अलवर. प्रतिदिन 80 से अधिक रेल अलवर जंक्शन से गुजरती है. इन ट्रेनों में 35 से 40 हजार यात्री विभिन्न रूटों पर सफर करते हैं. कोरोना वायरस का प्रभाव अलवर सहित प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है. प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार काफी गंभीर नजर आ रही है. साथ ही प्रदेश में सभी प्रमुख मंदिरों के पट आम लोगों के लिए बंद कर दिए गए हैं. वहीं सरिस्का नेशनल पार्क पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है.
प्रशासन की तरफ से सभी मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम को निरस्त करा दिया गया है. ऐसे में कार्यक्रम जिनमें भीड़ जुटने की संभावना रहती है. उन सभी पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. ऐसे में लगातार ट्रेन और बस के माध्यम से संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा था. इसलिए रेलवे की तरफ से अलवर जंक्शन पर हेल्प डेस्क शुरू की गई है.
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इस डेस्क के माध्यम से अलवर जंक्शन से सफर करने वाले सभी यात्रियों को जागरुक किया जा रहा है. कोरोना वायरस से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानी की जानकारी दी जा रही है. दूसरी तरफ रेलवे के कर्मचारियों की तरफ से यात्रियों का तापमान विशेष मशीन से चेक किया जा रहा है. दरअसल, सामान्य से ज्यादा शरीर का तापमान होने का मतलब है कि व्यक्ति को बुखार है और व्यक्ति बीमार है.
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि हेल्प डेस्क के माध्यम से 24 घंटे यात्रियों को जागरुक करने के साथ उनको सभी तरह की जानकारी भी उपलब्ध कराई जा रही है. अगर किसी मरीज के तापमान बढ़ा आता है या उसके खांसी जुकाम में शिकायत मिलती है. उसको रेलवे के अस्पताल और राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में शिफ्ट करने की व्यवस्था रेलवे प्रशासन की तरफ से की गई है.