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Alwar Rape Case : रेप के मामलों में राजस्थान देशभर में बदनाम..अलवर प्रकरण सिस्टम पर सवाल उठाने की है बड़ी वजह

भाषा आपत्तिजनक हो सकती है लेकिन तीखा सवाल पूरे सिस्टम पर उठ रहा है. मंगलवार को जब अलवर में यह हैवानियत हुई, इससे पहले ही बालिका के परिजनों ने उसके लापता होने की सूचना नजदीकी पुलिस चौकी को दी थी, लेकिन वहां से सूचना आगे बढ़ी ही नहीं. न आला अधिकारियों को सूचना दी गई, न कंट्रोल रूम को. नतीजा सभी के सामने है. वारदात के 4 दिन बाद भी न तो मेडिकल रिपोर्ट सामने आई है और न ही हैवानों का सुराग लगा है. तो क्या सिस्टम खुद लाचार नहीं है ?

Alwar Dumb Deaf Girl Case
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Published : Jan 14, 2022, 6:42 PM IST

Updated : Jan 14, 2022, 6:57 PM IST

अलवर. अलवर में नाबालिग बच्ची के साथ हुई हैवानियत कई सवाल खड़े करती है. प्रदेश के गृहमंत्री खुद सीएम गहलोत हैं इसलिए वे विपक्ष के निशाने (politics on alwar rape case) पर भी हैं. जन्मदिन मनाने राजस्थान आईं प्रियंका गांधी ने यूपी में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का लुभावना नारा दिया, लेकिन वे अलवर पीड़िता से मिले बिना लौट गईं. इस मामले को लेकर किरोड़ी लाल मीणा प्रियंका से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया. घटना के चार दिन बाद तक पुलिस के हाथ खाली हैं. ऐसे में सवाल उठने लाजिमी भी हैं.

दिल्ली में निर्भया कांड के बाद अलवर में विमंदित बालिका (Alwar Dumb Deaf Girl Case) के साथ हुई हैवानियत की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. यह घटना निर्भया कांड से भी भयावह और गंभीर है, क्योंकि पीड़िता विमंदित नाबालिग बालिका है. वह कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. तीखा राजनीतिक विरोध होने के कारण अलवर की यह वारदात सरकार के गले की हड्डी बन चुकी है.

राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी यह मुद्दा सुनाई दे रहा है. ऐसे में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी खुद अपने बयानों से बदलते नजर आ रहे हैं. 3 दिन बीतने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं.

मंगल की रात अमंगल

मंगलवार देर शाम 7 बजकर 35 मिनट पर अलवर के तिजारा ओवर ब्रिज पर 15 साल की विमंदित बालिका लहूलुहान हालत में पुलिस को मिली. उसके प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी. पुलिस ने बालिका को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया. हालत गंभीर होने पर बालिका को जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जेके लोन अस्पताल में फिलहाल बालिका का इलाज चल रहा है. राजस्थान रेप मामलों (rape cases in rajasthan) में देश में बदनाम रहा है.

पढ़ें- Rape in Alwar :अलवर में मंदबुद्धि किशोरी से रेप कर पुल पर फेंका

5 घंटे चला जटिल ऑपरेशन

बालिका की हालत बेहद चिंताजनक थी. करीब 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बालिका की शौच की नली को पेट से निकाला. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करके सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद सियासी आरोपों की झड़ी लग गई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मामले की जांच पड़ताल के लिए एक कमेटी बनाई. सतीश पूनिया सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे. बच्ची का जेके लोन अस्पताल में इलाज (Treatment of rape victim in Jaipur JK Lone) चल रहा है.

तीखा राजनीतिक विरोध

पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के सभी नेताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. जाहिर है कि गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में प्रदेश में होने वाली आपराधिक घटनाओं के लिए पुलिस और गृह विभाग जिम्मेदार है. ऐसे में विपक्ष ने सीएम गहलोत पर जमकर निशाने साधे. यह मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया. मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री ने प्रियंका गांधी को नसीहत दी. किरोड़ी लाल मीणा तो सवाई माधोपुर में जन्मदिन मनाने पहुंची प्रियंका गांधी से मिलने जा पहुंचे. लेकिन उन्हें प्रियंका से मिलने नहीं दिया गया.

