अलवर. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में कोरोना के करीब 300 मरीज भर्ती हैं. इनमें से करीब 180 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. नए ऑक्सीजन प्लांट 24 घंटे में 120 डी-टाइप सिलेंडर (एक सिलेंडर में 7 हजार लीटर) ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता है. इससे सिलेंडर की खपत में काफी हद तक बचत हाेगी.
अलवर हॉस्पिटल में प्रदेश सरकार के जनवरी में शुरू किए गए 400 एलपीएम क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट से भी 24 घंटे में 90 सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन उत्पादन हाे रहा है. अब दाेनाें प्लांट से 210 सिलेंडर ऑक्सीजन अस्पताल में ही तैयार हाे जाएगी. नए प्लांट से वार्डाें में भर्ती मरीजाें काे ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू कर दी गई है. गुरुग्राम की लैब से ऑक्सीजन टेस्टिंग रिपाेर्ट आते ही प्लांट शुरू कर दिया गया. यह ऑटाेमेटिक प्लांट है. टेंकाें में ऑक्सीजन स्टाेरेज फुल हाेने पर यह अपने आप बंद हाे जाएगा और ऑक्सीजन कम हाेने पर प्लांट अपने आप चालू हाे जाएगा. ऑक्सीजन प्लांट काे इंस्टाॅल करने दिल्ली से आए इंजीनियर ने बताया, लैब की टेस्टिंग रिपाेर्ट में प्लांट की मेडिकल ऑक्सीजन की क्वॉलिटी सही मिली है.
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राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा, अस्पताल में 180 से ज्यादा काेविड मरीज ऑक्सीजन पर हैं. इनके अलावा बैडाें पर भी सिलेंडर लगाकर ऑक्सीजन पर मरीज भर्ती किए गए हैं. हाॅस्पिटल में राेजाना 400 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडराें की खपत है. दाेनाें प्लांटाें से 210 सिलेंडर के बराबर ऑक्सीजन तैयार हाे जाएगी. अब आईसीयू सहित करीब 190 सिलेंडराें की राेजाना अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी, क्याेंकि मरीजाें की अधिकता हाेने के कारण खपत ज्यादा है.
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इसके अलावा प्रदेश सरकार के प्लांट से बनने वाली ऑक्सीजन गुणवत्ता में बैठा नहीं है. ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर गुणवत्ता को बेहतर किया जाता है. बिगड़ते हालातों के बीच अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती मरीजों को अन्य जगहों की तुलना में कुछ राहत मिलेगी. हॉस्पिटल में अब तो प्लांट ऑक्सीजन के चल रहे हैं. ऐसे में मरीजों को 24 घंटे बेहतर ऑक्सीजन सप्लाई हो सकेगी.