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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक: कचरे से निपटने के लिए राजस्थान के युवाओं की मुहिम है Helping Hand - alwar news

पर्यावरण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक खतरा बन चुका है. ऐसे में पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने के लिए देश भर में अलग-अलग मुहिम चल रही है. इसी कड़ी में अलवर के हेल्पिंग हैंड संस्था की सबसे सकारात्मक पहल सामने आई है. हेल्पिंग हैंड 5 साल से अलवर में लगातार सफाई कर रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण को मुक्त कराने का प्रयास अब भी जारी है.

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सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त कराने के लिए अलवर में हेल्पिंग हैंड्स 8 साल से चला रहा मुहिम
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Published : Jan 15, 2020, 11:51 AM IST

अलवर. 5 साल पहले अलवर में प्लास्टिक के ढेर को देखकर अलवर के कुछ युवाओं ने सफाई करने का फैसला लिया. साल 2014 के सितंबर माह में युवाओं ने हेल्पिंग हैंड नाम की एक संस्था बनाई, जिसमें दीपक कुमार, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव और विकास कुमार सहित कुछ युवा शामिल हुए.

कचरे से निपटने के लिए राजस्थान के युवाओं की मुहिम

उस समय के नकारात्मक और सिविल प्रशासन को एक संदेश देने के लिए उन्होंने सिर्फ एक साल तक सफाई कर नगर परिषद को संदेश देने की योजना बनाई थी. 2 नवंबर 2014 में पहली बार युवाओं ने प्लास्टिक और कचरा मुक्त बनाने के लिए सफाई की थी. लेकिन युवाओं की ये मुहिम अबतक जारी है. युवाओं की तरफ से हर रविवार को सुबह सफाई की जाती है.

यह भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : पुदुचेरी के ग्रामीणों की पहल से आई स्वच्छता, पर्यटन के लिए हुआ लोकप्रिय

हेल्पिंग हैंड संस्था में धीरे-धीरे 250 से ज्यादा युवा जुड़े. इसमें लड़के- लड़कियां और महिलाओं सहित बुजुर्ग और अन्य लोग शामिल थे. इस टीम में दीपक शर्मा, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव, शाहरुख खान, मनीष गुप्ता, विमल पाल, रजविंदर, मेघा सैनी, हिमांशु जैन, वर्तिका और शिल्पी शर्मा सहित कई लोग शामिल हैं.

शुरुआत में विरोध झेलना पड़ा...

हेल्पिंग हैंड संस्था को शुरुआत में लोगों के तीखे वारों का सामना भी करना पड़ा. लोगों ने अभियान की आलोचना की और इसे दिखावा तक बताया. लेकिन 5 साल में 271 रविवार से ज्यादा बार हेल्पिंग हैंड संस्था अलवर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने की मुहिम चला चुकी है.

सकारात्मक मुहिम...

आज हेल्पिंग हैंड राजस्थान ही नहीं देश में भी अपनी पहचान रखता है. कई बड़े मंचों से हेल्पिंग हैंड का सम्मान हो चुका है. संस्था हर रविवार को ऐसे पार्क, चौराहों और सार्वजनिक स्थानों का चयन करती है, जहां बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक पड़ा रहता है. सदस्यों ने बताया, कि प्लास्टिक उठाने के बाद ये लोग उस जगह की सफाई भी करते हैं.

डंपिंग यार्ड तक पहुंचाते हैं कचरा...

संस्था प्लास्टिक को एक जगह जमा कर नगर परिषद के वाहन की मदद से डंपिंग यार्ड तक भी पहुंचाती है. हेल्पिंग हैंड जैसी मुहिम आज सभी को शुरू करने की जरूरत है. अगर हम आज समय पर नहीं चेते तो आने वाला कल जानलेवा रहेगा और हमारी आने वाली जनरेशन हमें कभी माफ नहीं कर सकेगी.

अलवर. 5 साल पहले अलवर में प्लास्टिक के ढेर को देखकर अलवर के कुछ युवाओं ने सफाई करने का फैसला लिया. साल 2014 के सितंबर माह में युवाओं ने हेल्पिंग हैंड नाम की एक संस्था बनाई, जिसमें दीपक कुमार, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव और विकास कुमार सहित कुछ युवा शामिल हुए.

कचरे से निपटने के लिए राजस्थान के युवाओं की मुहिम

उस समय के नकारात्मक और सिविल प्रशासन को एक संदेश देने के लिए उन्होंने सिर्फ एक साल तक सफाई कर नगर परिषद को संदेश देने की योजना बनाई थी. 2 नवंबर 2014 में पहली बार युवाओं ने प्लास्टिक और कचरा मुक्त बनाने के लिए सफाई की थी. लेकिन युवाओं की ये मुहिम अबतक जारी है. युवाओं की तरफ से हर रविवार को सुबह सफाई की जाती है.

यह भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : पुदुचेरी के ग्रामीणों की पहल से आई स्वच्छता, पर्यटन के लिए हुआ लोकप्रिय

हेल्पिंग हैंड संस्था में धीरे-धीरे 250 से ज्यादा युवा जुड़े. इसमें लड़के- लड़कियां और महिलाओं सहित बुजुर्ग और अन्य लोग शामिल थे. इस टीम में दीपक शर्मा, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव, शाहरुख खान, मनीष गुप्ता, विमल पाल, रजविंदर, मेघा सैनी, हिमांशु जैन, वर्तिका और शिल्पी शर्मा सहित कई लोग शामिल हैं.

