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अलवर: कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना के चलते मंदिर रहे खाली - अलवर में कृष्ण जन्माष्टमी

प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के बीच कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई. लेकिन इस बार बिना भक्तों के मंदिरों की रौनक फीकी नजर आई. सभी मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर रोक थी. लोगों ने घरों में ही लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया गया.

krishna janmashtami, rajasthan news
कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना के चलते मंदिर रहे खाली
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Published : Aug 13, 2020, 3:36 AM IST

अलवर. कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने आम लोगों के लिए मंदिरों को बंद किया है. ऐसे में जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर खाली नजर आए तो वहीं जन्माष्टमी की रौनक फीकी रही हालांकि सभी मंदिरों में भगवान की पूजा अर्चना हुई है, रात 12 बजे भगवान का स्थान करके जन्म की प्रक्रिया हुई. इसके बाद प्रसाद वितरण के साथ जन्माष्टमी का कार्यक्रम समाप्त हुआ.

लोगों ने घरों में ही लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया

जिले में 5000 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं. जन्माष्टमी के मौके पर सभी जगह पर भगवान की पूजा अर्चना होती है. हर बार कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. अलवर में कुछ सालों से जन्माष्टमी के मौके पर हांडी फोड़ कार्यक्रम व कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होता है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जन्माष्टमी की रौनक फीकी नजर आई. सभी मंदिरों में पुजारी और मंदिर प्रशासन की तरफ से भगवान का विशेष अभिषेक किया गया. 12 बजे बाद प्रसाद का वितरण किया. हालांकि कुछ जगहों पर इसका दुक्का लोग भगवान के दर्शन करते हुए नजर आए. लेकिन ज्यादातर मंदिर खाली दिखाई दिए. तो वहीं मंदिर प्रशासन की तरफ से सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया.

पढ़ें: राज्यपाल कलराज मिश्र ने दी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं, राजभवन में भजन संध्या का हुआ आयोजन

सभी जगहों पर भगवान की झांकी सजाई गई. झूले में भगवान कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल जी को झूला झुलाया गया. दूर-दूर से लोग भगवान को झूला झुलाने के लिए मंदिर में पहुंचे. अलवर शहर में प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में लोगों ने घरों में रहकर जन्माष्टमी मनाई. घर-घर में भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा अर्चना हुई. लोगों ने भगवान को पंजरी फल व अन्य खाद्य सामग्री का भोग लगाया.

krishna janmashtami, rajasthan news
घरों पर ही मनाई गई जन्माष्टमी

श्रीगंगानगर में मनाई गई जन्माष्टमी

जिले में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई. इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखाई दिया. लेकिन कोरोना के चलते मंदिर बंद रहने से लोग अपने घरों में ही कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव मनाते नजर आए. घरों में ही लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया गया. लोग अपने बच्चों को राधा-कृष्ण का ड्रेस पहना कर तैयार का श्रृंगार करते थे. मंदिरों में आयोजित कार्यक्रम में इस पर्व का केंद्र बिंदु हुआ करता था. लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण ने इस त्यौहार की रौनक को खत्म कर दिया है. इसलिए बच्चों में थोड़ी मायूसी जरूर नजर आई.

krishna janmashtami, rajasthan news
मंदिरों के बाहर से ही लोग दर्शन करके लौटे

पढ़ें: सीकर: खाटूश्यामजी में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर बाबा श्याम को पंचामृत से करवाया गया स्नान

रामगंजमंडी में भक्त मेन गेट से दर्शन कर लौटते नजर आए

कोटा जिले की रामगंजमंडी के सबसे बड़े राधा-कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व पर श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहा. वहीं भक्त मंदिर के मेन गेट से ही दर्शन कर अपने घर को लौटते दिखाई दिए. राधा-कृष्ण मंदिर अनोखी लाइटिंग से सजाया गया, वहीं सुबह से ही भक्तों का तांता मंदिर परिसर के बाहर लगा रहा. कोरोना ने भक्तों व भगवान के बीच दूरियां तो बना ही दी फिर भी सभी भक्तों ने मुख्य सिंहद्वार से ही राधा-कृष्ण के दर्शन किए.

