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स्पेशलः कभी बाघ विहीन हो गया था सरिस्का...अब 23 बाघों की दहाड़ पर्यटकों को कर रही रोमांचित - tigers in Sariska National Park increased

राजस्थान का सरिस्का नेशनल पार्क साल 2005 में बाघ विहीन हो गया था, जिसके बाद से साल 2008 में रणथंभौर से बाघों को लाकर सरिस्का में शिफ्टिंग की गई थी. उसके बाद 2009 में एक बाघिन को लाया गया, लेकिन सरिस्का में बाघों की मुश्किलें फिर भी कम नहीं हो सकीं. हालांकि, इस एक दशक के दौरान सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ा है, मौजूदा समय की बात करें तो इस समय सरिस्का में कुल 23 बाघ हैं, जिनमें 10 बाघिन, 6 बाघ और 7 शावक शामिल हैं.

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का में बढ़ने लगा बाघों का कुनबा
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Published : Mar 20, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 10:14 PM IST

अलवर. सरिस्का की डिमांड एक बार फिर से बढ़ने लगी है. बाघों का कुनबा बढ़ने और सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बसे गांवों के विस्थापन के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों की साइटिंग हो रही है. ऐसे में पर्यटक खासे रोमांचित हैं. वीआईपी लोगों का भी सरिस्का में एक बार फिर से आगमन शुरू हो चुका है. ऐसे में सरिस्का फिर से अपने पुराने रंग में लौटने लगा है. वन विभाग और सरिस्का प्रशासन की तरफ से पर्यटन को बढ़ाने के लिए आने वाले समय में कुछ फिल्मी स्टार और नामी हस्तियों को यहां लाने की तैयारी चल रही है. सरिस्का अधिकारियों की मानें तो आने वाला समय सरिस्का के लिए खासा बेहतर रहेगा.

सरिस्का में बाघों की दहाड़ पर्यटकों को कर रही रोमांचित

यह भी पढ़ेंः सचिन तेंदुलकर की पत्नी और पुत्री पहुंची अलवर सरिस्का, बाघ और बाघिन देखकर हुए रोमांचित

886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का देश का अकेला ऐसा नेशनल पार्क है, जिसकी कोई पेरिफेरी नहीं है. ऐसे में वन अधिकारियों के लिए सरिस्का किसी चुनौती से कम नहीं है. सरिस्का के बीचों बीच से होकर अलवर-जयपुर स्टेट हाईवे गुजरता है. ऐसे में 24 घंटे वाहनों का दबाव रहने के कारण शिकार का खतरा रहता है. साथ ही सरिस्का के जंगल क्षेत्र में अभी 20 से अधिक गांव बसे हुए हैं. हालांकि, सरिस्का प्रशासन की तरफ से लगातार इन गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया की जा रही है. हाल ही में 3 गांवों को पूरी तरह से विस्थापित किया गया है, जबकि अन्य गांवों को विस्थापित करने का काम जारी है. सरिस्का में इस समय 23 बाघ, बाघिन और शावक हैं, इसमें 10 बाघिन, 6 बाघ और 7 शावक हैं.

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का नेशनल पार्क, अलवर

यह भी पढ़ेंः Special: बाघों का कुनबा बढ़ने के साथ बढ़ेगी सरिस्का की खूबसूरती, जानें क्या हो रहे नवाचार

सरिस्का देश विदेश में खास पहचान रखता था, लेकिन साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो गया. साल 2005 से पहले सरिस्का में 35 बाघ-बाघिन और उनके शावक थे. पर्यटकों का आना भी धीरे धीरे बंद हो गया था. ऐसे में सरिस्का के जंगल को बचाने के लिए 2008 में रणथंभौर से बाघों को लाकर सरिस्का में शिफ्ट किया गया. देश में पहली बार बाघों को शिफ्ट किया गया. उसके बाद से लगातार सरिस्का को बचाने की कवायद चल रही है. साल 2019 में सरिस्का में 4 बाघों की मौत के मामले सामने आए, लेकिन उसके बाद से लगातार सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. साल 2020 सरिस्का के लिए बेहतर रहा, साथ ही कोरोना के एक साल के लॉकडाउन के बाद आम पर्यटकों के लिए सरिस्का को खोला गया, इसके बाद सरिस्का में आने वाले पर्यटकों को बाघ बाघिन की साइटिंग हुई.

