बीजिंग: भारत का पड़ोसी देश चीन अपनी सख्त'वन चाइल्ड पॉलिसी' की वजह से पिछले कई साल से जन्म दर में लगातार गिरावट झेल रहा है. हालांकि, चीन ने अपनी इस नीति में बदलाव किया और देश में जन्म दर बढ़ाने के लिए कई पहलों को भी शुरू किया. इसके चलते अब धीरे-धीरे चीन के लोगों के घकों में खुशियां आने लगी हैं और उनके आंगन में किलकारियां गूंजने लगी है.
2016 के बाद पहली बार देश में शिशु जन्मदर में 17 फीसदी को बढ़ोत्तरी देखी गई. यह सब चीन के कैश योजना की वजह से संभव हुआ है. दरअसल, चीनी सरकार जन्म दर बढ़ाने के लिए लोगों को कैश पैसे दे रही है. इस नीति का असर अब देखने को भी मिल रहा है.
हाल में जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार चीन के हुबेई प्रांत में 2023 की तुलना में 2024 में 1050 ज्यादा शिशुओं का जन्म हुआ. यह आंकड़ा चीन के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आया है, जो इस समय बुजुर्गों की बढ़ती आबादी और घटती जन्म दर से जूझ रहा है. ये दोनों स्थितियां चीन के आर्थिक विकास के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी थीं.
कैश ईनाम दे रहीं कंपनियां
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय सरकारों और प्रमुख कंपनियों की कैश स्कीम की बदौलत चीन के तियानमेन शहर के आंगनों में किलकारियां गूंज रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरा बच्चा पैदा करने के लिए चीन की नामी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी एक्सपेंग अपने कर्मचारियों को 30,000 यूआन (3.53 लाख रुपये) कैश देने की पेशकश कर रही हैं.
एक्सपेंग के संस्थापक हे शियाओपेंग ने पिछले सप्ताह चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर जारी एक वीडियो क्लिप में नकद प्रोत्साहन की घोषणा की. वित्तीय सूचना टर्मिनल विंड के अनुसार, जून तक कंपनी में 13,000 से अधिक लोग कार्यरत थे.
शिशु जन्म दर में उछाल
इससे पहले हुबेई डेली की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले साल 2024 में जनवरी से नवंबर के बीच चीन में 6530 बच्चों का जन्म हुआ, जबकि इसी दौरान 2023 में 910 बच्चे पैदा हुए. यानी 2023 की तुलना में 2024 में शिशु जन्म दर में 16 फीसदी का उछाल आया है.
वहीं, कुछ कंपनियां तीसरी बार माता-पिता बनने वाले कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए 1.20 लाख का कूपन भी दे रही हैं, जबकि कुछ एकमुश्त नकद राशि दे रही हैं. इतना ही नहीं तीन साल तक बच्चे की देखभाल के लिए 1000 युआन की सब्सिडी भी ऑफर की जा रही है.
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