भरतपुर. कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए स्वास्थ्यकर्मी दिन रात काम कर रहे हैं. लेकिन शनिवार को भरतपुर में डॉक्टर्स ने कार्य बहिष्कार कर दिया. जब एक स्वास्थ्य अधिकारी डिस्ट्रिक्ट प्रोगरामिंग मैनेजर कौशल तिवारी ने ऑफिसियल व्हाट्सएप ग्रुप पर स्वास्थ्य कर्मियों के लिए देर रात को लिख दिया कि 'एक दिन काम करने के बाद क्या आप लोग मर चुके हो जो जबाब नहीं दे रहे हो' और इस सन्देश को रात को तो किसी ने पढ़ा नहीं. लेकिन सुबह जागने के बाद जब यह अपमान जनक सन्देश पढ़ा तो स्वास्थ्यकर्मियों में नाराजगी व्याप्त हो गई.
सभी लोग कार्यालय पर इकट्ठे हुए और उन्होंने मिलकर कार्य का वहिष्कार कर दिया. शहर में अटलबंद थाना इलाके की तिलक नगर कॉलोनी में एक स्टूडेंट के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया है और कॉलोनी में घर घर जाकर हर व्यक्ति की कोरोना जांच के लिए सैकड़ों स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें एएनएम, चिकित्सक सहित अनेकों कर्मी कार्यरत हैं.
सभी कर्मचारियों ने डोर-टू-डोर सर्वे का काम शुरू कर दिया है और दिन भर काम करने के बाद शाम को सभी कर्मी अपने अपने घरों को चले गए और देर रात होने तक सो गए तभी स्वास्थ्य विभाग के डिस्ट्रिक्ड प्रोग्राम मैनेजर ने ऑफिसियल व्हाट्स एप ग्रुप पर कुछ निर्देश जारी किया. मगर जब देर रात तक किसी कर्मचारी ने उसका जबाब नहीं दिया तो गुस्से में उस अधिकारी ने फिर लिख दिया की एक दिन काम करने के बाद क्या आप सभी लोग मर चुके हो जो जबाब नहीं दे रहे हो.
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इस अपमानपूर्ण सन्देश के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी नाराज हो गए और सभी ने सुबह कार्य का बहिष्कार कर दिया. लेकिन काफी देर बाद स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी से माफ़ी मांगी तब जाकर मामला शांत हुआ. वहीं कोरोना में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों का आरोप है की वे दिन भर काम करते हैं. लेकिन फिर भी उनके लिए खाने और पीने की कोई व्यवस्था नहीं है.