अलवर. शहर में शुक्रवार का दिन पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले पर अजय यादव के लिए खासा अहम था. उसने अलवर कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया के साथ अधिकारियों की बैठक ली. यही नहीं कोरोना गाइडलाइन को लेकर अधिकारियों को निर्देश भी दिए. इस बीच कलेक्टर परंजय से बातचीत करते हुए प्रोत्साहित करते रहे. बता दें कि इससे पहले भी जिला कलेक्टर ने 8वीं कक्षा के छात्र को बैठक में शामिल होने का मौका दिया था. जिला कलेक्टर का यह रवैया उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बना रहा है.
परंजय यादव राज ऋर्षि भर्तृहिर मत्स्य यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो जेपी यादव के पौते हैं, जो जयपुर में रहते हैं. यहां अपने दादा कुलपति के साथ अलवर आए है. अलवर में एक दिन परंजय ने कलेक्टर के साथ रहने का निर्णय किया. इस कड़ी में अब तक दो छात्र कलेक्टर के साथ उनके कामकाज में शामिल हुए हैं.
अलवर कलेक्टर का यह नवाचार है, जिसका उद्देश्य स्कूल के बच्चों को प्रोत्साहित करना है. जिसकी शुरूआत कुछ दिन पहले ही हुई है. जब हैपी स्कूल में कलेक्टर के एक कार्यक्रम में गए थे. वहां एक 8वीं कक्षा के छात्र ने कलेक्टर के पास आकर कहा था कि वो भी बड़ा होकर कलेक्टर बनना चाहता है. इसके बाद कलेक्टर ने बालक को लंच पर बुलाया. उसके साथ अधिकारियों की बैठक ली. इसके बाद बच्चे ने कलेक्टर के साथ बिताए एक दिन के अनुभव शेयर भी किए थे, तभी से कलेक्टर के जरिए यह नवाचार शुरू हुआ है.
कलेक्टर ने जिले भर के अधिकारियों को कोरोना वैक्सीन के लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक 60 साल से अधिक उम्र वाले अधिक से अधिक बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन लगाई जाए. इसके अलावा न्यू स्ट्रैन के तहत नई गाइडलाइन का पालन भी सुनिश्चित हो, ताकि कोरोना संक्रमण को रोका जा सके.
दूसरे राज्य से अलवर आने वाले लोगों के पास कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी है. जिन लोगों के पास कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं पाई जाएगी. उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. अलवर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, दिल्ली और जयपुर से अलवर की तरफ आने वाले सभी राजमार्ग को पर स्वास्थ्य विभाग की टीम लगा दी गई हैं, जो लगातार आने जाने वाले लोगों की रिपोर्ट देख रही है. साथ ही उनके सैंपल लेने की प्रक्रिया भी की जा रही है.