बीकानेर. नोखा पुलिस ने बिश्नोई समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल मुकाम में चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल कर ली है. चोरी करने वाले गिरोह के एक साथी के बारे में मिली सूचना के आधार काम करते हुए पुलिस को सफलता हाथ लगी. साथ ही गिरफ्तार चोरों ने पूछताछ में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मंदिरों में की गई चोरी की वारदातों को स्वीकार किया है. पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गिरोह के लोग केवल मंदिरों को ही अपना निशाना बनाते थे.
नोखा थानाधिकारी अरविन्द सिंह ने बताया कि मुकाम में चोरी की घटना के बाद विश्नोई समाज में भारी आक्रोश था. घटना को लेकर पुलिस पर भी काफी दबाव था. घटना को लेकर नोखा देशनोक और नापासर एसएसओ की एक टीम बनाई गई और टीम ने घटना के बाद आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. इस दौरान पुलिस को जानकारी में आया कि एक चोर का हाथ कटा हुआ है.
मुखबिरों से पुलिस को मिली जानकारी के आधार पर नागौर के खींवसर के महेंद्र को गिरफ्तार किया गया. आरोपी से पूछताछ करने पर उसने अपने दो साथियों के साथ वारदात करना स्वीकार किया. महेंद्र की सूचना के आधार पर शंकर निवासी जालोर और सुभाष निवासी खींवसर को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि गिरोह के दो लोग अभी फरार हैं.
इन चाेरियों का हुआ पर्दाफाश
जोधपुर भोमिया जी के मंदिर में चोरी, खींवसर गांव के पास स्थित बूढ़ी माता के मंदिर, नागौर के मन्तिलासर गांव, बीकानेर के पलाना गांव में सती मंदिर, नोखा के टांट गांव में और स्वरूपदेसर गांव में मंदिर, बाड़मेर के धोरीमना के बोर गांव में माताजी, गुड़ामलानी में रामजी की गोल में माताजी के मंदिर, बीकानेर के कतरियासर गांव में जसनाथ जी के मंदिर सहित अन्य वारदात को कबूल किया है. फिलहाल, पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है.