बहरोड़. अलवर जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन शुक्रवार को समाप्त (Farmers strike At Shahjahanpur Border) हो गया है. किसानों ने आज 10 बजे बॉर्डर खाली करने का एलान कर दिया गया है. इसके बाद हरियाणा पुलिस की और लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने का काम (Haryana Police Remove Barricades) शुरू हो गया है. जयपुर-दिल्ली हाईवे (Jaipur Delhi Highway Traffic) का आवागमन आज से पूर्णतया खुल जायेगा.
बेरिकेट्स हटाने का काम शुरू
केन्द्र सरकार के द्वारा किसानों की सभी मांगे मानने के बाद आज किसानों की घर वापसी (Farmers Called Off Their Strike) है. जिसको लेकर देर रात से ही टेंट हट चुके हैं और हरियाणा सरकार की द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स हटाने का काम शुरू हो चुका है. आज सुबह 10 बजे तक किसान पूरी तरह से हाईवे को खाली कर देंगे. बता दें कि एक साल से ज्यादा का समय किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर धरना दिए हो गया है. जो एक साल बाद पूरी तरह से बंद था. बॉर्डर खाली होने के बाद आस पास के लोगो को बड़ी राहत मिली है. एक साल से ज्यादा का समय किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर धरना दिए हो गया है. जो एक साल बाद पूरी तरह से बंद था.
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आम लोगों को रोजाना आने-जाने में होती थी परेशानी
तीन कृषि कानून वापस लिए (Three Agricultural Laws Withdrawn) जाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा किसानों की अन्य मांगें पूरी कर लिए जाने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान विजेता की तरह जश्न मना रहे हैं, मिठाईयां बांट रहे हैं तथा गीत गा रहे हैं. एक वर्ष से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान प्रदर्शन जहां देश-दुनिया में लगातार सुर्खियों में रहा, वहीं इस दौरान कई विवाद भी पैदा हुए. संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा (Samyukta Kisan Morcha Announces End Of Farmer Protest) करने के बाद कुछ किसान घर लौट गए हैं, वहीं कुछ किसान 11 दिसंबर का विजय मार्च के बाद घर लौटेंगे. प्रदर्शन के दौरान उन्हें दिल्ली की कड़ाके की सर्दी, भीषण गर्मी, पुलिस के साथ संघर्ष जैसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तथा आम लोगों ने भी आंदोलन से रोजाना आने-जाने में होने वाली दिक्कतों की शिकायत की.
आंदोलन खत्म नहीं हुआ सिर्फ मोर्चा उठाया है - योगेंद्र यादव
केंद्र सरकार के द्वारा किसानों की मांगे मानने के बाद शुक्रवार को किसानों के द्वारा बॉर्डर खाली करने के दौरान स्वराज इंडिया पार्टी के प्रमुख योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा की इस किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो गया है. इस महान ऐतिहासिक संघर्ष मे दक्षिण हरियाणा और पूर्वी राजस्थान की अहम भूमिका रही है. इसका नाम इतिहास के पन्नों में लिखा जाएगा.
सरकार ने अपनी मांगों को लिखित में मांग लिया है कि आज एमएसपी पर जो खरीद हो रही है वही आगे भी जारी रहेगी. लेकिन एमएसपी को लेना है अभी लड़ाई जारी है. किसान की अभूतपूर्व को जीत को आगे लेकर जाना है. जीतने के बाद सोना नहीं है. गाँव-गांव घर-घर जाना है और इस संघर्ष को और आगे बढ़ाना है. पिछले 70 साल से किसान को जो कुछ मिला है वो सत्ता से संघर्ष करके ही मिला है. आंदोलन खत्म नहीं किया है मोर्चा उठा रहे है.
आंदोलन का बड़ा केंद्र था शाहजहांपुर बॉर्डर
जयपुर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग राजस्थान-हरियाणा की सीमा से सटे अलवर जिले के शाहजहांपुर कस्बे से होकर गुजरता है. एक साल पहले जब केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन शुरू हुआ तो शाहजहांपुर बॉर्डर आंदोलन का बड़ा केंद्र बन गया. आंदोलनकारी किसानों के यहां डेरा लगाने से जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग एकतरफा बंद था और वहां आंदोलनकारी किसानों के तंबू लगे हुए थे.