बीकानेर. बीकानेर में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम होने के चलते लोगों को भूकंप का एहसास नहीं हुआ और जानमाल के नुकसान की भी अभी तक कोई खबर नहीं है.
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक सुबह 8 बजकर 1 मिनट पर बीकानेर में 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप का केंद्र बीकानेर से 420 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में रहा. भूकंप के कारण किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. करीब चार-पांच दिन पहले बीकानेर के ही महाजन रामबाग अर्जुनसर इलाके में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. हालांकि इन झटकों का अहसास बीकानेर शहर में नहीं हुआ था. भूकंप का केंद्र 28.95N और 73.52E (बीकानेर से करीब 103 किमी) उत्तर रहा था. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई थी.
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क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है. ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं. इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है.
कुछ ऐसे करें बचाव?
- सुरक्षित स्थान पर भूकंपरोधी भवन का निर्माण कराएं.
- समय-समय पर आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण लें और पूर्वाभ्यास करें.
- आपदा की किट बनाएं, जिसमें रेडियो, जरूरी कागज, मोबाइल,टार्च, माचिस, मोमबत्ती, चप्पल, कुछ रुपए और जरूरी दवाएं रखें.
- संतुलन बनाए रखने के लिए फर्नीचर को कस पकड़ लें, लिफ्ट का प्रयोग कतई न करें.
- खुले स्थान पर पेड़ और बिजली की लाइनों से दूर रहें.
- मकान ध्वस्त हो जाने के बाद उसमें न जाएं.
- कार के भीतर हैं तो उसी में रहें, बाहर न निकलें.