भरतपुर. आकाश ने अभी तक क्रिकेट जगत में कई कारनामें किए हैं, जिसके आधार पर आकाश का चयन भारतीय अंडर-19 में हुआ है. वे इससे पहले भी अंडर-19 इंडिया A में खेल चुके हैं. इतना ही नहीं एक बार तो जयपुर में आयोजित हुई अंडर-16 भंवर सिंह देवड़ा क्रिकेट टूर्नामेंट में आकाश ने चार ओवर में बिना कोई रन दिए 10 विकेट झटके थे.
ऐसे में जब आकाश के पिता से हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि बचपन में आकाश ज्यादातर घर से बाहर ही रहता था. पढ़ाई में उसका मन बिल्कुल भी नहीं लगता था. घर के सभी लोग सोते रहते थे और आकाश पूरे दिन बॉलिंग की प्रैक्टिस करता रहता था. आकाश के पिता अक्सर उसे पढ़ाई के कहते थे. लेकिन उसका शुरू से दिमाग खेलने की तरफ था.
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जब आकाश के पिता ने उसकी प्रतिभा को देखा तो उसका एडमिशन बीकानेर की एक क्रिकेट एकेडमी में करवा दिया, जिसके बाद बीकानेर के कोच ने आकाश के पिता से कहा कि आपका बच्चा काफी होनहार है. इसलिए आप उसे किसी प्राइवेट एकेडमी में एडमिशन करवा दो. लेकिन परिजनों का हाथ उस समय थोड़ा तंग था. उसके बाद भी आकाश के पिता ने उसका एडमिशन प्राइवेट एकेडमी में करवा दिया. लेकिन एक साल के अंदर आकाश ने इतना प्रोग्रेस किया की पूरे जयपुर के अंदर आकाश का नाम हो गया. आकाश का भारतीय अंडर-19 टीम में चयन के बाद आकाश के पिता को अपने बेटे पर गर्व है.
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आकाश के बड़े भाई ने बताया कि पहले वो क्रिकेट खेलते थे. लेकिन अपने बड़े भाई को क्रिकेट खेलते देख आकाश को क्रिकेट खेलने का शौक चढ़ गया. वह शुरू से ही अपने से बड़े युवकों के साथ क्रिकेट खेलता था. बड़े भाई ने बताया कि आकाश हर किसी से कुछ न कुछ सीखता है और सभी की बात मानता है, आकाश में सिखने की बहुत ललक है.