भरतपुर. जल संकट से जूझ रहे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के लिए लौटते हुए मानसून ने संजीवनी का काम किया है. बीते करीब चार दिन हो रही बरसात के चलते घना को अजान बांध और गोवर्धन ड्रेन से पानी मिलना शुरू हो गया है. उम्मीद है कि दोनों स्रोतों से घना को करीब 100 एमसीएफटी से अधिक पानी मिल (100 MCFT water for Keoladeo National Park) जाएगा. ऐसे में आने वाले पर्यटन सीजन में फिर से अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षी और पर्यटक आने की उम्मीद जाग गई है..
उद्यान निदेशक अभिमन्यु सहारण ने बताया कि 21 सितंबर की रात से क्षेत्र में अच्छी बरसात हो रही है. जिससे अजान बांध और गोवर्धन ड्रेन के माध्यम से अच्छी मात्रा में पानी मिलना शुरू हो गया है. आगामी कुछ दिन तक इसी तरह पानी मिलता रहा, तो घना को करीब 100 एमसीएफटी से अधिक पानी मिलने की उम्मीद है. साथ ही घना क्षेत्र में बरसात से सीधे तौर पर भी अच्छा पानी मिला है. इससे भी काफी राहत मिली है.
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पक्षी विशेषज्ञ भोलू अबरार ने बताया कि घना में लौटते मानसून की बरसात से अच्छा पानी मिल रहा है. काफी खाली ब्लॉक में पानी भर जाएगा. इससे अब अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षियों के आने की उम्मीद है. घना में अभी बी, डी, एल ब्लॉक में पेंटेड स्टोर्क, ओपन बिल्ड स्टोर्क, आइबिस आदि पक्षियों की नेस्टिंग है. कुछ के नवजात बच्चे भी नजर आने लगे हैं. अबरार ने बताया कि बरसात की वजह से आने वाला पर्यटन सीजन अच्छा रहने की उम्मीद है. ऐसे में घना पर निर्भर नेचर गाइड, रिक्शा चालक, होटल व्यवसाई आदि को भी अच्छी आय होने की उम्मीद जगी है.
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नौकायन का ले सकेंगे लुत्फ: निदेशक अभिमन्यु सहारण ने बताया कि अब तक कम बरसात की वजह से घना का एल ब्लॉक सखा पड़ा था. जिसके चलते आशंका थी कि शायद इस बार पर्यटकों को नौकायन नहीं करा पाएंगे. लेकिन बीते तीन चार दिन की बरसात से मिले पानी से एल ब्लॉक को भरा जा रहा है. जिससे आगामी सीजन में पर्यटकों को नौकायन करा सकेंगे. जिले में अब तक मानसूनी सीजन में कुल 541.92 मिमी बरसात हुई है, जबकि 24 सितंबर को 51.92 मिमी बरसात हुई.
इससे जिले के अजान बांध में करीब 4 फीट बरसाती पानी की आवक हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश सीमा से सटे क्षेत्र में भी अच्छी बरसात होने से गोवर्धन ड्रेन में भी पानी की आवक अच्छी हुई है. ऐसे में सीधे तौर पर दोनों स्रोतों से घना को अच्छी मात्रा में पानी मिल रहा है. गौरतलब है कि पर्यटन सीजन में घना को करीब 550 एमसीएफटी पानी की जरूरत होती (Water requirement of Keoladeo park) है. हालांकि अभी तक घना को जरूरत का पूरा पानी तो नहीं मिल पाया है, लेकिन फिर भी पक्षियों को आकर्षित करने लायक पानी उपलब्ध हो सका है.