ETV Bharat / city

Exclusive: बाल आयोग अब गांव स्तर की समितियों को भी एक्टिव करेगा ताकि जागरूकता बढ़े - संगीता बेनीवाल - अलवर का समाचार

अलवर दौरे पर आईं बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गुरुवार को अलवर में अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने कहा कि 18 जनवरी से प्रदेश स्तर पर एक विशेष कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है जिसके तहत गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर तक की समितियों को एक्टिव करते हुए लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा.

sangeeta baniwal exclusive, अलवर का समाचार
बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से बातचीत
author img

By

Published : Jan 14, 2021, 10:03 PM IST

अलवर. बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल अलवर दौरे पर हैं. उन्होंने गुरुवार को अलवर में अधिकारियों की बैठक ली. साथ ही कई बाल आश्रम और थानों का निरीक्षण किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी काफी काम करने की आवश्यकता है. सरकार ने गांव स्तर तक योजना बना ली है. जल्द ही इस पर काम शुरू होगा. 18 जनवरी से प्रदेश स्तर पर एक विशेष कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है जिसके तहत गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर तक की समितियों को एक्टिव करते हुए लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा.

बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से बातचीत

राज्य बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल अलवर दौरे पर हैं. उन्होंने यहां उद्योगपति और कारोबारियों से बातचीत की. इस दौरान बाल श्रम को रोकने और बाल श्रमिकों को नौकरी पर नहीं रखने के लिए अपील की. साथ ही कहा कि अलवर सहित पूरे प्रदेश में लगातार बच्चों के साथ लोगों का अमानवीय चेहरा सामने आ रहा है. हाल ही में अलवर में बच्चे की अंधविश्वास के चलते मौत का मामला सामने आया था. इसी तरह का मामला प्रदेश के बारा जिले में भी सामने आया था.

यह भी पढ़ें: भरतपुर शराब दुखांतिका मामला: 3 पुलिसकर्मी और जिला आबकारी अधिकारी समेत 13 कर्मचारी निलंबित, संभागीय आयुक्त करेंगे जांच

उन्होंने कहा कि अलवर औद्योगिक राजधानी है. यहां बाल श्रम को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती हैं. इसके अलावा भी गांव स्तर पर लोगों को जागरूक करना आवश्यक है. इसलिए बाल आयोग की तरफ से एक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. जिसकी शुरुआत 18 जनवरी से होगी. प्रदेश भर में यह कार्यक्रम चलेगा. इसके तहत गांव स्तर पर बाल समितियों को एक्टिव किया जाएगा. बच्चों और उनके परिजनों को बाल आयोग के अधिकार में बाल श्रम से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी.

यह भी पढ़ें: भरत सिंह ने सीएम गहलोत से की मांग, 'भ्रष्ट अधिकारियों के पोस्टर शासन सचिवालय और चौराहों पर लगाए जाएं'

उन्होंने कहा कि अलवर सहित प्रदेश की कई घटनाओं को लेकर बाल आयोग ने प्रासंज्ञान लिया है. इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. बाल आयोग की तरफ से मौजूदा हालातों की एक योजना और रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भी दी जाएगी जिसके तहत सुधारों पर भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि अलवर सहित पूरे प्रदेश में सरकार की योजना धरातल स्तर पर लागू हो, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

क्योंकि योजनाएं तो बहुत बनती हैं, लेकिन उनका इंप्लीमेंटेशन नहीं हो पाता है. इसके चलते जरूरतमंद लोगों को उसका लाभ नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि जो भी कमियां मिल रहीं हैं उससे पुलिस के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा. साथ ही जो बच्चे बाल आश्रम में हैं और आगे पढ़ना चाहते हैं व जिनका अपराध छोटा है, उनको भी बाल आयोग की तरफ से मदद दी जाएगी.

अलवर. बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल अलवर दौरे पर हैं. उन्होंने गुरुवार को अलवर में अधिकारियों की बैठक ली. साथ ही कई बाल आश्रम और थानों का निरीक्षण किया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी काफी काम करने की आवश्यकता है. सरकार ने गांव स्तर तक योजना बना ली है. जल्द ही इस पर काम शुरू होगा. 18 जनवरी से प्रदेश स्तर पर एक विशेष कार्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है जिसके तहत गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर तक की समितियों को एक्टिव करते हुए लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा.

बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल से बातचीत

राज्य बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल अलवर दौरे पर हैं. उन्होंने यहां उद्योगपति और कारोबारियों से बातचीत की. इस दौरान बाल श्रम को रोकने और बाल श्रमिकों को नौकरी पर नहीं रखने के लिए अपील की. साथ ही कहा कि अलवर सहित पूरे प्रदेश में लगातार बच्चों के साथ लोगों का अमानवीय चेहरा सामने आ रहा है. हाल ही में अलवर में बच्चे की अंधविश्वास के चलते मौत का मामला सामने आया था. इसी तरह का मामला प्रदेश के बारा जिले में भी सामने आया था.

यह भी पढ़ें: भरतपुर शराब दुखांतिका मामला: 3 पुलिसकर्मी और जिला आबकारी अधिकारी समेत 13 कर्मचारी निलंबित, संभागीय आयुक्त करेंगे जांच

उन्होंने कहा कि अलवर औद्योगिक राजधानी है. यहां बाल श्रम को लेकर आए दिन शिकायतें मिलती हैं. इसके अलावा भी गांव स्तर पर लोगों को जागरूक करना आवश्यक है. इसलिए बाल आयोग की तरफ से एक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. जिसकी शुरुआत 18 जनवरी से होगी. प्रदेश भर में यह कार्यक्रम चलेगा. इसके तहत गांव स्तर पर बाल समितियों को एक्टिव किया जाएगा. बच्चों और उनके परिजनों को बाल आयोग के अधिकार में बाल श्रम से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी.

यह भी पढ़ें: भरत सिंह ने सीएम गहलोत से की मांग, 'भ्रष्ट अधिकारियों के पोस्टर शासन सचिवालय और चौराहों पर लगाए जाएं'

उन्होंने कहा कि अलवर सहित प्रदेश की कई घटनाओं को लेकर बाल आयोग ने प्रासंज्ञान लिया है. इस संबंध में संबंधित विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. बाल आयोग की तरफ से मौजूदा हालातों की एक योजना और रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भी दी जाएगी जिसके तहत सुधारों पर भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि अलवर सहित पूरे प्रदेश में सरकार की योजना धरातल स्तर पर लागू हो, इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

क्योंकि योजनाएं तो बहुत बनती हैं, लेकिन उनका इंप्लीमेंटेशन नहीं हो पाता है. इसके चलते जरूरतमंद लोगों को उसका लाभ नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि जो भी कमियां मिल रहीं हैं उससे पुलिस के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा. साथ ही जो बच्चे बाल आश्रम में हैं और आगे पढ़ना चाहते हैं व जिनका अपराध छोटा है, उनको भी बाल आयोग की तरफ से मदद दी जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.