भरतपुर. असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा प्रदेशभर में हर्षोलास से मनाया गया. लेकिन भरतपुर में रावण दहन (Ravana combustion became a challenge in Bharatpur) करना जिला प्रशासन के लिए चुनौती साबित हुआ है. यहां रावण दहन के लिए जिला प्रशासन के साथ ही नगर निगम के कर्मचारियों को करीब 1 घंटे की मशक्कत करनी पड़ी. तब जाकर रावण दहन हो सका. इस मौके पर राज्यमंत्र डॉ सुभाष गर्ग भी मौजूद रहे.
दरअसल लोहागढ़ स्टेडियम में बुधवार शाम 7.28 बजे राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने पुतला दहन के लिए (Dr Subhash Garg in Bharatpur dussehra) आतिशी डोर में आग लगाई. डोर की आग पुतला तक पहुंच गई, लेकिन दहन नहीं हो सका. आनन फानन में कर्मचारी पेट्रोल लेकर पुतला के पास पहुंचे और पैरों की तरफ पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई, लेकिन फिर भी रावण दहन नहीं हो सका. इसके बाद में कर्मचारियों और पुतला बनाने वाले लोगों ने रस्सी से बंधे रावण के पुतले को नीचे गिराया.
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उसके बाद पुतले में जगह जगह आग लगाई गई. तब जाकर करीब एक घंटे में पुतला दहन हो सका. बताया जा रहा है कि इस दौरान कुछ गाड़ियों से भी पेट्रोल निकालकर लाना पड़ा. रावण दहन के दौरान आ रही चुनौतियों के बीच जिला प्रशासन भी हतप्रभ रह गया. रावण दहन की आतिशबाजी देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में भीड़ जमा हुई लेकिन सही तरीके से रावण दहन नहीं हुआ, तो लोगों को भी मायूस होना पड़ा.
वहीं, रावण दहन में हुई मशक्कत को लेकर राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि रावण को मारना आसान काम नहीं होता. रावण आसानी से नहीं मरता, लेकिन आखिर में रावण मरता है. उन्होंने कहा कि भरतपुरी भाषा में कहें तो रावण को पटकनी देकर दहन किया गया है.