ETV Bharat / city

सरिस्का के जंगल से बाहर निकला बाघ...लोगों की बढ़ी परेशानी

सरिस्का से बाघ ST-18 बाहर निकलकर अलवर के ग्रामीण इलाकों में पहुंच गया है. जिसके बाद से ही लोगों में दहशत है. वन विभाग बाघ की मॉनिटरिंग में लगा हुआ है. बाघ पर ड्रोन और थर्मल कैमरे से नजर रखी जा रही है.

alwar news, अलवर ताजा हिंदी खबर, alwar latest hindi news,राजस्थान की खबरें, सरिस्का जंगल राजस्थान, rajasthan sariska jungle
सरिस्का के जंगल से बाहर निकला बाघ
author img

By

Published : Feb 14, 2020, 7:05 PM IST

अलवर. सरिस्का के जंगल से बाहर निकले बाघ ST-18 ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बाघ की मॉनिटरिंग में वन विभाग और सरिस्का की टीम लगी हुई है. मॉनिटरिंग में ड्रोन और सीसीटीवी भी काम में लिए जा रहे हैं.

सरिस्का के जंगल से बाहर निकला बाघ

दरअसल 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला अलवर का सरिस्का बाघों के लिए विशेष स्थान रखता है. सरिस्का में अभी 18 बाघ और बाघिन हैं. इसमें 6 युवा बाघ और बाघिन भी शामिल हैं. इनका नामकरण अभी कुछ दिनों पहले सरिस्का प्रशासन ने किया था.

बाघ ST-18 सरिस्का क्षेत्र से निकलकर राजगढ़ और रैणी क्षेत्र के जंगल में पहुच गया है. यह जंगल सरिस्का से लगा हुआ है. यहां मानव का दखल दूसरी जगह से ज्यादा है, इसलिए जैसे ही सरिस्का प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत बाघ की मॉनिटरिंग के लिए टीम तैनात की है.

यह भी पढ़ें- कोर्ट की सीढ़ियों पर शौहर ने बोला- 'तलाक.. तलाक..', कानून आने के बाद बीकानेर में तीसरा केस

बाघ पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग में 8 से 10 लोगों की टीमें लगी हुई हैं. यह टीम 24 घंटे लगातार बाघ के पगमार्क और हलचल पर नजर रख रही है. इसके अलावा ड्रोन और थर्मल के जरिए भी बाघ की मॉनिटरिंग की जा रही है.

वन विभाग के अधिकारी ने कहा, कि बीते शनिवार को बाघ के पैरों के निशान मिले थे. उसके बाद से बाघ की कोई सूचना नहीं मिली है. ऐसी स्थिति में हो सकता है, कि वो वापस सरिस्का के जंगल में लौट आया है. लेकिन जब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है, मॉनिटरिंग जारी रहेगी.

ग्रामीण आए दिन मचाते हैं शोर...

लक्ष्मणगढ़ और रैणी सहित आसपास के दूर-दराज गांवों में रहने वाले ग्रामीण आए दिन बाघ आने और हमले करने को लेकर खासा शोर मचा रहे हैं. जिसकी पुष्टि वन विभाग करने में जुटा हुआ है.

यह भी पढे़ं- जोधपुर: दिल्ली के गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ को लेकर SFI का प्रदर्शन, ज्ञापन भी सौंपा

ड्रोन और थर्मल कैमरों का उपयोग...

सरिस्का और वन विभाग की तरफ से बाघ की मॉनिटरिंग के लिए थर्मल कैमरा और ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा जंगल में अस्थाई रूप से कैमरे लगाए गए हैं.

अलवर. सरिस्का के जंगल से बाहर निकले बाघ ST-18 ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बाघ की मॉनिटरिंग में वन विभाग और सरिस्का की टीम लगी हुई है. मॉनिटरिंग में ड्रोन और सीसीटीवी भी काम में लिए जा रहे हैं.

सरिस्का के जंगल से बाहर निकला बाघ

दरअसल 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला अलवर का सरिस्का बाघों के लिए विशेष स्थान रखता है. सरिस्का में अभी 18 बाघ और बाघिन हैं. इसमें 6 युवा बाघ और बाघिन भी शामिल हैं. इनका नामकरण अभी कुछ दिनों पहले सरिस्का प्रशासन ने किया था.

बाघ ST-18 सरिस्का क्षेत्र से निकलकर राजगढ़ और रैणी क्षेत्र के जंगल में पहुच गया है. यह जंगल सरिस्का से लगा हुआ है. यहां मानव का दखल दूसरी जगह से ज्यादा है, इसलिए जैसे ही सरिस्का प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत बाघ की मॉनिटरिंग के लिए टीम तैनात की है.

यह भी पढ़ें- कोर्ट की सीढ़ियों पर शौहर ने बोला- 'तलाक.. तलाक..', कानून आने के बाद बीकानेर में तीसरा केस

बाघ पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग में 8 से 10 लोगों की टीमें लगी हुई हैं. यह टीम 24 घंटे लगातार बाघ के पगमार्क और हलचल पर नजर रख रही है. इसके अलावा ड्रोन और थर्मल के जरिए भी बाघ की मॉनिटरिंग की जा रही है.

वन विभाग के अधिकारी ने कहा, कि बीते शनिवार को बाघ के पैरों के निशान मिले थे. उसके बाद से बाघ की कोई सूचना नहीं मिली है. ऐसी स्थिति में हो सकता है, कि वो वापस सरिस्का के जंगल में लौट आया है. लेकिन जब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है, मॉनिटरिंग जारी रहेगी.

ग्रामीण आए दिन मचाते हैं शोर...

लक्ष्मणगढ़ और रैणी सहित आसपास के दूर-दराज गांवों में रहने वाले ग्रामीण आए दिन बाघ आने और हमले करने को लेकर खासा शोर मचा रहे हैं. जिसकी पुष्टि वन विभाग करने में जुटा हुआ है.

यह भी पढे़ं- जोधपुर: दिल्ली के गार्गी कॉलेज में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ को लेकर SFI का प्रदर्शन, ज्ञापन भी सौंपा

ड्रोन और थर्मल कैमरों का उपयोग...

सरिस्का और वन विभाग की तरफ से बाघ की मॉनिटरिंग के लिए थर्मल कैमरा और ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा जंगल में अस्थाई रूप से कैमरे लगाए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.