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SPECIAL : जीवन दायिनी साबित हो रहीं अलवर की औद्योगिक इकाइयां...राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा को मिल रही OXYGEN - Oxygen cylinders from Alwar's industrial units

अलवर प्रशासन औद्योगिक इकाइयों में काम आने वाले सभी सिलेंडर जुटा रहा है. अब तक 2000 सिलेंडर जुटा लिए गए हैं. सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अलग-अलग टीमों को इसी काम में लगाया गया है. प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो आगामी दिनों में अलवर जिले में न तो ऑक्सीजन की कमी रहेगी और न ही सिलेंडरों की.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
अलवर की औद्योगिक इकाइयां दे रही ऑक्सीजन
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Published : May 1, 2021, 7:22 PM IST

Updated : May 1, 2021, 8:50 PM IST

अलवर. जिले में 20000 से ज्यादा छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. भिवाड़ी के आइनॉक्स ऑक्सीजन प्लांट से सभी औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है. केंद्र सरकार ने इस प्लांट का अधिग्रहण कर लिया है. आयोनेक्स प्लांट से अभी राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

जीवन दायिनी साबित हो रही है अलवर की इंडस्ट्री

केंद्र सरकार के ऑक्सीजन प्लांट अधिग्रहण करने के बाद औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. ऐसे में औद्योगिक इकाइयों में कामकाज बंद है. दूसरी तरफ ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी कमी से जूझना पड़ रहा है. ऐेस में अलवर प्रशासन औद्योगिक इकाइयों से सिलेंडर जुटा रहा है. इस काम के लिए तहसीलदार, पटवारी, उपखंड अधिकारी, एसडीएम, थाना अधिकारी और पुलिस कर्मियों तक को लगा दिया है.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा को मिल रही ऑक्सीजन

प्रशासनिक टीमें जमा कर रहीं ऑक्सीजन सिलेंडर- प्रशासन की अलग-अलग टीमें औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर जमा कर रही हैं. अब तक करीब 2000 सिलेंडर इकट्ठा हो चुके हैं. अलवर क्षेत्र स्थित सिनर्जी स्टील कंपनी से प्रतिदिन अलवर के अलावा भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर के लिए प्रतिदिन 900 सिलेंडर भरे जा रहे हैं. मत्स्य उद्योग संघ के कार्यालय में एक स्टोर बनाया गया है. जहां भरे हुए सिलेंडर को रखा जा रहा है. जरूरत के हिसाब से सिलेंडर हॉस्पिटल को दिए जा रहे हैं.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
प्रशासनिक टीमें जमा कर रहीं ऑक्सीजन सिलेंडर

लगातार जुटाए जा रहे हैं सिलेंडर - निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करने की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी गई है. उनके आदेश पर जरूरत के हिसाब से सिलेंडर दिए जा रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की जिम्मेदारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को दी गई है. भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र से अभी तक 1200 सिलेंडर जुटाई जा चुके हैं. इसके अलावा अलवर के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार की प्रक्रिया चल रही है. प्रशासन की तरफ से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

पढ़ें- SPECIAL : कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही न हों परेशान...सीटी स्कैन, चेस्ट X-Ray और रेमडेसीविर इंजेक्शन की सब को नहीं है जरूरत

ऑद्योगिक इकाई के सिलेंडर होते हैं अलग- औद्योगिक इकाई में काम आने वाले सिलेंडरों को ऑक्सीजन सिलेंडर में कन्वर्ट करने का काम किया जा रहा है. औद्योगिक इकाइयों से जुटाए सिलेंडरों को वाइट पेंट लगाकर अलग किया जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा ऑक्सीजन सिलेंडर अन्य गैस के सिलेंडरों से न मिलें इसके लिए उन पर सफेद पेंट किया जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो आगामी दिनों में अलवर में ऑक्सीजन ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नहीं रहेगी. इसके लिए व्यवस्था पूरी कर ली गई है.

नए सिलेंडर तैयार होने में लगता है वक्त- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और इंजीनियर ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर बनने में खासा समय लगता है. अगर आज ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के ऑर्डर दिए जाएं तो इस प्रकिया में करीब 5 से 6 सप्ताह का समय लगता है. ऐसे में नए सिलेंडर बनने में खासा समय लग सकता है. इसलिए प्रशासन की तरफ से विशेष योजना बनाकर औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले सिलेंडरों को जुटाया जा रहा है. इस काम में जुटी टीम एक एक सिलेंडर जुटाने का काम कर रही है.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
जीने के लिए ऑक्सीजन की है दरकार

पढ़ें- SPECIAL: किसी की जान न जाए... जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन दे रहे अलवर वासी

