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आरपीएससी पर 25 हजार का हर्जाना, एचएम पद पर नियुक्ति के आदेश

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Published : Sep 26, 2019, 11:14 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने हैड मास्टर भर्ती-2013 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से गेस्ट फैकल्टी को अनुभव में शामिल नहीं करने के एक मामले में आरपीएससी पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को सभी परिलाभ सहित नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

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जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हैड मास्टर भर्ती-2013 में आरपीएससी की ओर से गेस्ट फैकल्टी को अनुभव में शामिल नहीं करने के मामले में आरपीएससी पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को सभी परिलाभ सहित नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता अनूप ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने हैड मास्टर भर्ती के लिए वर्ष 2013 में आवेदन मांगे थे. जिसमें बीएड के साथ 5 साल के अध्यापन की शर्त रखी गई. भर्ती में चयन के बावजूद याचिकाकर्ता को यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी गई कि उसने गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अध्यापन किया है.

यह भी पढ़ें : राजस्थान में राजनीतिक भ्रष्टाचार चरम पर, बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय राजनीतिक भ्रष्टाचार की चरम सीमा : हनुमान बेनीवाल

याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि अध्यापन अनुभव में हर तरह के अध्यापन को शामिल किया जाएगा. वहीं हाल ही में हाईकोर्ट की खंडपीठ भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है. इसके बावजूद याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरपीएससी पर हर्जाना लगाते हुए याचिकाकर्ता को समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हैड मास्टर भर्ती-2013 में आरपीएससी की ओर से गेस्ट फैकल्टी को अनुभव में शामिल नहीं करने के मामले में आरपीएससी पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को सभी परिलाभ सहित नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता अनूप ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने हैड मास्टर भर्ती के लिए वर्ष 2013 में आवेदन मांगे थे. जिसमें बीएड के साथ 5 साल के अध्यापन की शर्त रखी गई. भर्ती में चयन के बावजूद याचिकाकर्ता को यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी गई कि उसने गेस्ट फैकल्टी के तौर पर अध्यापन किया है.

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याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि अध्यापन अनुभव में हर तरह के अध्यापन को शामिल किया जाएगा. वहीं हाल ही में हाईकोर्ट की खंडपीठ भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है. इसके बावजूद याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरपीएससी पर हर्जाना लगाते हुए याचिकाकर्ता को समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने हैड मास्टर भर्ती-2013 में आरपीएससी की ओर से गेस्ट फैकल्टी को अनुभव में शामिल नहीं करने के मामले में आरपीएससी पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को सभी परिलाभ सहित नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजेन्द्र कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
Body:याचिका में अधिवक्ता अनूप ढंड ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने हैड मास्टर भर्ती के लिए वर्ष 2013 में आवेदन मांगे। जिसमें बीएड के साथ पांच साल के अध्यापन की शर्त रखी गयी। भर्ती मेें चयन के बावजूद याचिकाकर्ता को यह कहते हुए नियुक्ति नहीं दी गई कि उसने गेस्ट फेकल्टी के तौर पर अध्यापन किया है। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि अध्यापन अनुभव में हर तरह के अध्यापन को शामिल किया जाएगा। वहीं हाल ही में हाईकोर्ट की खंडपीठ भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है। इसके बावजूद याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरपीएससी पर हर्जाना लगाते हुए याचिकाकर्ता को समस्त परिलाभ सहित नियुक्ति देने को कहा है। Conclusion:
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