भीलवाड़ा. नागरिक संशोधन एक्ट बिल पास होने के बाद देशभर में हंगामे के बीच मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानि एनपीआर अपडेट करने की मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपडेट होने के बाद अगले साल अप्रैल महीने से अपडेट करने का काम शुरू हो जाएगा.
एनपीआर ऑपरेशन पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया, कि केंद्रीय कैबिनेट ने एनपीआर को मंजूरी दे दी है. इसमें दो मुख्य बिंदु हैं एक तो नेशनल रजिस्टर बनाया जा रहा है. इस रजिस्टर में लोगों से जानकारी के लिए ज्यादा कुछ पूछा नहीं जाएगा. सिर्फ नाम ,पता, उम्र, लिंग यह जानकारी ली जाएगी. इसके आधार पर पूरे देश में जनसंख्या की काउंटिंग होगी. जिसमें पता लग जाएगा, कि देश में किस कैटेगरी की कितनी जनसंख्या है और कितनी महिलाएं हैं, इनकी छंटनी होगी.
यह रजिस्टर बनने के बाद योजनाओं की क्रियान्विति के लिए जनसंख्या के आंकड़े योजना आयोग को दिए जाएंगे. जिसमें पता लगेगा, कि देश में वर्तमान में इतनी आबादी हो चुकी है. नीति आयोग इन आंकड़ों के आधार पर अगली पंचवर्षीय, दो वर्षीय और जो भी योजना धरातल पर लागू करनी है, उस योजना को बनाएगा.
साथ ही इस एनपीआर को लेकर मंगलवार शाम को ही देश के गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा था, कि इसमें किसी प्रकार के दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे, जो आपके द्वारा दस्तावेज उपलब्ध करवाए जाएंगे, उसी के आधार पर सही माना जाएगा. साथ ही 6 महीने से ज्यादा किसी स्थान पर रहने का ब्यौरा दर्ज होगा. इससे एनपीआर से आगे की जो योजना बन रही है, उन योजनाओं को कंप्लीट करने के लिए यह एनपीआर लागू किया गया है. इसमें आलोचना करने की कोई भी बात नहीं है, फिर भी अगर कहीं राजनीतिक दल आलोचना करता है तो अलग बात है.