शुरुआत में विरोध झेलना पड़ा...

हेल्पिंग हैंड संस्था को शुरुआत में लोगों के तीखे वारों का सामना भी करना पड़ा. लोगों ने अभियान की आलोचना की और इसे दिखावा तक बताया. लेकिन 5 साल में 271 रविवार से ज्यादा बार हेल्पिंग हैंड संस्था अलवर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने की मुहिम चला चुकी है.

सकारात्मक मुहिम...

आज हेल्पिंग हैंड राजस्थान ही नहीं देश में भी अपनी पहचान रखता है. कई बड़े मंचों से हेल्पिंग हैंड का सम्मान हो चुका है. संस्था हर रविवार को ऐसे पार्क, चौराहों और सार्वजनिक स्थानों का चयन करती है, जहां बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक पड़ा रहता है. सदस्यों ने बताया, कि प्लास्टिक उठाने के बाद ये लोग उस जगह की सफाई भी करते हैं.

डंपिंग यार्ड तक पहुंचाते हैं कचरा...

संस्था प्लास्टिक को एक जगह जमा कर नगर परिषद के वाहन की मदद से डंपिंग यार्ड तक भी पहुंचाती है. हेल्पिंग हैंड जैसी मुहिम आज सभी को शुरू करने की जरूरत है. अगर हम आज समय पर नहीं चेते तो आने वाला कल जानलेवा रहेगा और हमारी आने वाली जनरेशन हमें कभी माफ नहीं कर सकेगी.

Intro:अलवर पर्यावरण के लिए सिंगल यूज़ प्लास्टिक खतरा बन चुका है। ऐसे में पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त कराने के लिए देशभर में अलग-अलग तरह से मुहिम चल रही है। इस मुहिम में अलवर के हेल्पिंग हैंड की सबसे सकारात्मक पहल सामने आई है। हेल्पिंग हैंड 5 साल से अलवर में लगातार सफाई कर रहा है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक से पर्यावरण को मुक्त कराने का प्रयास अब भी जारी है।


Body:5 साल पहले अलवर में प्लास्टिक के ढेर को देखकर अलवर के कुछ युवाओं ने सफाई करने का फैसला लिया। साल 2014 के सितंबर माह में युवाओं ने हेल्पिंग हैंड नाम की एक संस्था बनाई। इसमें दीपक कुमार, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव व विकास कुमार सहित कुछ युवा शामिल हुए। उस समय के नकारात्मक व सिविल प्रशासन को एक संदेश देने के लिए उन्होंने केवल एक साल तक सफाई कर नगर परिषद को संदेश देने की योजना बनाई थी। 2 नवंबर 2014 में पहली बार युवाओं ने प्लास्टिक व कचरा मुक्त बनाने के सफाई की थी। लेकिन युवाओं के एक बार शुरू हुई मुहिम अब तक जारी है। युवाओं की तरफ से प्रत्येक रविवार को सुबह सफाई की जाती है। देखते ही देखते हेल्पिंग हैंड में 250 से अधिक युवा जुड़े इसमें लड़के लड़कियां महिलाएं सहित बुजुर्ग व अन्य लोग शामिल थे। इस दौरान लोगों के तीखे वारों का सामना करना पड़ा था। कुछ उनकी बुराई करते व कुछ आलोचना करते हुए नजर आते थे। लगातार लोग हेल्पिंग हैंड के इस अभियान की नकारात्मक बात करते हुए नजर आने लगे। कुछ लोग कहते यह अभियान दिखावा है तो वहीं कुछ का कहना था कि यह कुछ माह बाद बंद हो जाएगा। लेकिन 5 साल में 271 रविवार से अधिक बार हेल्पिंग हैंड अलवर को सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त कराने की मुहिम चला चुका है।


Conclusion:हेल्पिंग हैंड कि मुहिम सकारात्मक रूप में साबित हुई। शहर के सभी वर्ग के लोग इनसे जुड़े आज हेल्पिंग हैंड राजस्थान ही नहीं देश में भी अपनी पहचान रखता है। कई बड़े मंचों से हेल्पिंग हैंड का सम्मान हो चुका है। प्रत्येक रविवार के लिए हेल्पिंग हैंड के सदस्य पार्क चौराहों व सार्वजनिक स्थानों का चयन करते हैं। जहां बहुतायत मात्रा में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पड़ा रहता है। हेल्पिंग के सदस्यों ने बताया कि प्लास्टिक उठाने के बाद यह लोग उस जगह की झाड़ू से सफा करते हैं। इतना ही नहीं वहां से निकलने वाले कचरे में प्लास्टिक को एक जगह पर जमा करके नगर परिषद के वाहन की मदद से डंपिंग यार्ड तक पहुंचाने का काम भी करते हैं। हेल्पिंग हैंड जैसी मुहिम आज सभी को शुरू करने की आवश्यकता है। अगर हम आज समय पर नहीं चेते तो आने वाला कल जानलेवा रहेगा व हमारी आने वाली जनरेशन हमें कभी माफ नहीं कर सकेगी। हेल्पिंग हैंड की टीम में दीपक शर्मा, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव, शाहरुख खान, मनीष गुप्ता, विमल पाल, रजविंदर, मेघा सैनी, हिमांशु जैन, वर्तिका, शिल्पी शर्मा बड़ी संख्या में लोग शामिल है।
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