भीलवाड़ा. पंचायती राज चुनाव में सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन दाखिल किया. इस दौरान कई जगह घूंघट की ओट में महिलाओं ने राजनीति की दहलीज पर कदम रखने के लिए निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन दाखिल किया. वहीं कई जगह उच्च शिक्षा प्राप्त की बालिका ने भी नामांकन दाखिल किए.
भले ही भारत और राजस्थान सरकार महिला उत्थान की बात करती है और राजनीति पर पचास प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी की बात की जाती है, लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं घूंघट की ओट में लोकतंत्र की दहलीज पर पैर रख रही है. पंचायती राज चुनाव के तहत सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों ने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन प्रस्तुत किया. इस दौरान लोकतंत्र की दहलीज पर कदम रखने वाली महिलाएं घूंघट में नामांकन दाखिल करने पहुंची.
ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा पहुंची. यहां निर्वाचन अधिकारी विकास मोहन भाटी के समक्ष महिलाओं ने भले ही मास्क लगा रखा हो लेकिन घुंघट में अपनी दावेदारी के लिए नामांकन प्रस्तुत किया. जहां भीलवाड़ा जिले में 14 पंचायत समिति और 37 जिला परिषद सदस्य के लिए सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन दोनों प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशियों की घोषणा के बाद नामांकन दाखिल किए. जहां पंचायत समिति सदस्य के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद महिला ने जब ईटीवी भारत से बात करनी चाही तो वो कुछ भी बोल नहीं पाई.
वहीं, एमएससी आईटी शिक्षा प्राप्त करने वाली बालिका पूजा चौधरी ने भी सोमवार को पढ़ाई के बाद राजनीति के दहलीज पर पहला कदम रखा. जहां भीलवाड़ा जिले की हुरड़ा पंचायत समिति के गागेड़ा क्षेत्र से पंचायत समिति सदस्य के लिए अपना भाग्य आजमाएगी.
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उन्होंने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नामांकन दाखिल करने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी सामाजिक कुरीतियां हैं जिसके कारण लड़के और लड़कियों में फर्क समझा जाता है. मैं सभी से अपील करती हूं कि लड़के और लड़की को एक समान समझा जाए, और मैं पूरे सम्मान के साथ काम करूंगी और हमेशा सेवा करती रहूंगी. इन्हीं मुद्दों को लेकर में चुनाव मैदान में जाऊंगी. साथ में अगर मैं विजय होती हूं तो मेरे परिवार का कोई सदस्य मेरी जगह राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करेगा. अब देखना ये होगा कि पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य पद के लिए मतदान के बाद कौन विजई होते हैं.