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किसानों के बीच पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह...कहा- विश्वयुद्ध से कम नहीं है किसान आंदोलन

अलवर के शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर सैकड़ों की संख्या में किसान 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं, तो सरकार भी अपनी बातों पर अड़े हुए है. 6 फरवरी को किसानों ने देशव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया है, इसको लेकर तैयारी भी शुरू हो चुकी है. गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन किसी विश्वयुद्ध से कम नहीं है.

Former Union Minister Jitendra Singh, किसान आंदोलन में पहुंचे जितेंद्र सिंह
शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
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Published : Feb 5, 2021, 12:13 PM IST

अलवर. जिले के शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राजस्थान सरकार में श्रम मंत्री टीकाराम जूली किसानों के बीच पहुंचे. इस दौरान एक किसान सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन विश्व युद्ध से कम नहीं है. किसानों पर कई तरह के आरोप लगे, लेकिन इसके बाद भी किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं.

शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

बता दें, शाहजहांपुर में राजस्थान हरियाणा सीमा पर सैकड़ों की संख्या में किसान 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं, तो सरकार भी अपनी बातों पर अड़े हुए है. 6 फरवरी को किसानों ने देशव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया है, इसको लेकर तैयारी भी शुरू हो चुकी है. गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे. इस दौरान प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री टीकाराम जूली बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद रहे.

यह भी पढ़ेंः पटाखे बेचने और जलाने पर अब नहीं लगेगा जुर्माना, गृह विभाग ने जारी की नई अधिसूचना

जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन किसी विश्वयुद्ध से कम नहीं है. किसानों पर कई गंभीर आरोप लगे, कभी उन्हें पाकिस्तानी कहा गया तो कभी खालिस्तानी, लेकिन उसके बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. ऐसे में साफ है कि किसान ईमानदार हैं. इसीलिए पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए आया हूं और किसानों की बात ऊपर तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा.

यह भी पढ़ेंः धौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ बैठक, मुकदमे वापस लेने और भर्ती प्रक्रिया में नियमों की पालना का दिया आश्वासन

उन्होंने किसान नेताओं से बातचीत करते हुए आगामी चक्काजाम कार्यक्रम के बारे में चर्चा की. इस दौरान प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. 26 जनवरी को जो हुआ उसकी पोल खुल चुकी है. भाजपा ने आंदोलन को तोड़ने का प्रयास किया. किसानों को भड़काने और उकसाने का भी काम किया, लेकिन किसान अकेला और कमजोर नहीं है. किसान के ऊपर भगवान का हाथ है और मजबूती से आंदोलन कर रहा है. कड़ाके की ठंड और सर्दी में भी किसान अपनी मांगों को लेकर डटा हुआ है. जब रात का तापमान 0 डिग्री तक पहुंच गया था, उसके बाद भी किसान अलाव के आगे बैठकर रात गुजार रहे थे. ऐसे में किसान की जीत होना निश्चित है. सरकार को हर हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा.

अलवर. जिले के शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राजस्थान सरकार में श्रम मंत्री टीकाराम जूली किसानों के बीच पहुंचे. इस दौरान एक किसान सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन विश्व युद्ध से कम नहीं है. किसानों पर कई तरह के आरोप लगे, लेकिन इसके बाद भी किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं.

शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

बता दें, शाहजहांपुर में राजस्थान हरियाणा सीमा पर सैकड़ों की संख्या में किसान 2 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं, तो सरकार भी अपनी बातों पर अड़े हुए है. 6 फरवरी को किसानों ने देशव्यापी चक्का जाम करने का ऐलान किया है, इसको लेकर तैयारी भी शुरू हो चुकी है. गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे. इस दौरान प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री टीकाराम जूली बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद रहे.

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जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन किसी विश्वयुद्ध से कम नहीं है. किसानों पर कई गंभीर आरोप लगे, कभी उन्हें पाकिस्तानी कहा गया तो कभी खालिस्तानी, लेकिन उसके बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. ऐसे में साफ है कि किसान ईमानदार हैं. इसीलिए पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए आया हूं और किसानों की बात ऊपर तक पहुंचाने का प्रयास करूंगा.

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उन्होंने किसान नेताओं से बातचीत करते हुए आगामी चक्काजाम कार्यक्रम के बारे में चर्चा की. इस दौरान प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है. 26 जनवरी को जो हुआ उसकी पोल खुल चुकी है. भाजपा ने आंदोलन को तोड़ने का प्रयास किया. किसानों को भड़काने और उकसाने का भी काम किया, लेकिन किसान अकेला और कमजोर नहीं है. किसान के ऊपर भगवान का हाथ है और मजबूती से आंदोलन कर रहा है. कड़ाके की ठंड और सर्दी में भी किसान अपनी मांगों को लेकर डटा हुआ है. जब रात का तापमान 0 डिग्री तक पहुंच गया था, उसके बाद भी किसान अलाव के आगे बैठकर रात गुजार रहे थे. ऐसे में किसान की जीत होना निश्चित है. सरकार को हर हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना होगा.

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