कोटा/अलवर. उदयपुर घटना के विरोध में संयुक्त व्यापारी महासंघ ने 2 जुलाई को अलवर बंद का आह्वान किया है. सभी संगठन इस बंद को अपना समर्थन दे रहे हैं. स्कूल प्रबंधकों ने भी स्कूल की छुट्टी कर दी है. बंद को देखते हुए जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस कंट्रोल रूम से पूरे शहर पर नजर रखेगी. बंद के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न बने उसके लिए पुलिस अधिकारी गश्त पर रहेंगे. जिले में अलग-अलग जगहों पर डिप्टी एसपी, एडीएम, एसडीएम को तैनात (Alwar bandh) किया गया है.
महासंघ के प्रमुख सलाहकार राजकुमार गोयल, अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, महामंत्री राकेश शर्मा, उपाध्यक्ष रमेश नारवानी और कोषाध्यक्ष दयानंद गुप्ता ने महासंघ के अन्य सहयोगी संगठनों के अध्यक्षों से शहर बंद के विषय में बात की. इस पर सभी ने सहमति व्यक्त करते हुए अलवर बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. व्यापार संगठन की तरफ से अलवर बंद के लिए योजना तैयार की गई है. जिसके तहत व्यापारी सुबह से ही शहर के अलग-अलग हिस्से में जाकर दुकान और बाजारों को बंद करवा रहे हैं. इसके लिए युवाओं की टीम भी बनाई गई है.
महासंघ के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता ने बताया कि महासंघ के केडलगंज व्यापारिक संचालन समिति, अलवर मार्बल डीलर्स एसोसिएशन, फल-सब्जी आढ़ती यूनियन, अलवर हार्डवेयर मर्चेंट एसोसिएशन, सिंहद्वार टैंट किराया व्यवसाय समिति, चूड़ी मार्केट विकास समिति, केड़लगंज ट्रक एसोसिएशन, थोक वस्त्र व्यापार समिति, अलवर, ऑटो पार्टस यूनियन, अलवर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन, अलवर, जिला हलवाई एसोसिएशन, विवाह स्थल संचालन समिति, सर्राफा व्यापार कमेटी, अलवर साडी डीलर्स एसोसिएशन, ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन, टिंबर एंड प्लाईवुड व्यापार समिति, बापू बाजार व्यापार समिति, गणेश मार्केट व्यापार संघ, क्रॉक्ररी एंड व्यापार महासंघ, अलवर कंप्यूटर डीलर्स एसोसिएशन, जय कांपलैक्स व्यापार समिति सहित कई संगठनों ने इस शहर बंदी के निर्णय पर सहमति (protest against Udaipur incident) जताई है.
सर्व समाज और व्यापार मंडल की तरफ से भी दिया समर्थन: उदयपुर की घटना के विरोध में शनिवार को सर्व समाज और व्यापार मंडल की तरफ से भी अलवर बंद का आह्वान किया गया. सुबह से ही अलवर के सभी बाजार और दुकानें बंद नजर आईं. लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करके बंद का समर्थन किया. इस दौरान व्यापारी अलवर के होप सर्कस पर जमा हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया. व्यापारियों ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के हालात खराब हैं. इसके जिम्मेदार प्रदेश के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री हैं. अलवर बंद के दौरान पेट्रोल पंप, स्कूल और अन्य जरूरी सेवाएं भी प्रभावित रही.
कोटा शहर भी रहा बंद: शनिवार को कोटा में सर्व समाज के आह्वान पर शांतिपूर्वक बंद रहा. अधिकांश बाजार बंद रहे, स्कूल और कोचिंग संस्थानों में भी छुट्टी रखी गई. इसके अलावा कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा होने के चलते यातायात और रेस्टोरेंट को छूट दी गई थी. साथ ही चिकित्सा, पेट्रोल पंप सहित अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को जारी रखा गया था. बंद के दौरान शहर के सभी बाजार पूरी तरह से बंद नजर आए. अधिकांश व्यापारियों और व्यापार संघ से जुड़े लोगों ने सर्व समाज के बंद के आह्वान को लेकर आयोजित आक्रोश रैली में भाग लिया. रैली में हजारों की संख्या में कोटा शहर वासी उमड़े और उन्होंने संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया.
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नागौर जिले में भी विरोध: उदयपुर हत्याकांड मामले के विरोध में नागौर जिला भी पूरी तरह से बंद है. हिंदू संगठनों के आह्वान पर जिले में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. शनिवार को भी यह विरोध लगातार जारी है. जिले का मकराना बोरावड लाडनूं निंबी जोधा और रिया बड़ी कस्बा आज पूरी तरह से बंद है. विरोध को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी के निर्देशों पर सभी बंद वाले कस्बों में अतिरिक्त जाप्ता तैनात किया गया है. साथ ही किसी भी प्रकार की शांति भंग करने वाले तत्वों को तुरंत गिरफ्तारी के निर्देश भी दिए गए हैं.
डीग में बाइक रैली: भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और लोगों ने डीग कस्बे में डाक विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जवाहर सिंह बेढम के नेतृत्व में बाइक रैली निकाली. कस्बे के सभी मार्गों से पैदल मार्च करते हुए कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान डीग कस्बे को पूरी तरह से बंद रखा गया. इस प्रकार की बढ़ती हिंसा के विरोध में उपखंड अधिकारी और सीओ डीग को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.
किशनगढ़ में शांतिपूर्वक रहा बंद: उदयपुर में हुए हत्याकांड के विरोध में किशनगढ़ में विभिन्न सामाजिक हिन्दूवादी संगठन और व्यापारिक संगठनों ने स्वैच्छिक बंद रखा. इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. विभिन्न संगठनों ने बंद को पूरी तरह से समर्थन किया. वहीं पुलिस के आला अधिकारियों ने किशनगढ़ पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. क्षेत्र में शांति व्यवस्था को लेकर एसडीएम परसा राम सैनी ने पल-पल की जानकारी ली. स्वैच्छिक बंद को लेकर प्रशासन की पूरी तरह पैनी नजर रही.