पढ़ें- Kirodi Lal Meena On Alwar Rape Case: मीणा बोले- मामला दबाने में जुटी सरकार

चुनाव तक सुनाई देगा यह मुद्दा

अलवर घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर चहुंओर से आरोपों की बौछार हो रही है. प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी अलवर का यह मुद्दा सुनाई देने लगा है. राज्य सरकार पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि घटना 4 दिन बीतने के बाद भी अभी तक इस में पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार इस मामले में लीपा-पोती कर रही है.

जिला कलेक्टर का यू-टर्न

शुक्रवार को अलवर के जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने अपने ही एसपी के बयान का खंडन करते हुए कहा कि जब तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं आती दुष्कर्म कहना गलत होगा. जबकि घटना के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने प्राथमिक तौर पर दुष्कर्म की बात कही व दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज की. हाल ही में बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी कहा कि दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. जबकि भाजपा लगातार इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है. भाजपा के नेताओं ने कहा कि सरकार इस कलंक से बचने के लिए मामले को दबा रही है. मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. इन सबके बीच 4 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

पढ़ें- Alwar rape case को लेकर जिला कलेक्टर का बड़ा बयान, कहा- मेडिकल रिपोर्ट से पहले दुष्कर्म कहना होगी जल्दबाजी

CCTV के भरोसे है पुलिस

पुलिस केवल कैमरे की रिकॉर्डिंग के भरोसे जांच को आगे बढ़ा रही है. पुलिस के आला अधिकारियों की मानें तो पीड़िता कुछ भी बताने में असमर्थ है. इसलिए केवल रिकॉर्डिंग के आधार पर इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि शहर के अलग-अलग सड़क मार्गों व चौराहों पर पीड़िता पैदल चलती हुई नजर आई है. उसके अनुसार पुलिस ने एक रूट बनाते हुए उस क्षेत्र में लोगों से पूछताछ की. साथ ही पीड़िता जिस क्षेत्र से गायब हुई उस क्षेत्र में पुलिस की टीम जांच पड़ताल कर रही है. ऐसे में देखना होगा कि मामले में कब तक आरोपियों की गिरफ्तारी होती है और पीड़िता की डॉक्टरी जांच में क्या सामने आता है.

पढ़ें- अलवर मूक बधिर किशोरी रेप मामला: पुलिस ने बनाया बालिका का रूट चार्ट, कुछ लोगों को हिरासत में लिया

राजनीति के अखाड़े में अलवर का मुद्दा हावी

राजस्थान की राजधानी जयपुर इस मामले में सियासी अखाड़ा बना हुआ है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में नेता, विधायक, पूर्व विधायक और मंत्री पीड़िता से मिलने जेके लोन अस्पताल पहुंच रहे हैं. बाल आयोग सहित महिला आयोग की टीमें पीड़िता के परिजनों के संपर्क में हैं. लगातार इस मामले पर बयानबाजी का सिलसिला चल रहा है. भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही है, तो वहीं कांग्रेस के विधायक व मंत्री चुप हैं.

पढ़ें- Rajasthan BJP on Alwar minor girl rape: अलवर बालिका से दरिंदगी मामले में भड़की भाजपा, राजे और पूनिया ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

पुलिस से हुई ये बड़ी चूक

इस मामले की जांच पड़ताल के दौरान सामने आया कि पीड़िता की गुमशुदगी की जानकारी परिजनों ने पास की पुलिस चौकी पर दी थी. लेकिन पुलिस चौकी पर तैनात सिपाहियों ने मामले की जानकारी समय रहते पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस के आला अधिकारियों को नहीं दी. इसके चलते यह घटना हुई. अगर समय रहते पुलिस कंट्रोल रूम व पुलिस अधिकारियों को इस घटना के बारे में पता चलता तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था.

भाजपा ने बनाया मुद्दा

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ के अलावा केंद्र व अन्य राज्यों के मंत्री और विधायक लगातार इस मामले पर बयान (bjp leaders on alwar rape case) दे रहे हैं. प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. दो दिन से भाजपा के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं व धरना दे रहे हैं. ऐसे में क्या यह मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में उलझ जाएगा या फिर पीड़िता को समय रहते न्याय मिलेगा, इस पर सभी की निगाहें हैं.

तिलक और पाताल वाले बयान

राजस्थान सरकार अलवर केस में फंस (Rajasthan government stuck in Alwar rape case) गई है. शुक्रवार को दौसा में बाल एवं महिला कल्याण मंत्री ममता भूपेश इस वारदात को लेकर विवादित बयानबाजी कर गई. उन्होंने कहा कि दरिंदे कहीं भी हो सकते हैं, हमारे आपके बीच भी हो सकते हैं. उनके माथे पर तिलक लगा नहीं होता कि उनकी पहचान हो सके. भूपेश के तिलक वाले बयान को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं. उधर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने घर पर पतंगबाजी करते हुए कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी पाताल में भी छुपे होंगे तो उन्हें ढूंढकर ठोकेंगे.

पढ़ें- ममता भूपेश का विवादित बयान : दरिंदे तिलक लगाकर नहीं घूमते कि पहचान हो सके..

पढ़ें- Khachariyawas Kite flying in Jaipur : इस बार कटेगी यूपी समेत पांच राज्यों में भाजपा की पतंग - प्रताप सिंह खाचरियावास

संबित पात्रा का सवाल

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra on Alwar rape case) ने अलवर मामले में कांग्रेस पर सीधा और तीखा निशाना साधा. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि राजस्थान के अलवर में विमंदित बच्ची से हैवानियत की गई. बच्ची अस्पताल में भर्ती है. यूपी में दुष्कर्म पीड़िता से मिलने के लिए सत्याग्रह करने वाली प्रियंका गांधी अलवर कब जाएंगी. उन्होंने पूछा कि प्रियंका और कांग्रेस के नेता कब राजस्थान जाकर पीड़ित बच्ची का हाल-चाल जानेंगे.

अलवर. अलवर में नाबालिग बच्ची के साथ हुई हैवानियत कई सवाल खड़े करती है. प्रदेश के गृहमंत्री खुद सीएम गहलोत हैं इसलिए वे विपक्ष के निशाने (politics on alwar rape case) पर भी हैं. जन्मदिन मनाने राजस्थान आईं प्रियंका गांधी ने यूपी में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का लुभावना नारा दिया, लेकिन वे अलवर पीड़िता से मिले बिना लौट गईं. इस मामले को लेकर किरोड़ी लाल मीणा प्रियंका से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया. घटना के चार दिन बाद तक पुलिस के हाथ खाली हैं. ऐसे में सवाल उठने लाजिमी भी हैं.

दिल्ली में निर्भया कांड के बाद अलवर में विमंदित बालिका (Alwar Dumb Deaf Girl Case) के साथ हुई हैवानियत की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. यह घटना निर्भया कांड से भी भयावह और गंभीर है, क्योंकि पीड़िता विमंदित नाबालिग बालिका है. वह कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. तीखा राजनीतिक विरोध होने के कारण अलवर की यह वारदात सरकार के गले की हड्डी बन चुकी है.

राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी यह मुद्दा सुनाई दे रहा है. ऐसे में पुलिस व प्रशासन के अधिकारी खुद अपने बयानों से बदलते नजर आ रहे हैं. 3 दिन बीतने के बाद भी अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं.

मंगल की रात अमंगल

मंगलवार देर शाम 7 बजकर 35 मिनट पर अलवर के तिजारा ओवर ब्रिज पर 15 साल की विमंदित बालिका लहूलुहान हालत में पुलिस को मिली. उसके प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग हो रही थी. पुलिस ने बालिका को अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया. हालत गंभीर होने पर बालिका को जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जेके लोन अस्पताल में फिलहाल बालिका का इलाज चल रहा है. राजस्थान रेप मामलों (rape cases in rajasthan) में देश में बदनाम रहा है.

पढ़ें- Rape in Alwar :अलवर में मंदबुद्धि किशोरी से रेप कर पुल पर फेंका

5 घंटे चला जटिल ऑपरेशन

बालिका की हालत बेहद चिंताजनक थी. करीब 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बालिका की शौच की नली को पेट से निकाला. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करके सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद सियासी आरोपों की झड़ी लग गई. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मामले की जांच पड़ताल के लिए एक कमेटी बनाई. सतीश पूनिया सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता पीड़िता से मिलने अस्पताल पहुंचे. बच्ची का जेके लोन अस्पताल में इलाज (Treatment of rape victim in Jaipur JK Lone) चल रहा है.

तीखा राजनीतिक विरोध

पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के सभी नेताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए. जाहिर है कि गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में प्रदेश में होने वाली आपराधिक घटनाओं के लिए पुलिस और गृह विभाग जिम्मेदार है. ऐसे में विपक्ष ने सीएम गहलोत पर जमकर निशाने साधे. यह मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया. मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री ने प्रियंका गांधी को नसीहत दी. किरोड़ी लाल मीणा तो सवाई माधोपुर में जन्मदिन मनाने पहुंची प्रियंका गांधी से मिलने जा पहुंचे. लेकिन उन्हें प्रियंका से मिलने नहीं दिया गया.

पढ़ें- Kirodi Lal Meena On Alwar Rape Case: मीणा बोले- मामला दबाने में जुटी सरकार

चुनाव तक सुनाई देगा यह मुद्दा

अलवर घटना को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर चहुंओर से आरोपों की बौछार हो रही है. प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी अलवर का यह मुद्दा सुनाई देने लगा है. राज्य सरकार पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि घटना 4 दिन बीतने के बाद भी अभी तक इस में पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट नहीं आई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार इस मामले में लीपा-पोती कर रही है.

जिला कलेक्टर का यू-टर्न

शुक्रवार को अलवर के जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने अपने ही एसपी के बयान का खंडन करते हुए कहा कि जब तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं आती दुष्कर्म कहना गलत होगा. जबकि घटना के बाद पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने प्राथमिक तौर पर दुष्कर्म की बात कही व दुष्कर्म की धाराओं में एफआईआर दर्ज की. हाल ही में बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी कहा कि दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. जबकि भाजपा लगातार इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही है. भाजपा के नेताओं ने कहा कि सरकार इस कलंक से बचने के लिए मामले को दबा रही है. मामले को दूसरा रूप दिया जा रहा है. इन सबके बीच 4 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.

पढ़ें- Alwar rape case को लेकर जिला कलेक्टर का बड़ा बयान, कहा- मेडिकल रिपोर्ट से पहले दुष्कर्म कहना होगी जल्दबाजी

CCTV के भरोसे है पुलिस

पुलिस केवल कैमरे की रिकॉर्डिंग के भरोसे जांच को आगे बढ़ा रही है. पुलिस के आला अधिकारियों की मानें तो पीड़िता कुछ भी बताने में असमर्थ है. इसलिए केवल रिकॉर्डिंग के आधार पर इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि शहर के अलग-अलग सड़क मार्गों व चौराहों पर पीड़िता पैदल चलती हुई नजर आई है. उसके अनुसार पुलिस ने एक रूट बनाते हुए उस क्षेत्र में लोगों से पूछताछ की. साथ ही पीड़िता जिस क्षेत्र से गायब हुई उस क्षेत्र में पुलिस की टीम जांच पड़ताल कर रही है. ऐसे में देखना होगा कि मामले में कब तक आरोपियों की गिरफ्तारी होती है और पीड़िता की डॉक्टरी जांच में क्या सामने आता है.

