भरतपुर. नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही. इस आरोप के साथ सोमवार को कुम्हेर थाना क्षेत्र की एक महिला ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आत्मदाह करने की इजाजत मांगी है. पीड़िता ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ 7 लोग बीते डेढ़ साल से डरा धमका कर सामूहिक दुष्कर्म कर रहे थे. जब इस दुष्कृत्य की जानकारी उसे मिली तो 5 दिसंबर 2020 को उसने नामजद 7 आरोपियों के खिलाफ थाना कुम्हेर में मामला दर्ज कराया.
पीड़िता महिला का आरोप है कि नामजद मामला दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने सिर्फ एक आरोपी को दोषी मानते हुए गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य 6 आरोपियों के नाम दोषी न मानते हुए निकाल दिए. महिला ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि जब वो 11 फरवरी को अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी व कार्रवाई की मांग करने के लिए एसपी के पास गई, तो एसपी ने उसे भला बुरा बोलकर ऑफिस से बाहर निकलवा दिया.
पढ़ें: शादी के एक दिन पहले दुल्हन को लगा जोर का झटका, परिवार समेत दूल्हा गायब
आत्मदाह करने की इजाजत मांगी...
राज्यपाल के नाम दिए ज्ञापन में महिला ने लिखा है कि या तो मुझे न्याय दिलाने की उचित व्यवस्था की जाए या फिर आत्मदाह करने की अनुमति दी जाए. वहीं, इस संबंध में एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई का कहना है कि महिला उनके पास कुछ अन्य लोगों को लेकर आई थी. उस दौरान सिर्फ समझाइश की थी, उसके लगाए आरोपी निराधार हैं. अनुसंधान में घटना वाले दिन की सभी आरोपियों की कॉल डिटेल निकलवाई गई थी, जिसमें एक आरोपी की कॉल डिटेल घटना स्थल के आसपास बोल रही थी, जबकि अन्य आरोपियों की कॉल डिटेल बाहर की थी. पीडि़ता महिला के साथ एक अन्य महिला आई थी, जो अधिकांश मामलों में पीडितों के साथ आती रहती है, उसे बाहर बैठने के लिए कहा था, ताकि पीड़िता अपना पक्ष रख सके.