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भाजपा के बढ़ते जनाधार से घबराए सीएम गहलोत : कालू लाल गुर्जर

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Published : Oct 23, 2019, 3:01 PM IST

भीलवाड़ा में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए भाजपा के पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की पार्टी के पदाधिकारी और राजनेता भी गहलोत का विरोध कर रहे हैं. फिर भी मुख्यमंत्री अपनी बात पर अडिग है.

भीलवाड़ा की खबर, bhilwara news, भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, Former BJP minister Kalulal Gurjar

भीलवाड़ा. प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में निकाय चुनाव में डायरेक्ट चेयरमैन, सभापति और मेयर की नियुक्ति को लेकर धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी और भाजपा में विरोध के स्वर उठने लगे हैं. इसी दरमियान भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते जनाधार से घबरा गए हैं. इसी को लेकर वह निकाय चुनाव में बैकडोर एंट्री के लिए यह अमेंडमेंट लाए है. साथ ही कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और राजनेता भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध कर रहे हैं. फिर भी मुख्यमंत्री अपनी बात पर अडिग है.

भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर

दरअसल प्रदेश सरकार ने हाल ही में निकाय चुनाव में डायरेक्ट अध्यक्ष, सभापति और मेयर की नियुक्ति को लेकर प्रदेश में राजनीति गरमा गई है. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सहित कुछ कैबिनेट मंत्री विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मीडिया में अपना बयान देकर विरोध दर्ज करवा चुके हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचेतक और भाजपा के वरिष्ठ राजनेता कालू लाल गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है.

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कालू लाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार निकाय चुनाव में नया अमेंटमेंट लेकर आई है वो गैरकानूनी है और जनहित के विपरीत है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने यह सोचा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव प्रदेश में बढ़ गया है, जिससे शायद उनकी पार्टी का दावेदार चेयरमैन नहीं बन पाएगा. अशोक गहलोत को उनकी पार्टी से प्रदेश में एक भी चेयरमैन नहीं बनने का डर सता रहा.

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इसी को लेकर उन्होंने बैक डोर से एंट्री का काम किया है. कालू लाल ने कहा कि इससे ज्यादा घृणित राजनीति नहीं हो सकती. कांग्रेस में यह मुख्यमंत्री की सोच का एक तरह से दिवालापन है. इस तरह का अमेंडमेंट चलने योग्य नहीं होगा. यह लोकतंत्र का गला गोटा गया है.वहीं उपमुख्यमंत्री का मुख्यमंत्री पर निशाने के सवाल पर गुर्जर ने कहा कि इसमें कांग्रेस पार्टी में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं. वास्तव में उनका कहना भी वाजिब है मुझे आश्चर्य है कि मंत्रिमंडल का सामूहिक उत्तरदायित्व किसी भी प्रस्ताव को मंत्रिमंडल में रखे पारित नहीं हो सकता है. उन्होंने मंत्रिमंडल में यह प्रस्ताव रखा ही नहीं.

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वहीं भारतीय जनता पार्टी के विरोध के सवाल पर पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया है. गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विरोध कर रही है लेकिन सरकार इनकी है और चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो चुका है. ऐसे में अब कुछ परिवर्तन नहीं हो सकता है. वहीं हमारे प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी बार-बार विरोध दर्ज करवाया है. खुद कांग्रेस की सरकार के मंत्री, उप मुख्यमंत्री ने भी बयान देकर अपना पक्ष रखा है.

भीलवाड़ा. प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में निकाय चुनाव में डायरेक्ट चेयरमैन, सभापति और मेयर की नियुक्ति को लेकर धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी और भाजपा में विरोध के स्वर उठने लगे हैं. इसी दरमियान भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते जनाधार से घबरा गए हैं. इसी को लेकर वह निकाय चुनाव में बैकडोर एंट्री के लिए यह अमेंडमेंट लाए है. साथ ही कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी और राजनेता भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध कर रहे हैं. फिर भी मुख्यमंत्री अपनी बात पर अडिग है.

भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर

दरअसल प्रदेश सरकार ने हाल ही में निकाय चुनाव में डायरेक्ट अध्यक्ष, सभापति और मेयर की नियुक्ति को लेकर प्रदेश में राजनीति गरमा गई है. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सहित कुछ कैबिनेट मंत्री विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मीडिया में अपना बयान देकर विरोध दर्ज करवा चुके हैं. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचेतक और भाजपा के वरिष्ठ राजनेता कालू लाल गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है.

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कालू लाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार निकाय चुनाव में नया अमेंटमेंट लेकर आई है वो गैरकानूनी है और जनहित के विपरीत है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने यह सोचा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव प्रदेश में बढ़ गया है, जिससे शायद उनकी पार्टी का दावेदार चेयरमैन नहीं बन पाएगा. अशोक गहलोत को उनकी पार्टी से प्रदेश में एक भी चेयरमैन नहीं बनने का डर सता रहा.

