भीलवाड़ा. शहर में दिनों-दिन कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में सरकार लगातार लोगों को अपनी इम्युनिटी पावर बढ़ाने की सलाह दे रही है. वहीं, आगामी त्योहारों को लेकर मिलावटखोरों ने अभी से ही मिलावटी मिठाई बनानी शुरू कर दी है. जिसको खाने से आमजन सिर्फ बीमार नहीं पड़ेंगे, बल्कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होगी.
यही नहीं, बनने के बाद इन मिठाइयों को खुले में रखा जाता है, जिसकी वजह से कोरोना होने का खतरा लगातार बना रहता है. बता दें कि त्योहारी सीचन में शहर और गांव में मिठाई में मिलावट का कारोबार खूब पनपते है. इसके लिए कारोबारी त्योहार से एक महीना पहले ही सक्रिय हो जाते हैं. ऐसे में इस बार मिलावटखोरों ने दीपावली पर बनने वाली मिठाई की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है.
ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि अगर इस बार कोरोना काल में मिलावटी मिठाइयों से नहीं बचे तो, आगे बीमारियां बढ़ने की आशंका बढ़ सकती है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर दुष्यंत शर्मा ने कहा कि त्योहार के सीजन में मिठाई बड़ी तादात में बनती है. इसलिए ज्यादा मिलावट की आशंका होती है. इस बार महामारी के दौरान त्योहार के समय मिठाई का इस्तेमाल करने या उन्हें खाने से बचना ही सही उपाय है.
मिलावटी खाद्य सामग्री का प्रयोग करने से लिवर और किडनी को प्रभावित हो सकती है. साथ ही अन्य बीमारी भी पैदा होती है. जिसके चलते शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. कोरोना का शरीर पर बड़ा ही भारी दुष्प्रभाव होता है. अगर मिलावटी मिठाई का उपयोग किया जाता है, तो उससे संक्रमण बढ़ेगा और इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है.
वहीं दूसरी ओर शहरवासी रवि कुमार खटीक ने कहा कि आने वाले दिनों में त्योहारों का सीजन आ रहा है. ऐसे में भीलवाड़ा में मिठाई भी जोरों-शोरों से बन रही है. साथ ही भीलवाड़ा में मिलावटी मिठाइयों का बिकना भी शुरू हो गया है. जो कि शरीर के लिए काफी घातक मानी जाती है.
डॉक्टरों का भी यही मानना है कि इस बार आने वाले सीजन में मिलावटी मिठाइयों से बचें और घर पर बनी हुई मिठाइयां खाएं. बता दें कि भीलवाड़ा में मिलावट का कारोबार मावा मंडी से शुरू होकर बड़े प्रतिष्ठानों पर पहुंचता है. मंडी में बड़ी तादाद में मावा बिकता है. देहात के विक्रेता भी मावा लेकर आते हैं.