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पंजीकृत मोबाइल पर रुपए निकासी का मैसेज नहीं आना सेवा दोष, लगाया 25 हजार रुपए हर्जानाः आयोग

जयपुर जिला उपभोक्ता आयोग ने बैंक खाते से रुपए निकासी का मैसेज मोबाइल पर नहीं भेजने को सेवा दोष मानते हुए बैंक पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

25 thousand rupees damage on SBI bank
एसबीआई बैंक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना
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Published : Nov 8, 2021, 9:12 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग (District Consumer Commission) जयपुर-चतुर्थ ने बैंक खाते से रुपए निकासी का मैसेज नहीं भेजने को सेवा दोष मानते हुए एसबीआई बैंक (SBI Bank) पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

बैंक को निर्देश दिया है कि वह परिवादी को साइबर ठगों की ओर से उसके बैंक खाते से निकाली गई 86 हजार 275 रुपए की राशि परिवाद दायर करने की तारीख से 9 फीसदी ब्याज सहित वापस करे. उपभोक्ता आयोग ने यह आदेश श्रीराम मीणा के परिवाद पर दिए.

पढ़ें. पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट वसूलने वाली गहलोत सरकार जनता को राहत नहीं दे रही...ये हठधर्मी सरकार है: वसुंधरा राजे

परिवाद में कहा गया कि उसका एसबीआई बैंक में खाता था और उसे पंजीकृत मोबाइल नंबर पर राशि निकासी का मैसेज भेजने की भी सुविधा थी. उसके खाते से 9 अप्रैल से 13 अप्रैल 2017 के बीच 1 लाख 28 हजार रुपए निकाले गए. उसे 13 अप्रैल को मैसेज के जरिए खाते से रुपए निकाले जाने की जानकारी मिली. तब उसने बैंक जाकर खाते से की जा रही ऑनलाइन खरीदारी को रुकवाया. इस दौरान ट्रांजेक्शन फेल होने के कारण 42 हजार 525 रुपए उसके खाते में वापस जमा हो गए और उसे 86 हजार 275 रुपए का नुकसान हुआ.

परिवाद में कहा गया कि तय समय पर मैसेज नहीं आने के चलते उसे राशि निकलने की जानकारी नहीं मिली. इसके जवाब में बैंक ने कहा कि परिवादी के डेबिट कार्ड का उपयोग पीओएस मशीन पर किया है, जिसमें ओटीपी नहीं भेजते. बैंक की ओर से मामले में कोई लापरवाही नहीं बरती है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर कहा कि बैंक मैसेज भेजने के लिए शुल्क वसूलता है.

यदि परिवादी को रुपए निकासी का मैसेज समय पर मिलता तो वह निकासी रुकवा सकता था. ऐसे में खाताधारक को मैसेज नहीं भेजना सेवा दोष माना जाएगा. इसलिए बैंक परिवादी के खाते से निकाली गई राशि ब्याज सहित परिवादी को वापस करे.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग (District Consumer Commission) जयपुर-चतुर्थ ने बैंक खाते से रुपए निकासी का मैसेज नहीं भेजने को सेवा दोष मानते हुए एसबीआई बैंक (SBI Bank) पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

बैंक को निर्देश दिया है कि वह परिवादी को साइबर ठगों की ओर से उसके बैंक खाते से निकाली गई 86 हजार 275 रुपए की राशि परिवाद दायर करने की तारीख से 9 फीसदी ब्याज सहित वापस करे. उपभोक्ता आयोग ने यह आदेश श्रीराम मीणा के परिवाद पर दिए.

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परिवाद में कहा गया कि उसका एसबीआई बैंक में खाता था और उसे पंजीकृत मोबाइल नंबर पर राशि निकासी का मैसेज भेजने की भी सुविधा थी. उसके खाते से 9 अप्रैल से 13 अप्रैल 2017 के बीच 1 लाख 28 हजार रुपए निकाले गए. उसे 13 अप्रैल को मैसेज के जरिए खाते से रुपए निकाले जाने की जानकारी मिली. तब उसने बैंक जाकर खाते से की जा रही ऑनलाइन खरीदारी को रुकवाया. इस दौरान ट्रांजेक्शन फेल होने के कारण 42 हजार 525 रुपए उसके खाते में वापस जमा हो गए और उसे 86 हजार 275 रुपए का नुकसान हुआ.

परिवाद में कहा गया कि तय समय पर मैसेज नहीं आने के चलते उसे राशि निकलने की जानकारी नहीं मिली. इसके जवाब में बैंक ने कहा कि परिवादी के डेबिट कार्ड का उपयोग पीओएस मशीन पर किया है, जिसमें ओटीपी नहीं भेजते. बैंक की ओर से मामले में कोई लापरवाही नहीं बरती है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर कहा कि बैंक मैसेज भेजने के लिए शुल्क वसूलता है.

यदि परिवादी को रुपए निकासी का मैसेज समय पर मिलता तो वह निकासी रुकवा सकता था. ऐसे में खाताधारक को मैसेज नहीं भेजना सेवा दोष माना जाएगा. इसलिए बैंक परिवादी के खाते से निकाली गई राशि ब्याज सहित परिवादी को वापस करे.

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