भीलवाड़ा. देश में टेक्सटाइल नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर के टेक्सटाइल उद्यमियों में दिनोंदिन संकट के बादल मंडरा रहे हैं. राज्य सरकार ने हाल ही में प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की है. जिससे भी इन टैक्सटाइल उद्यमियों को जूझना पड़ेगा.
हाल ही में विद्युत दरों में बढ़ोतरी को लेकर भीलवाड़ा टेक्सटाइल के प्रमुख संगठन लघु उद्योग भारती, सिंथेटिक वीविंग मिल्स एसोसिएशन और भीलवाड़ा टैक्सटाइल फेडरेशन के तीनों संगठनों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मांग की, कि जो टेक्सटाइल नीति पर विद्युत दरें बढ़ाई है उसको वापिस ली जाए. नहीं तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
तीनों संगठनों के समन्वयक प्रेम स्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि हाल ही में राज्य सरकार ने विद्युत दरों को बढ़ाकर विशेष सेक्टर को लाभ देने के लिए नई घोषणा की है. जो भीलवाड़ा टेक्सटाइल जगत के लिए निराशाजनक है. 6 माहीने पहले भी राज्य सरकार ने बिजली दरों को लेकर विज्ञापन जारी किया था. तब हमने फेडरेशन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ओर विरोध दर्ज करवाया था.
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उस समय सब मंत्रियों ने भी कहा था, कि हम आपको 1 से 2 रुपये प्रति यूनिट अनुदान दिलवाएंगे. लेकिन हाल ही में जो नई विद्युत दरें लागू हुई है उसमें 100, 200 और 300 हॉर्सपावर के छोटे उद्यमियों को छोड़कर, हजार हॉर्स पावर से बड़े उद्यमियों को लाभ मिलेगा.
इससे छोटे उद्योगों पर संकट के बादल गहरा जाएंगे और बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे. हम लोग भी 2 से 4 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी चाहते हैं. नहीं तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. अगर सरकार बिजली की बढ़ी हुई दर वापस नहीं लेती है तो वे आंदोलन करेंगे और कानून-व्यवस्था खराब होगी तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.