बीकानेर. हाल ही में हुए प्रदेश के 2 सियासी घटनाक्रम को लेकर भाजपा नेता कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं. दरअसल मंत्रिपरिषद की हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बीच हुए हॉट टॉक के बाद मंत्रिमंडल में शामिल दलित वर्ग के मंत्रियों को मंत्रिमंडलीय उप समिति में शामिल करने को लेकर कांग्रेस विधायक की सोशल मीडिया पर टिप्पणी के बाद प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं होने की बात सामने आ रही है. वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक सभी नेताओं ने इस पर कांग्रेस पर तंज कसा है.
इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री भी भाजपा नेताओं पर पलटवार कर रहे हैं. सोमवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लेकर कहा कि भाजपा पहले अपने गिरेबान में झांके. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुलझे हुए नेता हैं और उनके नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस सरकार कोरोना की दूसरी लहर में भी बेहतर काम कर रही है.
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पार्टी के अंदरूनी मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी एक बड़ा परिवार है और पार्टी में किसी भी तरह की कोई बात होती है तो उसको मिलकर समझा जाता है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में हम सब एक हैं. खुद भाजपाई आपस में मुख्यमंत्री की दौड़ को लेकर लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा पूरे प्रदेश में खंड खंड है और खुद अपनी पूर्व मुख्यमंत्री का भी वे कहीं जिक्र नहीं कर रहे हैं.
भाटी ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश में कोरोना का भयानक संकट था, उस समय प्रदेश के 25 सांसद दिल्ली में अपनी सरकार से राजस्थान को उसके हक की ऑक्सीजन नहीं दिलवा पाए और वे भी तब जब प्रदेश से केंद्र सरकार में तीन मंत्री हैं और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने राजस्थान के हितों की बात नहीं कर पाए. ऐसे में उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए.