काम कर चुके हैं, उन्हें आंदोलन स्थल के लिए रवाना किया गया है. पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों द्वारा लगातार गुर्जर आंदोलन को लेकर मॉनिटरिंग की जा रही है और उचित दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं.

जयपुर. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला द्वारा 1 नवंबर से राजस्थान में चक्काजाम करने की घोषणा करने के साथ गुर्जर आंदोलन का बिगुल बज गया है. बैंसला द्वारा घोषणा किए जाने के बाद पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई. कार्यवाहक डीजी एमएल लाठर, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सौरभ श्रीवास्तव और एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा सहित अनेक आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे. बैठक के दौरान गुर्जर आंदोलन को लेकर पुलिस ने अपनी रूपरेखा तैयार की और साथ ही फोर्स की तैनाती को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

पुलिस के पहरे में गुर्जर आंदोलन

गुर्जर आंदोलन को देखते हुए पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक में हथियारबंद 30 कंपनियों को आंदोलन में मोर्चा संभालने का निर्णय लिया गया है. जैसलमेर, बाड़मेर और गंगानगर बॉर्डर से पुलिस मुख्यालय द्वारा बॉर्डर होमगार्ड की 7 कंपनियां मंगवाई गई हैं. बॉर्डर होमगार्ड के वह जवान जिन्हें फौजी ट्रेनिंग दी गई है और जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उन्हें गुर्जर आंदोलन का मोर्चा संभालने के लिए बुलाया गया है.

पढ़ेंः आरक्षण को लेकर गुर्जर समाज 1 नवंबर से फिर करेगा आंदोलन

इसके साथ ही राजस्थान पुलिस ने केंद्र सरकार से रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनियां और सीआरपीएफ की 8 कंपनियां मांगी है. साथ ही आंदोलन स्थल पर आरएसी की 8 कंपनियां और एसटीएफ की 4 कंपनियों को मोर्चा संभालने के लिए भेजा गया है. वहीं, धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर और दौसा की पुलिस फोर्स के साथ ही प्रत्येक जिले को दी गई आरएसी की कंपनी भी आंदोलन स्थल पर मोर्चा संभालेगी.

इसके साथ ही 8 एडिशनल एसपी, 6 से ज्यादा अधिक डिप्टी एसपी और 12 से अधिक इंस्पेक्टर जो पूर्व में भरतपुर जिले में काम कर चुके हैं, उन्हें आंदोलन स्थल के लिए रवाना किया गया है. पुलिस मुख्यालय से आला अधिकारियों द्वारा लगातार गुर्जर आंदोलन को लेकर मॉनिटरिंग की जा रही है और उचित दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं.

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