अलवर. मकर संक्रांति हर राज्य में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है. लेकिन इसका महत्व पूरे देश में लगभग एक जैसा ही है. इस दिन जयपुर और राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में पतंगबाजी होती है. इसमें महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चों सहित सभी आयु वर्ग के लोग हिस्सा लेते हैं. कई तरह की प्रतियोगिताएं भी होती हैं. अलवर में इस दिन युवा और बच्चे सभी बैट-बॉल से क्रिकेट खेलते हैं.
बता दें कि हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है. इस दिन सूर्य उत्तरायण होकर मकर रेखा से गुजरते हैं. इसलिए यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में शामिल है. अलवर सहित देश भर में इस बार 14 जनवरी की जगह 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग पकवान भी बनाए जाते हैं.
यूपी और बिहार में दाल और चावल की खिचड़ी बनाई जाती हैं तो वहीं अलवर और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में गुड़-तिल का खास महत्व है. इस दिन तिल का दान सबसे पुण्य दान माना जाता है. जयपुर और राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में मकर संक्रांति के मौके पर पतंगबाजी होती है. इसमें महिला, युवा बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल होते हैं. जबकि अलवर में लोग क्रिकेट, राउंडल, पिट्ठू सहित बॉल से खेलने वाले खेल खेलते हैं.
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बहुत से लोग इलाहाबाद और हरिद्वार सहित देश के विभिन्न शहरों में सुबह उठकर जल्दी स्नान करते हैं. इसके बाद गरीबों को तिल और खाने-पीने के सामान और घरेलू सामान दान करते हैं. अलवर में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है. इस बार भी बाजार में इस पर्व को लेकर जमकर खरीदारी का दौर जारी रहा और हर कोई इस त्यौहार को लेकर उत्सुक नजर आया.