बीकानेर. पिछले कुछ लंबे समय से राजनीतिक सक्रियता से दूरी बनाए रखने वाले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने अब एक गैर राजनीतिक संगठन का गठन किया है. रणबांकुरा के नाम से गठित इस संगठन में पिछले 10 दिनों में 5000 से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. भाटी के फिर से सक्रिय होने और भविष्य की कार्य योजनाओं को लेकर की ईटीवी भारत ने उनसे कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. इस दौरान पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि कोरोना के काल में आम जनता को केंद्र और राज्य सरकार ने पूरी तरह से मरने के लिए छोड़ दिया है.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को अचानक रात को लगाया गया, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी. इसको सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा सकता था, क्योंकि कोरोना के संक्रमण का दो महीने पहले ही पता चल गया था. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर किए गए इंतजाम ना काफी होने को लेकर कटाक्ष करते हुए भाटी ने पूरी व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा चाहे केंद्र की सरकार की हो या राज्य सरकार की दोनों ही सरकारों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया. आम जनता और सामाजिक स्तर पर ही लोगों ने जरूरतमंदों की सार संभाल की. उन्होंने कहा कि रणबांकुरा गैर राजनीतिक संगठन है और कोरोना काल में इसके गठन की आवश्यकता इसीलिए पड़ी, क्योंकि सरकारें कुछ नहीं कर रही है और जनता को खुद के भरोसे छोड़ दिया.
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पूर्व मंत्री भाटी ने बताया कि कोरोना काल में इसका गठन इसीलिए किया है. ताकि लोगों की आपदा के समय मदद की जा सके और इस संगठन में 10 दिन में 5000 से ज्यादा लोग जुड़ गए हैं और प्रदेश में किसी भी आपदा के समय में यह रणबांकुरे अपने हिसाब से उन लोगों की मदद के लिए तैयार रहेंगे.
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में कोरोना काल में अव्यवस्थाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरे तथ्यों के साथ इसकी जानकारी ले रहा हूं और जल्दी ही एक आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी और जो जिम्मेदार हैं, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी. भाजपा को छोड़ने के निर्णय के गलत होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में लाभ हानि देख कर काम नहीं करता और जो साफ और सही होता है, वही बोलता हूं और उस वक्त भी जो गलत लगा वह किया और मुझे इसका कोई शिकवा नहीं है.