भरतपुर. जिले के कामां थाना क्षेत्र के गांव सुनहरा में अवैध हथकढ़ शराब पीने से 5 लोगों की मौत के मामले में ग्रामीणों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में शराब माफिया से मिलीभगत कर प्रकरण को रफा-दफा करने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, अब तक विभाग के अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों से मिलने या उन्हें मुआवजा दिलाने के प्रयास भी नहीं किए हैं. ग्रामीणों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और अवैध हथकढ़ शराब को बंद कराने की मांग की है.
ग्रामीण विजय मिश्रा ने बताया कि अवैध हथकढ़ जहरीली शराब के सेवन से गांव में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है. ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग के अधिकारी शराब माफिया से मिलीभगत कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रहे हैं. इतना ही नहीं जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के मामले में शवों का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया और रातों-रात अंतिम संस्कार करा दिया गया.
4 दिन बाद लिए सैंपल...
ग्रामीण विजय मिश्रा ने बताया कि गांव में जिस दिन जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हुई थी, उसी दिन शराब के सैंपल लेने के बजाय आबकारी विभाग ने शराब माफिया से मिलीभगत कर 4 दिन बाद सैंपल लिए. धरना दे रहे ग्रामीणों का आरोप है कि अब तक प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने गांव में आकर मृतक के परिजनों से मिलकर उनकी सुध नहीं ली है. ना ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की कोई पहल की गई है.
ग्रामीण गंगाप्रसाद ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एसडीएम ग्रामीणों से पूछताछ के नाम पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भेजकर उनको धमका रहे हैं, जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी रोष है. वहीं, धरना दे रहे ग्रामीणों ने डीग आबकारी थाने पर तैनात बब्बल यादव और जिला आबकारी अधिकारी का स्थानांतरण करने, शराब दुखांतिका पूरे मामले की जांच प्रशिक्षु आईपीएस सुमित मेहरड़ा से कराने और मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है.