ETV Bharat / city

अलवर में नरबलि नहीं...'महाराज' कहे जाने से चिढ़ता था और उतार दिया मौत के घाट

अलवर के मालाखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के नावली गांव में नाबालिग की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने मृतक बालक के परिवार के ही एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया है.

minor boy murder case,  alwar police
अलवर में नाबालिग की हत्या मामले में बड़ा खुलासा, महाराज कहे जाने से चिढ़कर बाल अपचारी ने दिया था वारदात को अंजाम
author img

By

Published : Dec 29, 2020, 7:23 PM IST

अलवर. मालाखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के नावली गांव में जिस बालक की हत्या को नरबलि माना जा रहा था. पुलिस ने मंगलवार को मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने नरबलि की बात को सिरे से नकार दिया है और उनका कहना है कि मृतक के परिवार के ही एक बाल अपचारी ने उसकी हत्या की है. बाल अपचारी को मृतक महाराज के नाम से चिढ़ाता था. जिससे खफा होकर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने बाल अपचारी को निरुद्ध कर लिया है.

अलवर में नाबालिग की हत्या मामले में बड़ा खुलासा

क्या है पूरा मामला...

पुलिस अधीक्षक तेजस ने गौतम ने बताया कि 26 दिसंबर को नावली के रहने वाले घीसाराम ने अपने बेटे निर्मल उर्फ बाबू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन दूसरे दिन ही गुमशुदा बालक का शव सरसों के खेत में मिला. शव के नाक, कान काटे हुए थे जिसके बाद कहा जा रहा था कि किसी ने बलि देने के लिए बालक की हत्या की है. मौके से डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम ने साक्ष्य जुटाए. जिसके बाद पुलिस ने हत्या के मामले में मृतक बालक के ही परिवार के एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया है.

महाराज, महाराज कहकर चिढ़ाने से परेशान था बाल अपचारी...

पुलिस ने बताया कि बाल अपचारी 2018 में काफी बीमार हुआ था. घर वालों ने उसका कई जगह इलाज करवाया. ठीक होने के बाद बाल अपचारी बताने लगा कि उसमें कोई देवता आते हैं और वह भूत-प्रेत का इलाज करने लगा. जिसके बाद बाल अपचारी को आस-पास के लोग महाराज, महाराज कहकर बुलाते थे. मृतक बालक निर्मल भी बाल अपचारी को महाराज, महाराज कहकर चिढ़ाता था. जिसके चलते बाल अपचारी निर्मल से काफी परेशान हो गया था.

पढ़ें: अलवर: अंधविश्वास में मासूम की हत्या, पहले नाक-कान काटे...फिर दे दी बलि

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा...

बाल अपचारी ने निर्मल से बदला लेने के लिए 26 दिसंबर की सुबह 10 बजे उसे यह कहकर अपने साथ ले गया कि ठाकुर बाबा के खेत की तरफ कुत्तों ने मोर मार दिया है, उसे देखने चलते हैं और सरसों के खेत में ले जाकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने नरबलि से इनकार करते हुए बताया कि खेत में किसी जानवर ने शव के कान, नाक और नाखून को काटा है. पोस्टमार्टम में भी इसकी पुष्टि हुई है.

दोनों परिवारों के बीच चल रहा था जमीन विवाद...

बाल अपचारी ने पूछताछ में बताया कि बदले की भावना से उसने हत्या की है. बाल अपचारी के परिवार की मृतक के परिवार के साथ जमीन को लेकर भी विवाद चल रहा था. बाल अपचारी ने बताया कि उसने ना तो कोई धन के लिए और ना ही नरबलि के लिए हत्या की है, बल्कि वह महाराज, महाराज कहकर बुलाए जाने से परेशान हो गया था. इसीलिए उसने हत्या की है. पुलिस ने बताया कि मृतक की मां भी खुद में देवता आने की बात कहती है. इसलिए बाल अपचारी उसकी मां को भी अपना प्रतिद्वंदी मानता था और सबक सिखाने के लिए उसके बेटे की हत्या की है. दोनों परिवारों ने जमीन विवाद को लेकर उपखंड अधिकारी के यहां से इस्तगासा लगाया हुआ है.

