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बढ़ी बिजली दरों से घबराए भीलवाड़ा के टेक्सटाइल उद्यमी, मुख्यमंत्री के नाम 10 फरवरी को ज्ञापन सौंपेंगे

प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की है उनसे टेक्सटाइल नगरी भीलवाड़ा के उद्योगों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा. जिसको लेकर भीलवाड़ा के टेक्सटाइल जगत के सभी संगठन जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम 10 फरवरी को ज्ञापन सौंपेंगे.

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बढ़ी बिजली दरों घबराए टेक्सटाइल उद्यमी
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Published : Feb 10, 2020, 2:14 PM IST

भीलवाड़ा. देश में टेक्सटाइल नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर के टेक्सटाइल उद्यमियों में दिनोंदिन संकट के बादल मंडरा रहे हैं. राज्य सरकार ने हाल ही में प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की है. जिससे भी इन टैक्सटाइल उद्यमियों को जूझना पड़ेगा.

बढ़ी बिजली दरों घबराए टेक्सटाइल उद्यमी

हाल ही में विद्युत दरों में बढ़ोतरी को लेकर भीलवाड़ा टेक्सटाइल के प्रमुख संगठन लघु उद्योग भारती, सिंथेटिक वीविंग मिल्स एसोसिएशन और भीलवाड़ा टैक्सटाइल फेडरेशन के तीनों संगठनों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मांग की, कि जो टेक्सटाइल नीति पर विद्युत दरें बढ़ाई है उसको वापिस ली जाए. नहीं तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

तीनों संगठनों के समन्वयक प्रेम स्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि हाल ही में राज्य सरकार ने विद्युत दरों को बढ़ाकर विशेष सेक्टर को लाभ देने के लिए नई घोषणा की है. जो भीलवाड़ा टेक्सटाइल जगत के लिए निराशाजनक है. 6 माहीने पहले भी राज्य सरकार ने बिजली दरों को लेकर विज्ञापन जारी किया था. तब हमने फेडरेशन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ओर विरोध दर्ज करवाया था.

पढ़ें. शहीद राजीव सिंह शेखावत को अंतिम विदाई, पैतृक गांव लुहाकना खुर्द तक 20 किमी लंबी रैली

उस समय सब मंत्रियों ने भी कहा था, कि हम आपको 1 से 2 रुपये प्रति यूनिट अनुदान दिलवाएंगे. लेकिन हाल ही में जो नई विद्युत दरें लागू हुई है उसमें 100, 200 और 300 हॉर्सपावर के छोटे उद्यमियों को छोड़कर, हजार हॉर्स पावर से बड़े उद्यमियों को लाभ मिलेगा.

इससे छोटे उद्योगों पर संकट के बादल गहरा जाएंगे और बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे. हम लोग भी 2 से 4 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी चाहते हैं. नहीं तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. अगर सरकार बिजली की बढ़ी हुई दर वापस नहीं लेती है तो वे आंदोलन करेंगे और कानून-व्यवस्था खराब होगी तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

भीलवाड़ा. देश में टेक्सटाइल नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर के टेक्सटाइल उद्यमियों में दिनोंदिन संकट के बादल मंडरा रहे हैं. राज्य सरकार ने हाल ही में प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की है. जिससे भी इन टैक्सटाइल उद्यमियों को जूझना पड़ेगा.

बढ़ी बिजली दरों घबराए टेक्सटाइल उद्यमी

हाल ही में विद्युत दरों में बढ़ोतरी को लेकर भीलवाड़ा टेक्सटाइल के प्रमुख संगठन लघु उद्योग भारती, सिंथेटिक वीविंग मिल्स एसोसिएशन और भीलवाड़ा टैक्सटाइल फेडरेशन के तीनों संगठनों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मांग की, कि जो टेक्सटाइल नीति पर विद्युत दरें बढ़ाई है उसको वापिस ली जाए. नहीं तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

तीनों संगठनों के समन्वयक प्रेम स्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि हाल ही में राज्य सरकार ने विद्युत दरों को बढ़ाकर विशेष सेक्टर को लाभ देने के लिए नई घोषणा की है. जो भीलवाड़ा टेक्सटाइल जगत के लिए निराशाजनक है. 6 माहीने पहले भी राज्य सरकार ने बिजली दरों को लेकर विज्ञापन जारी किया था. तब हमने फेडरेशन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ओर विरोध दर्ज करवाया था.

