भरतपुर. सोशल मीडिया पर किसानों के गाने का वीडियो इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है. हालांकि ये कहां का है इसकी ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है, लेकिन जिस स्थानीय भाषा में ये गाना गाया जा रहा है, वो ब्रज क्षेत्र से मिलती जुलती है. ऐसे में राजस्थान का भरतपुर जिला और मथुरा का थोड़ा हिस्सा भी ब्रज क्षेत्र में आता है. जिससे वहां की बोली इस गाने से मिल रही है. वहीं जब ईटीवी भारत भरतपुर के ग्रामीण इलाके में पहुंचा तो वहां भी आवारा पशुओं से फसल को नुकसान की पीड़ा किसानों ने बताई.
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वायरल वीडियो में कुछ किसान एकत्रित होकर रात में अलाव के सहारे बैठे है. ऐसे में अपनी फसल की देखरेख के साथ-साथ वो अपनी पीड़ा को गाना के जरिए बता रहे है. जिसमें साफ सुनाई दे रहा है कि कैसे आवारा पशुओं से अपनी फसल को नष्ट होने से बचाने के लिए उनको किस तरह की मुसीबत झेलनी पड़ रही है. और अपने गाने से वो कैसे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे है.
दरअसल, राजस्थान का पूर्वी द्वार भरतपुर जिला जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा सीमा से सटा हुआ है. वहां भी इन दिनों आवारा पशुओं से किसान बेहद चिंतित है और आवारा पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान दिन रात जागकर अपनी फसलों की रक्षा करने के लिए मजबूर है.
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इस भीषण ठण्ड के मौसम में किसान आवारा पशुओं से अपनी फसलों की रक्षा के लिए रात भर जगता है. जिससे अन्न उत्पादन कर वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. हालांकि किसान हमेशा सरकार से मांग करते आए है कि सरकार बड़ी गौशाला खुलवाए और आवारा पशुओं को उनमें शिफ्ट करें. जिससे उनकी फसल नष्ट होने से बच सकें. लेकिन सरकार का इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं है.