भरतपुर. उत्तर प्रदेश के आगरा में सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में मौत मामले में अब सियासत और गर्मा गई है. इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भरतपुर के अटलबंध थाना क्षेत्र में रह रहे अरुण वाल्मीकि के तीन परिजनों और रिश्तेदारों को भी हिरासत में लिया था. हालांकि स्थानीय पुलिस का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूछताछ के बाद तीनों लोगों को छोड़ दिया था. वहीं इस पूरे मामले में अटलबंध थाने के एचएम अमी चंद को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि जिन तीन लोगों को यूपी पुलिस भरतपुर से लेकर गई थी उनके संबंध में पुलिस के उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी थी, जिसे समय पर नहीं देने के कारण एचएम को लाइन हाजिर किया गया है.
17 और 18 अक्टूबर की रात में आई थी UP पुलिस
अटलबंध थाना प्रभारी राजेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 और 18 अक्टूबर की रात को उत्तर प्रदेश पुलिस भरतपुर आई थी. उत्तर प्रदेश के मालखाने में चोरी के प्रकरण में यहां की हरिजन बस्ती से तीन लोगों (अरुण की पत्नी, ससुर और साला) को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई थी. लेकिन पूछताछ के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था.
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राजस्थान में भी गरमाई सियासत
उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के बयान के बाद से राजस्थान में भी सियासत गरमा गई है. प्रियंका गांधी ने बयान में कहा था कि भरतपुर में रहने वाले पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलवाने के लिए अशोक गहलोत से बात करेंगी. वहीं इस पूरे मामले में अटलबंध थाना के एचएम को लाइन हाजिर कर दिया गया है.
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मृतक का भरतपुर में है ससुराल
बताया जा रहा है कि मृतक अरुण वाल्मीकि का भरतपुर की अटलबंध थाना क्षेत्र स्थित हरिजन बस्ती में ससुराल है. 17 और 18 की रात को अरुण वाल्मीकि की पत्नी भी भरतपुर अपने पीहर में थी, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस उसके भाई और पिता के साथ उठा ले गई थी.