पढ़ें. शहीद राजीव सिंह शेखावत को अंतिम विदाई, पैतृक गांव लुहाकना खुर्द तक 20 किमी लंबी रैली

उस समय सब मंत्रियों ने भी कहा था, कि हम आपको 1 से 2 रुपये प्रति यूनिट अनुदान दिलवाएंगे. लेकिन हाल ही में जो नई विद्युत दरें लागू हुई है उसमें 100, 200 और 300 हॉर्सपावर के छोटे उद्यमियों को छोड़कर, हजार हॉर्स पावर से बड़े उद्यमियों को लाभ मिलेगा.

इससे छोटे उद्योगों पर संकट के बादल गहरा जाएंगे और बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे. हम लोग भी 2 से 4 रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी चाहते हैं. नहीं तो हम उग्र आंदोलन करेंगे. अगर सरकार बिजली की बढ़ी हुई दर वापस नहीं लेती है तो वे आंदोलन करेंगे और कानून-व्यवस्था खराब होगी तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी.

Intro:भीलवाड़ा - हाल ही में राज्य सरकार द्वारा जो प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की है उनसे टेक्सटाइल नगरी भीलवाड़ा के उद्योगों पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा । जिसको लेकर भीलवाड़ा के टेक्सटाइल जगत के सभी संगठन जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम 10 फरवरी को ज्ञापन सौंपेंगे । वही टेक्सटाइल के तीनों संगठन के समन्वयक प्रेम स्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा टेक्सटाइल जगत के लिए विद्युत दरें बढ़ना निराशाजनक है।


Body:देश में टेक्सटाइल नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर के टेक्सटाइल उद्यमियों में दिनोंदिन संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जहां राज्य सरकार द्वारा हाल ही में प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी की है जिससे भी इन टैक्सटाइल उद्यमियों को जूझना पड़ेगा। वहीं दूसरे प्रदेश से यहां पर राजस्थान में उद्योगों के लिए टेक्सटाइल निति अलग है। वहां बिजली की दर सस्ती है। जहां हाल ही में विद्युत दरों में बढ़ोतरी को लेकर भीलवाड़ा टेक्सटाइल के प्रमुख संगठन लघु उद्योग भारती, सिंथेटिक वीविंग मिल्स एसोसिएशन एवं भीलवाड़ा टैक्सटाइल फेडरेशन के तीनों संगठन ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की ओर सरकार से मांग की कि जो टेक्सटाइल नीति पर विद्युत दरें बढ़ाई है उसको वापिस ली जाए। नहीं तो हमारे को आंदोलन करना पड़ेगा।

तीनों संगठनों के समन्वयक प्रेम स्वरूप गर्ग ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा विद्युत दरों को बढ़ाकर विशेष सेक्टर को लाभ देने के लिए नई घोषणा की है जो भीलवाड़ा टेक्सटाइल जगत के लिए निराशाजनक है। पिछले 6 माह पहले राज्य सरकार ने बिजली दरों को लेकर विज्ञापन जारी किया । तब हमने फेडरेशन ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ओर विरोध दर्ज करवाया। पिछले 5 वर्ष से चाहे कोई भी सरकार रही हो टेक्सटाइल उद्योग वर्तमान में विद्युत दर में भीलवाड़ा के उधोगों मे संकट है । इसके लिए अनुदान देना आवश्यक है। उस समय सब मंत्रियों ने भी कहा कि हम आपको एक से 2 रूपये प्रति यूनिट अनुदान दिलवाएंगे ।

लूकिन हाल ही में जो नई विद्युत दरें लागू हुई है उसमें 100, 200 व 300 हॉर्सपावर के छोटे उद्यमियों को छोड़कर हजार हॉर्स पावर से बड़े उद्यमियों को लाभ मिलेगा। इससे छोटे उद्योगों पर संकट के बादल गहरा जाएंगे और बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे। हम लोग भी दो से 4 रूपये प्रति यूनिट सब्सिडी चाहते हैं। नहीं तो हम उग्र आंदोलन करेंगे। अगर सरकार बिजली की बढ़ी हुई दर वापस नहीं लेती है जिससेआर्डर खराब होगा जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी।

बाइट -प्रेम स्वरूप गर्ग
समन्वयक टेक्सटाइल संगठन

अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इन टैक्सटाइल उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए विद्युत दरों में कटौती करती है या नहीं।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा


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