अलवर. मालाखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के नावली गांव में जिस बालक की हत्या को नरबलि माना जा रहा था. पुलिस ने मंगलवार को मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने नरबलि की बात को सिरे से नकार दिया है और उनका कहना है कि मृतक के परिवार के ही एक बाल अपचारी ने उसकी हत्या की है. बाल अपचारी को मृतक महाराज के नाम से चिढ़ाता था. जिससे खफा होकर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने बाल अपचारी को निरुद्ध कर लिया है.

अलवर में नाबालिग की हत्या मामले में बड़ा खुलासा

क्या है पूरा मामला...

पुलिस अधीक्षक तेजस ने गौतम ने बताया कि 26 दिसंबर को नावली के रहने वाले घीसाराम ने अपने बेटे निर्मल उर्फ बाबू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन दूसरे दिन ही गुमशुदा बालक का शव सरसों के खेत में मिला. शव के नाक, कान काटे हुए थे जिसके बाद कहा जा रहा था कि किसी ने बलि देने के लिए बालक की हत्या की है. मौके से डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम ने साक्ष्य जुटाए. जिसके बाद पुलिस ने हत्या के मामले में मृतक बालक के ही परिवार के एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया है.

महाराज, महाराज कहकर चिढ़ाने से परेशान था बाल अपचारी...

पुलिस ने बताया कि बाल अपचारी 2018 में काफी बीमार हुआ था. घर वालों ने उसका कई जगह इलाज करवाया. ठीक होने के बाद बाल अपचारी बताने लगा कि उसमें कोई देवता आते हैं और वह भूत-प्रेत का इलाज करने लगा. जिसके बाद बाल अपचारी को आस-पास के लोग महाराज, महाराज कहकर बुलाते थे. मृतक बालक निर्मल भी बाल अपचारी को महाराज, महाराज कहकर चिढ़ाता था. जिसके चलते बाल अपचारी निर्मल से काफी परेशान हो गया था.

पढ़ें: अलवर: अंधविश्वास में मासूम की हत्या, पहले नाक-कान काटे...फिर दे दी बलि

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा...

बाल अपचारी ने निर्मल से बदला लेने के लिए 26 दिसंबर की सुबह 10 बजे उसे यह कहकर अपने साथ ले गया कि ठाकुर बाबा के खेत की तरफ कुत्तों ने मोर मार दिया है, उसे देखने चलते हैं और सरसों के खेत में ले जाकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने नरबलि से इनकार करते हुए बताया कि खेत में किसी जानवर ने शव के कान, नाक और नाखून को काटा है. पोस्टमार्टम में भी इसकी पुष्टि हुई है.

दोनों परिवारों के बीच चल रहा था जमीन विवाद...

बाल अपचारी ने पूछताछ में बताया कि बदले की भावना से उसने हत्या की है. बाल अपचारी के परिवार की मृतक के परिवार के साथ जमीन को लेकर भी विवाद चल रहा था. बाल अपचारी ने बताया कि उसने ना तो कोई धन के लिए और ना ही नरबलि के लिए हत्या की है, बल्कि वह महाराज, महाराज कहकर बुलाए जाने से परेशान हो गया था. इसीलिए उसने हत्या की है. पुलिस ने बताया कि मृतक की मां भी खुद में देवता आने की बात कहती है. इसलिए बाल अपचारी उसकी मां को भी अपना प्रतिद्वंदी मानता था और सबक सिखाने के लिए उसके बेटे की हत्या की है. दोनों परिवारों ने जमीन विवाद को लेकर उपखंड अधिकारी के यहां से इस्तगासा लगाया हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.