पढ़ेंः भीलवाड़ा: निशुल्क स्वास्थ्य कैंप में 200 रोगी हुए लाभान्वित

इसी को लेकर उन्होंने बैक डोर से एंट्री का काम किया है. कालू लाल ने कहा कि इससे ज्यादा घृणित राजनीति नहीं हो सकती. कांग्रेस में यह मुख्यमंत्री की सोच का एक तरह से दिवालापन है. इस तरह का अमेंडमेंट चलने योग्य नहीं होगा. यह लोकतंत्र का गला गोटा गया है.वहीं उपमुख्यमंत्री का मुख्यमंत्री पर निशाने के सवाल पर गुर्जर ने कहा कि इसमें कांग्रेस पार्टी में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं. वास्तव में उनका कहना भी वाजिब है मुझे आश्चर्य है कि मंत्रिमंडल का सामूहिक उत्तरदायित्व किसी भी प्रस्ताव को मंत्रिमंडल में रखे पारित नहीं हो सकता है. उन्होंने मंत्रिमंडल में यह प्रस्ताव रखा ही नहीं.

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वहीं भारतीय जनता पार्टी के विरोध के सवाल पर पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया है. गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विरोध कर रही है लेकिन सरकार इनकी है और चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो चुका है. ऐसे में अब कुछ परिवर्तन नहीं हो सकता है. वहीं हमारे प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी बार-बार विरोध दर्ज करवाया है. खुद कांग्रेस की सरकार के मंत्री, उप मुख्यमंत्री ने भी बयान देकर अपना पक्ष रखा है.

Intro:भीलवाड़ा- प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में निकाय चुनाव में डायरेक्ट चेयरमैन ,सभापति व मेयर की नियुक्ति को लेकर धीरे-धीरे कांग्रेश पार्टी व भाजपा में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इसी दरमियान भाजपा की पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भारतीय जनता पार्टी के बढ़ रहे हैं जनाधार से घबरा गए हैं इसी को लेकर उन्होंने निकाय चुनाव में बैकडोर एंट्री के लिए यह अमिटमेंट लेकर आए हैं । साथ ही कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी व राजनेता भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विरोध कर रहे हैं। फिर भी ऐसा नशडा व ढीट मुख्यमंत्री नहीं देखा जो अपनी बात पर अडिग है।


Body:प्रदेश सरकार ने हाल ही में निकाय चुनाव में डायरेक्ट अध्यक्ष, सभापति व मेयर की नियुक्ति को लेकर प्रदेश में राजनीति गरमा गई है । जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सहित कुछ कैबिनेट मंत्री विरोध कर रहे हैं । वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी मीडिया में बयान देकर विरोध दर्ज करवा चुके हैं ।इसी कड़ी में राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचेतक व भाजपा के वरिष्ठ राजनेता कालू लाल गुर्जर ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है।

कालू लाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने जो निकाय चुनाव में नया अमेंटमेंट लेकर आई है जो गैरकानूनी है और जनहित के विपरीत है । मुझे लगता है कि अशोक गहलोत ने यह सोचा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रभाव प्रदेश में बढ़ गया है। जिससे शायद हमारा एक भी चेयरमैन नहीं बने। अशोक गहलोत ने प्रदेश मे एक भी चेयरमैन नहीं बनने का डर सता रहा था ।इसी को लेकर उन्होंने बैक डोर से एंट्री का काम किया है। जो पैसे वाले को टिकट देकर, पैसे बांट कर खरीद फरोख्त करके चेयरमैन बना देंगे । मुझे लगता यही है कि मैं सोचता हूं कि इससे ज्यादा घृणित राजनीति नहीं हो सकती है । कांग्रेस में यह मुख्यमंत्री की सोच का एक तरह से दिवालापन है।
इस तरह का अमेंटमेंट चलने योग्य नहीं होगा। न चल सकता है। यह लोकतंत्र का गला गोटा गया है।

वहीं उपमुख्यमंत्री का मुख्यमंत्री पर निशाने के सवाल पर गुर्जर ने कहा कि इसमें कांग्रेस पार्टी में भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं वास्तव में उनका कहना भी वाजिब है मुझे आश्चर्य है कि मंत्रिमंडल का सामूहिक उत्तरदायित्व किसी भी प्रस्ताव को मंत्रिमंडल में रखे पारित नहीं हो सकता है । उन्होंने मंत्रिमंडल में यह प्रस्ताव रखा ही नहीं ।

वहीं भारतीय जनता पार्टी के विरोध के सवाल पर पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया है कुछ लोग हाईकोर्ट में रीट के लिए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी विरोध कर रही है लेकिन सरकार इनकी है और चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो चुका है ऐसे में अब कुछ परिवर्तन नहीं हो सकता है । वही हमारे प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी बार-बार विरोध दर्ज करवाया है ।

खुद कांग्रेश की सरकार के मंत्री , उप मुख्यमंत्री ने भी बयान देकर अपना पक्ष रखा है जो उनके सरकार के पार्ट हैं। फिर भी कहना चाहिए की सरकार के विरोध के बाद भी ऐसा नशाडा व ढीट मुख्यमंत्री नहीं देखा जो अपनी बात पर अडिग है कि हमने जो नया अमीटमेन्ट का फैसला कर दिया है वह अच्छा कर रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि खुद सरकार में विरोध के बाद क्या मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस अमीटमेन्ट मे कुछ परिवर्तन करते हैं या नहीं।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाइट -कालू लाल गुर्जर

पूर्व मुख्य सचेतक राजस्थान सरकार ई


Conclusion:
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