अलवर. कोरोना में एक तरफ शिक्षा विभाग की तरफ से बच्चों को ऑनलाइन क्लास के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. दूरदर्शन और अन्य संसाधनों की मदद से भी बच्चों तक पढ़ाई संबंधी जरूरी जानकारी पहुंचाई जा रही है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी देने का फैसला लिया है. एप के जरिए बच्चों तक यह जानकारी पहुंचाई जाएगी. साथ ही किसी भी तरह की परेशानी होने पर किस तरह से बचा जाए, इसके बारे में भी बताया जाएगा.
देश में प्राथमिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग कई वर्षों से किया जा रहा है. प्राथमिक चिकित्सा पद्धति के उपयोग में बदलाव भी आए हैं. अब बच्चों को एप के माध्यम से प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताया जाएगा. बच्चे इस एप के माध्यम से यह सीखेंगे कि समय रहते किस तरह जान बचाई जा सकती है. स्कूल भवन में आपातकालीन स्थिति में फर्स्ट टेस्ट सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ने मिलकर एक एप लांच किया है. इस एप में कक्षा 8 से 10 और 11 से 12 तक की कक्षा के बच्चों में शिक्षकों के लिए अलग-अलग मॉड्यूल भी तैयार किए गए हैं.
इस एप में करीब 90 से 100 पेजों के इस मॉडल में प्राथमिक चिकित्सा के बारे में बताया गया है. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग ने तमाम कलेक्टर और स्कूल शिक्षा निदेशक को इस ऐप के बारे में शिक्षकों और विद्यार्थियों को जानकारी देने के बारे में निर्देशित किया है. 21वीं सदी में इसका रूप क्या हो गया है. इस एप में एक दर्जन से ज्यादा इमरजेंसी नंबर भी दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें- शादी में जा रहे व्यक्ति के लिए चाय बनी काल! ऐसे आई मौत
इसके अलावा प्रत्येक राज्य का आपातकालीन नंबर और उसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है. एप में शिक्षकों के लिए सीखने का कंटेंट डाला गया है. एप में बताया गया है कि दुर्घटना होने, आग लगने, भूकंप आने या किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा या घटना दुर्घटना होने पर सबसे पहले क्या करें और उसे कैसे बचा जाए. किसी भी घटना के घटने का कारण उसके उपाय और उस समय में कैसे और क्या काम करना प्राथमिकता रहेगी. इन सभी बिंदुओं के बारे में भी एप के माध्यम से समझाया गया है.