यह भी पढ़ेंः सरिस्का बचाओ : सिर्फ 0-1 KM के दायरे में खनन पर पाबंदी....उसके बाद पहाड़ खाओ या जंगल !

गांवों को किया जा रहा है शिफ्ट

अलवर के सरिस्का के जंगल क्षेत्र में कुल 29 गांव हैं, इनमें से 6 गांव पहले शिफ्ट हो चुके हैं, 3 गांवों को हाल ही में शिफ्ट किया गया है. ऐसे में गांवों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया लगातार जारी है. अब तक 19 परिवारों को शिफ्ट किया गया है.

सरिस्का में आने वाले पर्यटकों पर एक नजर

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का में आने वाले पर्यटकों पर एक नजर

यह भी पढ़ेंः Special: अलवर की नई पहचान बनेगा बायोडायवर्सिटी पार्क, यहां बहुत जल्द पर्यटक लेंगे बंजी जंपिग और रोपवे का मजा

सरिस्का 2005 में हुआ था बाघ विहीन

सरिस्का अभ्यारण के साल 2005 में बाघ विहीन घोषित होने से पूर्व वृद्ध बाघ राणा सांगा का कई इलाकों में एक तरफा राज कायम रहा. इस बाघ की दहाड़ में इतना दम होता था कि उसकी दहाड़ सुनकर इलाके में अन्य वन्य जीव हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. साल 2003-2004 में बाघ राणा सांगा की मौत हो गई, उसके इलाके में अन्य वन्य जीव का विचरण शुरू हुआ. इस इलाके में वर्तमान में युवा बाघ ST- 15, ST- 21 और उम्र दराज बाघ ST- 6 ने राज कायम कर रखा है. वहीं, बाघिन ST-9, ST- 3, और ST- 12 ने भी इसी इलाके में बसेरा बनाया हुआ है.

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का में बाघों का विवरण

यह भी पढ़ेंः Special : शिकार के लिए बदनाम सरिस्का में बेहतर हो रहे हालात...वन्यजीवों के लिए तैयार किया सुरक्षा 'कवच'

एंक्लोजर में है एक बाघ

इन दिनों सरिस्का अभ्यारण इलाके में वृद्ध बाघ ST- 6 को खतरों का खिलाड़ा कहा जाए तो बड़ी बात नहीं है. यह बाघ कई बार अन्य बाघों से संघर्ष के बाद भी बचता रहा है. इन दिनों यह बाघ एंक्लोजर में है. बताया जाता है कि इस बाघ के संघर्ष के दौरान चोट आ गई, जिसके बाद से उसके उपचार के लिए उसे एंक्लोजर में रखा गया है.

अलवर. सरिस्का की डिमांड एक बार फिर से बढ़ने लगी है. बाघों का कुनबा बढ़ने और सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बसे गांवों के विस्थापन के बाद यहां आने वाले पर्यटकों को बाघों की साइटिंग हो रही है. ऐसे में पर्यटक खासे रोमांचित हैं. वीआईपी लोगों का भी सरिस्का में एक बार फिर से आगमन शुरू हो चुका है. ऐसे में सरिस्का फिर से अपने पुराने रंग में लौटने लगा है. वन विभाग और सरिस्का प्रशासन की तरफ से पर्यटन को बढ़ाने के लिए आने वाले समय में कुछ फिल्मी स्टार और नामी हस्तियों को यहां लाने की तैयारी चल रही है. सरिस्का अधिकारियों की मानें तो आने वाला समय सरिस्का के लिए खासा बेहतर रहेगा.

