अलवर. 5 साल पहले अलवर में प्लास्टिक के ढेर को देखकर अलवर के कुछ युवाओं ने सफाई करने का फैसला लिया. साल 2014 के सितंबर माह में युवाओं ने हेल्पिंग हैंड नाम की एक संस्था बनाई, जिसमें दीपक कुमार, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव और विकास कुमार सहित कुछ युवा शामिल हुए.
उस समय के नकारात्मक और सिविल प्रशासन को एक संदेश देने के लिए उन्होंने सिर्फ एक साल तक सफाई कर नगर परिषद को संदेश देने की योजना बनाई थी. 2 नवंबर 2014 में पहली बार युवाओं ने प्लास्टिक और कचरा मुक्त बनाने के लिए सफाई की थी. लेकिन युवाओं की ये मुहिम अबतक जारी है. युवाओं की तरफ से हर रविवार को सुबह सफाई की जाती है.
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हेल्पिंग हैंड संस्था में धीरे-धीरे 250 से ज्यादा युवा जुड़े. इसमें लड़के- लड़कियां और महिलाओं सहित बुजुर्ग और अन्य लोग शामिल थे. इस टीम में दीपक शर्मा, यश अरोड़ा, अंकित भार्गव, शाहरुख खान, मनीष गुप्ता, विमल पाल, रजविंदर, मेघा सैनी, हिमांशु जैन, वर्तिका और शिल्पी शर्मा सहित कई लोग शामिल हैं.
शुरुआत में विरोध झेलना पड़ा...
हेल्पिंग हैंड संस्था को शुरुआत में लोगों के तीखे वारों का सामना भी करना पड़ा. लोगों ने अभियान की आलोचना की और इसे दिखावा तक बताया. लेकिन 5 साल में 271 रविवार से ज्यादा बार हेल्पिंग हैंड संस्था अलवर को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त कराने की मुहिम चला चुकी है.
सकारात्मक मुहिम...
आज हेल्पिंग हैंड राजस्थान ही नहीं देश में भी अपनी पहचान रखता है. कई बड़े मंचों से हेल्पिंग हैंड का सम्मान हो चुका है. संस्था हर रविवार को ऐसे पार्क, चौराहों और सार्वजनिक स्थानों का चयन करती है, जहां बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक पड़ा रहता है. सदस्यों ने बताया, कि प्लास्टिक उठाने के बाद ये लोग उस जगह की सफाई भी करते हैं.
डंपिंग यार्ड तक पहुंचाते हैं कचरा...
संस्था प्लास्टिक को एक जगह जमा कर नगर परिषद के वाहन की मदद से डंपिंग यार्ड तक भी पहुंचाती है. हेल्पिंग हैंड जैसी मुहिम आज सभी को शुरू करने की जरूरत है. अगर हम आज समय पर नहीं चेते तो आने वाला कल जानलेवा रहेगा और हमारी आने वाली जनरेशन हमें कभी माफ नहीं कर सकेगी.