भरतपुर. कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के नए केस सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग फिर से अपनी उपचार सुविधाओं को दुरुस्त करने में जुट गया है. लेकिन भरतपुर संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल और जनाना अस्पताल की बात करें तो यहां पर अभी भी ओमीक्रोन से निपटने के लिए ना तो पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं और ना ही स्टाफ.
नर्सिंग स्टाफ की जरूरत
जिला अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी ने बताया कि फिलहाल आरबीएम जिला अस्पताल और जनाना अस्पताल में ग्रेड फर्स्ट का करीब 40 नर्सिंग स्टाफ और ग्रेड सेकंड का करीब 150 नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध है. लेकिन वेंटिलेटर संभालने के लिए अभी भी कम से कम 30 नर्सिंग स्टाफ की सख्त जरूरत है.
पढ़ें : Newborn Girl Found In Bharatpur: जंगलमें मिली नवजात बालिका, ग्रामीणों ने अस्पताल में कराया भर्ती
उपकरण और विशेषज्ञों की भी जरूरत
डॉ साहनी ने बताया कि बच्चों के उपचार के लिए रेडिएंट वार्मर की सख्त आवश्यकता है. फिलहाल जनाना अस्पताल में 20 बेड और रेडिएंट वार्मर की क्षमता वाला एक एनआईसीयू उपलब्ध है. अभी भी 50 रेडिएंट वार्मर की जरूरत है. इतना ही नहीं दोनों अस्पतालों में करीब 5 शिशु रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं. लेकिन भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए करीब 7 शिशु रोग विशेषज्ञ और चाहिए. वहीं कोरोना को देखते हुए आरबीएम जिला अस्पताल में 20 बेड की क्षमता का एक आईसीयू रिजर्व कर दिया गया है. साथ ही बच्चों के उपचार के लिए चार वेंटिलेटर अलग से तैयार किए हैं.
पढ़ें : महंगाई हटाओ रैली केंद्र की भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए शंखनाद हैः सुभाष गर्ग
सुविधा और स्टाफ की स्थिति
आरबीएम में 20 आईसीयू बेड रिजर्व किए गए हैं. बच्चों के लिए 4 और व्यस्कों के लिए 60 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, लेकिन बोर्ड उपलब्ध नहीं. जनाना में एनआईसीयू में 20 बेड व वार्मर उपलब्ध, लेकिन 50 वार्मर की और जरूरत.
640 सिलेंडर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध
अस्पताल में कोरोना मरीजों की जरूरतों को देखते हुए पर्याप्त ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध है. इनमें 170- 170 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के दो प्लांट, एक 75 सिलेंडर और एक 90 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध है. जबकि 150 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट भी जल्द शुरू हो जाएगा.