अलवर. कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने आम लोगों के लिए मंदिरों को बंद किया है. ऐसे में जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर खाली नजर आए तो वहीं जन्माष्टमी की रौनक फीकी रही हालांकि सभी मंदिरों में भगवान की पूजा अर्चना हुई है, रात 12 बजे भगवान का स्थान करके जन्म की प्रक्रिया हुई. इसके बाद प्रसाद वितरण के साथ जन्माष्टमी का कार्यक्रम समाप्त हुआ.

लोगों ने घरों में ही लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया

जिले में 5000 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं. जन्माष्टमी के मौके पर सभी जगह पर भगवान की पूजा अर्चना होती है. हर बार कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. अलवर में कुछ सालों से जन्माष्टमी के मौके पर हांडी फोड़ कार्यक्रम व कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होता है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते जन्माष्टमी की रौनक फीकी नजर आई. सभी मंदिरों में पुजारी और मंदिर प्रशासन की तरफ से भगवान का विशेष अभिषेक किया गया. 12 बजे बाद प्रसाद का वितरण किया. हालांकि कुछ जगहों पर इसका दुक्का लोग भगवान के दर्शन करते हुए नजर आए. लेकिन ज्यादातर मंदिर खाली दिखाई दिए. तो वहीं मंदिर प्रशासन की तरफ से सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया गया.

पढ़ें: राज्यपाल कलराज मिश्र ने दी जन्माष्टमी की शुभकामनाएं, राजभवन में भजन संध्या का हुआ आयोजन

सभी जगहों पर भगवान की झांकी सजाई गई. झूले में भगवान कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल जी को झूला झुलाया गया. दूर-दूर से लोग भगवान को झूला झुलाने के लिए मंदिर में पहुंचे. अलवर शहर में प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन लगाया गया है. ऐसे में लोगों ने घरों में रहकर जन्माष्टमी मनाई. घर-घर में भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा अर्चना हुई. लोगों ने भगवान को पंजरी फल व अन्य खाद्य सामग्री का भोग लगाया.

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घरों पर ही मनाई गई जन्माष्टमी

श्रीगंगानगर में मनाई गई जन्माष्टमी

जिले में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई. इसे लेकर लोगों में काफी उत्साह दिखाई दिया. लेकिन कोरोना के चलते मंदिर बंद रहने से लोग अपने घरों में ही कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव मनाते नजर आए. घरों में ही लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग लगाया गया. लोग अपने बच्चों को राधा-कृष्ण का ड्रेस पहना कर तैयार का श्रृंगार करते थे. मंदिरों में आयोजित कार्यक्रम में इस पर्व का केंद्र बिंदु हुआ करता था. लेकिन इस बार कोरोना के संक्रमण ने इस त्यौहार की रौनक को खत्म कर दिया है. इसलिए बच्चों में थोड़ी मायूसी जरूर नजर आई.

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मंदिरों के बाहर से ही लोग दर्शन करके लौटे

पढ़ें: सीकर: खाटूश्यामजी में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर बाबा श्याम को पंचामृत से करवाया गया स्नान

रामगंजमंडी में भक्त मेन गेट से दर्शन कर लौटते नजर आए

कोटा जिले की रामगंजमंडी के सबसे बड़े राधा-कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी के पर्व पर श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहा. वहीं भक्त मंदिर के मेन गेट से ही दर्शन कर अपने घर को लौटते दिखाई दिए. राधा-कृष्ण मंदिर अनोखी लाइटिंग से सजाया गया, वहीं सुबह से ही भक्तों का तांता मंदिर परिसर के बाहर लगा रहा. कोरोना ने भक्तों व भगवान के बीच दूरियां तो बना ही दी फिर भी सभी भक्तों ने मुख्य सिंहद्वार से ही राधा-कृष्ण के दर्शन किए.

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