पढ़ें- अलवर मूक बधिर किशोरी रेप मामला: पुलिस ने बनाया बालिका का रूट चार्ट, कुछ लोगों को हिरासत में लिया

राजनीति के अखाड़े में अलवर का मुद्दा हावी

राजस्थान की राजधानी जयपुर इस मामले में सियासी अखाड़ा बना हुआ है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में नेता, विधायक, पूर्व विधायक और मंत्री पीड़िता से मिलने जेके लोन अस्पताल पहुंच रहे हैं. बाल आयोग सहित महिला आयोग की टीमें पीड़िता के परिजनों के संपर्क में हैं. लगातार इस मामले पर बयानबाजी का सिलसिला चल रहा है. भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही है, तो वहीं कांग्रेस के विधायक व मंत्री चुप हैं.

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पुलिस से हुई ये बड़ी चूक

इस मामले की जांच पड़ताल के दौरान सामने आया कि पीड़िता की गुमशुदगी की जानकारी परिजनों ने पास की पुलिस चौकी पर दी थी. लेकिन पुलिस चौकी पर तैनात सिपाहियों ने मामले की जानकारी समय रहते पुलिस कंट्रोल रूम में पुलिस के आला अधिकारियों को नहीं दी. इसके चलते यह घटना हुई. अगर समय रहते पुलिस कंट्रोल रूम व पुलिस अधिकारियों को इस घटना के बारे में पता चलता तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था.

भाजपा ने बनाया मुद्दा

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ के अलावा केंद्र व अन्य राज्यों के मंत्री और विधायक लगातार इस मामले पर बयान (bjp leaders on alwar rape case) दे रहे हैं. प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं. दो दिन से भाजपा के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं व धरना दे रहे हैं. ऐसे में क्या यह मामला राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप में उलझ जाएगा या फिर पीड़िता को समय रहते न्याय मिलेगा, इस पर सभी की निगाहें हैं.

तिलक और पाताल वाले बयान

राजस्थान सरकार अलवर केस में फंस (Rajasthan government stuck in Alwar rape case) गई है. शुक्रवार को दौसा में बाल एवं महिला कल्याण मंत्री ममता भूपेश इस वारदात को लेकर विवादित बयानबाजी कर गई. उन्होंने कहा कि दरिंदे कहीं भी हो सकते हैं, हमारे आपके बीच भी हो सकते हैं. उनके माथे पर तिलक लगा नहीं होता कि उनकी पहचान हो सके. भूपेश के तिलक वाले बयान को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं. उधर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने घर पर पतंगबाजी करते हुए कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी पाताल में भी छुपे होंगे तो उन्हें ढूंढकर ठोकेंगे.

पढ़ें- ममता भूपेश का विवादित बयान : दरिंदे तिलक लगाकर नहीं घूमते कि पहचान हो सके..

पढ़ें- Khachariyawas Kite flying in Jaipur : इस बार कटेगी यूपी समेत पांच राज्यों में भाजपा की पतंग - प्रताप सिंह खाचरियावास

संबित पात्रा का सवाल

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra on Alwar rape case) ने अलवर मामले में कांग्रेस पर सीधा और तीखा निशाना साधा. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि राजस्थान के अलवर में विमंदित बच्ची से हैवानियत की गई. बच्ची अस्पताल में भर्ती है. यूपी में दुष्कर्म पीड़िता से मिलने के लिए सत्याग्रह करने वाली प्रियंका गांधी अलवर कब जाएंगी. उन्होंने पूछा कि प्रियंका और कांग्रेस के नेता कब राजस्थान जाकर पीड़ित बच्ची का हाल-चाल जानेंगे.

Last Updated : Jan 14, 2022, 6:57 PM IST
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