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3 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में डीएसपी की जमानत याचिका खारिज

6 जनवरी को तीन लाख की रिश्वत के मामले में अलवर के डीएसपी सपात खान को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. सपात खान की न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अलवर ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ेगा.

ACB action in Alwar,  Alwar DSP Sapat Khan
डीएसपी की जमानत याचिका खारिज
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Published : Mar 18, 2021, 5:19 AM IST

अलवर. 6 जनवरी को तीन लाख की रिश्वत के मामले में अलवर के डीएसपी सपात खान को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. सपात खान की न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अलवर ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ेगा. हालांकि, डीएसपी के साथ पकड़े गए कांस्टेबल के खिलाफ एसीबी चालान पेश कर चुकी है. दूसरी ओर जिले में एसीबी ने पिछले दो दिनों में घूस लेने वाले दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: दुकानों से चोरी करने वाली महिला गैंग का खुलासा, 7 गिरफ्तार

एसीबी की टीम ने 6 जनवरी को तीन लाख की रिश्वत के साथ अलवर के डीएसपी सपात खान को गिरफ्तार किया था. रिश्वत की राशि कांस्टेबल असलम के जरिए डीएसपी के घर पर ली गई. एसीबी की जयपुर की टीम ने रिश्वत की राशि घर से बरामद की. उसके बावजूद एसीबी 60 दिन तक डीएसपी के मामले में चालान पेश नहीं कर सकी. इस कारण माना जा रहा है कि डीएसपी की जमानत हो सकती है.

बता दें, रिश्वत के मामले में 60 दिन के अंदर पुलिस को चालान पेश करना होता है. ऐसा नहीं होने पर आरोपी को जमानत मिल सकती है, लेकिन रिश्वत का मामला बड़ा होने के कारण अलवर में जमानत मंजूर नहीं की गई.

वहीं, अलवर में एसीबी की कार्रवाई लगातार जारी है. एसीबी ने कुछ दिन पहले ही असलम के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है जबकि उस समय एसीबी ने बताया था कि रिश्वत की राशि डीएसपी के घर से बरामद की है. डीएसपी ने भागने का भी प्रयास किया था. हालांकि बाद में डीएसपी सपात खान ने कहा था कि वो घर से नहीं भागा था. यह राशि आपसी लेनदेन की है और उसे फंसाया गया है. अलग-अलग मामलों में राहत देने के लिए 13 लाख की रिश्वत मांगी गई थी. उसके बाद तीन लाख की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने गिरफ्तार किया था.

एसीबी की कार्रवाई जारी

अलवर में लगातार एसीबी का शिकंजा कसा जा रहा है. पिछले दो दिनों में एसीबी ने यूआईटी के जेईएन और ग्राम विकास अधिकारी को रिश्वत लेते दबोचा है. जेईएन ने बिल पास करने की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी और 50 हजार रुपए पहले ही ले चुका था. जबकि ग्राम विकास अधिकारी डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ. परिवादी से वो पहले डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था.

अलवर. 6 जनवरी को तीन लाख की रिश्वत के मामले में अलवर के डीएसपी सपात खान को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. सपात खान की न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अलवर ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ेगा. हालांकि, डीएसपी के साथ पकड़े गए कांस्टेबल के खिलाफ एसीबी चालान पेश कर चुकी है. दूसरी ओर जिले में एसीबी ने पिछले दो दिनों में घूस लेने वाले दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: दुकानों से चोरी करने वाली महिला गैंग का खुलासा, 7 गिरफ्तार

एसीबी की टीम ने 6 जनवरी को तीन लाख की रिश्वत के साथ अलवर के डीएसपी सपात खान को गिरफ्तार किया था. रिश्वत की राशि कांस्टेबल असलम के जरिए डीएसपी के घर पर ली गई. एसीबी की जयपुर की टीम ने रिश्वत की राशि घर से बरामद की. उसके बावजूद एसीबी 60 दिन तक डीएसपी के मामले में चालान पेश नहीं कर सकी. इस कारण माना जा रहा है कि डीएसपी की जमानत हो सकती है.

बता दें, रिश्वत के मामले में 60 दिन के अंदर पुलिस को चालान पेश करना होता है. ऐसा नहीं होने पर आरोपी को जमानत मिल सकती है, लेकिन रिश्वत का मामला बड़ा होने के कारण अलवर में जमानत मंजूर नहीं की गई.

वहीं, अलवर में एसीबी की कार्रवाई लगातार जारी है. एसीबी ने कुछ दिन पहले ही असलम के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया है जबकि उस समय एसीबी ने बताया था कि रिश्वत की राशि डीएसपी के घर से बरामद की है. डीएसपी ने भागने का भी प्रयास किया था. हालांकि बाद में डीएसपी सपात खान ने कहा था कि वो घर से नहीं भागा था. यह राशि आपसी लेनदेन की है और उसे फंसाया गया है. अलग-अलग मामलों में राहत देने के लिए 13 लाख की रिश्वत मांगी गई थी. उसके बाद तीन लाख की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने गिरफ्तार किया था.

एसीबी की कार्रवाई जारी

अलवर में लगातार एसीबी का शिकंजा कसा जा रहा है. पिछले दो दिनों में एसीबी ने यूआईटी के जेईएन और ग्राम विकास अधिकारी को रिश्वत लेते दबोचा है. जेईएन ने बिल पास करने की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी और 50 हजार रुपए पहले ही ले चुका था. जबकि ग्राम विकास अधिकारी डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ. परिवादी से वो पहले डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था.

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