सरिस्का में बाघों की दहाड़ पर्यटकों को कर रही रोमांचित

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886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का देश का अकेला ऐसा नेशनल पार्क है, जिसकी कोई पेरिफेरी नहीं है. ऐसे में वन अधिकारियों के लिए सरिस्का किसी चुनौती से कम नहीं है. सरिस्का के बीचों बीच से होकर अलवर-जयपुर स्टेट हाईवे गुजरता है. ऐसे में 24 घंटे वाहनों का दबाव रहने के कारण शिकार का खतरा रहता है. साथ ही सरिस्का के जंगल क्षेत्र में अभी 20 से अधिक गांव बसे हुए हैं. हालांकि, सरिस्का प्रशासन की तरफ से लगातार इन गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया की जा रही है. हाल ही में 3 गांवों को पूरी तरह से विस्थापित किया गया है, जबकि अन्य गांवों को विस्थापित करने का काम जारी है. सरिस्का में इस समय 23 बाघ, बाघिन और शावक हैं, इसमें 10 बाघिन, 6 बाघ और 7 शावक हैं.

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का नेशनल पार्क, अलवर

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सरिस्का देश विदेश में खास पहचान रखता था, लेकिन साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन हो गया. साल 2005 से पहले सरिस्का में 35 बाघ-बाघिन और उनके शावक थे. पर्यटकों का आना भी धीरे धीरे बंद हो गया था. ऐसे में सरिस्का के जंगल को बचाने के लिए 2008 में रणथंभौर से बाघों को लाकर सरिस्का में शिफ्ट किया गया. देश में पहली बार बाघों को शिफ्ट किया गया. उसके बाद से लगातार सरिस्का को बचाने की कवायद चल रही है. साल 2019 में सरिस्का में 4 बाघों की मौत के मामले सामने आए, लेकिन उसके बाद से लगातार सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है. साल 2020 सरिस्का के लिए बेहतर रहा, साथ ही कोरोना के एक साल के लॉकडाउन के बाद आम पर्यटकों के लिए सरिस्का को खोला गया, इसके बाद सरिस्का में आने वाले पर्यटकों को बाघ बाघिन की साइटिंग हुई.

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गांवों को किया जा रहा है शिफ्ट

अलवर के सरिस्का के जंगल क्षेत्र में कुल 29 गांव हैं, इनमें से 6 गांव पहले शिफ्ट हो चुके हैं, 3 गांवों को हाल ही में शिफ्ट किया गया है. ऐसे में गांवों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया लगातार जारी है. अब तक 19 परिवारों को शिफ्ट किया गया है.

सरिस्का में आने वाले पर्यटकों पर एक नजर

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का में आने वाले पर्यटकों पर एक नजर

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सरिस्का 2005 में हुआ था बाघ विहीन

सरिस्का अभ्यारण के साल 2005 में बाघ विहीन घोषित होने से पूर्व वृद्ध बाघ राणा सांगा का कई इलाकों में एक तरफा राज कायम रहा. इस बाघ की दहाड़ में इतना दम होता था कि उसकी दहाड़ सुनकर इलाके में अन्य वन्य जीव हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. साल 2003-2004 में बाघ राणा सांगा की मौत हो गई, उसके इलाके में अन्य वन्य जीव का विचरण शुरू हुआ. इस इलाके में वर्तमान में युवा बाघ ST- 15, ST- 21 और उम्र दराज बाघ ST- 6 ने राज कायम कर रखा है. वहीं, बाघिन ST-9, ST- 3, और ST- 12 ने भी इसी इलाके में बसेरा बनाया हुआ है.

सरिस्का नेशनल पार्क, Tigers have grown in Sariska
सरिस्का में बाघों का विवरण

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एंक्लोजर में है एक बाघ

इन दिनों सरिस्का अभ्यारण इलाके में वृद्ध बाघ ST- 6 को खतरों का खिलाड़ा कहा जाए तो बड़ी बात नहीं है. यह बाघ कई बार अन्य बाघों से संघर्ष के बाद भी बचता रहा है. इन दिनों यह बाघ एंक्लोजर में है. बताया जाता है कि इस बाघ के संघर्ष के दौरान चोट आ गई, जिसके बाद से उसके उपचार के लिए उसे एंक्लोजर में रखा गया है.

Last Updated : Mar 20, 2021, 10:14 PM IST
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