अलवर. लंबे समय से विवादों में रहने वाले अलवर के सरिस्का में वन विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है. वन विभाग की टीम ने सरिस्का के ताल वृक्ष के समीप सीरावस के जंगल में मंगलवार को टोपीदार बंदूक के साथ अवैध रूप से घूम रहे दो शिकारियों को गिरफ्तार किया है. वन विभाग की टीम ने इनके पास से शिकार में काम आने वाले कई अन्य सामान भी बरामद किए हैं. ऐसे में सरिस्का में एक बार फिर से शिकारियों की दस्तक महसूस होने लगी है. देखना होगा कि सरिस्का प्रशासन बाघों को बचाने के लिए क्या कदम उठाता है.
सरिस्का क्षेत्रों में लगे कैमरे में पिछले सप्ताह रामपुर नाका क्षेत्र में दो संदिग्ध लोग कैद हुए थे. उसके बाद से लगातार वन विभाग की टीम दोनों शिकारियों की तलाश कर रही थी. वन विभाग की टीम ने सुंदर बास बावरिया की ढाणी श्रीवास निवासी फूल सिंह उर्फ आलू पुत्र शिवलाल व सतीश उर्फ हाडा पुत्र प्यारेलाल को गिरफ्तार किया है.
दोनों शिकारी बंदूक सहित सरिस्का के सिरावास जंगल में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे. इनके पास से वन विभाग की टीम ने बंदूक, बारूद की एक बोतल, एक थैला, टॉर्च सहित अन्य सामान बरामद किए हैं. सरिस्का एरिया में लंबे समय से हो रही बाघों की मौत और शिकारियों की हलचल से बाघों पर खतरा बढ़ने लगा है. ऐसे में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
सरिस्का के तालवृक्ष रेंज के जंगल में वर्तमान में 3 बाघ, बाघिन और उनके तीन शावक मौजूद है. ऐसे में सिरावास के जंगल में दो शिकारियों को बंदूक सहित गिरफ्तार किए जाने की घटना से बाघों पर संकट मंडराने लगा है. सरिस्का एरिया में लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं से साफ है कि सरिस्का में फिर से शिकारी सक्रिय हो चुके हैं.
कुछ समय पहले सरिस्का एरिया में एक बाघ और बाघिन का शिकार हो चुका है. इसके अलावा पैंथर, जंगली सूअर, सांभर सहित कई अन्य जानवरों के मामले भी सामने आ चुके हैं. लेकिन, इन सब घटनाओं के बाद भी सरिस्का प्रशासन लापरवाही बरत रहा है. अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. इसी तरह के हालात रहे तो सरिस्का एक बार फिर से बाघ विहीन हो सकता है.