अलवर में ये प्रमुख उद्योग - अलवर में ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, एसएमसीजी, स्टील, आयरन, सर्विस, ऑटोमोबाइल, ट्रेडर्स, कॉपर, तंबाकू, केमिकल, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिकल, आयल, सीट्स, सेनेटरी वेयर, एयर, गिलास, पाइप, वेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल, ई एन ए, गैस सिलेंडर सीमेंट सहित विभिन्न सेक्टरों से जुड़ी हुई करीब 20 हजार छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. ज्यादातर स्टील कॉपर ऑटो पार्ट्स ऑटोमोबाइल सहित विभिन्न उत्पादों से जुड़ी हुई इकाइयों में सिलेंडर काम में आते हैं.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
प्रशासन जुटा सिलेंडर इकट्ठे करने मेंं

अन्य गैस हो सकती है जानलेवा

ऑक्सीजन के अलावा औद्योगिक इकाइयों में कई अन्य तरह की गैस से भी काम में ली जाती हैं. यह गैस कोरोना संक्रमित मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है. इसलिए प्रशासन की तरफ से प्रत्येक सिलेंडर को चेक किया जा रहा है. साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की पहचान के लिए उस पर वाइट पेंट करने की व्यवस्था भी की जा रही है. जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर की अलग से पहचान हो सके.

अलवर. जिले में 20000 से ज्यादा छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. भिवाड़ी के आइनॉक्स ऑक्सीजन प्लांट से सभी औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है. केंद्र सरकार ने इस प्लांट का अधिग्रहण कर लिया है. आयोनेक्स प्लांट से अभी राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है.

जीवन दायिनी साबित हो रही है अलवर की इंडस्ट्री

केंद्र सरकार के ऑक्सीजन प्लांट अधिग्रहण करने के बाद औद्योगिक इकाइयों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. ऐसे में औद्योगिक इकाइयों में कामकाज बंद है. दूसरी तरफ ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी कमी से जूझना पड़ रहा है. ऐेस में अलवर प्रशासन औद्योगिक इकाइयों से सिलेंडर जुटा रहा है. इस काम के लिए तहसीलदार, पटवारी, उपखंड अधिकारी, एसडीएम, थाना अधिकारी और पुलिस कर्मियों तक को लगा दिया है.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा को मिल रही ऑक्सीजन

प्रशासनिक टीमें जमा कर रहीं ऑक्सीजन सिलेंडर- प्रशासन की अलग-अलग टीमें औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर ऑक्सीजन सिलेंडर जमा कर रही हैं. अब तक करीब 2000 सिलेंडर इकट्ठा हो चुके हैं. अलवर क्षेत्र स्थित सिनर्जी स्टील कंपनी से प्रतिदिन अलवर के अलावा भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर के लिए प्रतिदिन 900 सिलेंडर भरे जा रहे हैं. मत्स्य उद्योग संघ के कार्यालय में एक स्टोर बनाया गया है. जहां भरे हुए सिलेंडर को रखा जा रहा है. जरूरत के हिसाब से सिलेंडर हॉस्पिटल को दिए जा रहे हैं.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
प्रशासनिक टीमें जमा कर रहीं ऑक्सीजन सिलेंडर

लगातार जुटाए जा रहे हैं सिलेंडर - निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करने की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी गई है. उनके आदेश पर जरूरत के हिसाब से सिलेंडर दिए जा रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की जिम्मेदारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को दी गई है. भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र से अभी तक 1200 सिलेंडर जुटाई जा चुके हैं. इसके अलावा अलवर के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार की प्रक्रिया चल रही है. प्रशासन की तरफ से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.

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ऑद्योगिक इकाई के सिलेंडर होते हैं अलग- औद्योगिक इकाई में काम आने वाले सिलेंडरों को ऑक्सीजन सिलेंडर में कन्वर्ट करने का काम किया जा रहा है. औद्योगिक इकाइयों से जुटाए सिलेंडरों को वाइट पेंट लगाकर अलग किया जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा ऑक्सीजन सिलेंडर अन्य गैस के सिलेंडरों से न मिलें इसके लिए उन पर सफेद पेंट किया जा रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो आगामी दिनों में अलवर में ऑक्सीजन ऑक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नहीं रहेगी. इसके लिए व्यवस्था पूरी कर ली गई है.

नए सिलेंडर तैयार होने में लगता है वक्त- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और इंजीनियर ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर बनने में खासा समय लगता है. अगर आज ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के ऑर्डर दिए जाएं तो इस प्रकिया में करीब 5 से 6 सप्ताह का समय लगता है. ऐसे में नए सिलेंडर बनने में खासा समय लग सकता है. इसलिए प्रशासन की तरफ से विशेष योजना बनाकर औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले सिलेंडरों को जुटाया जा रहा है. इस काम में जुटी टीम एक एक सिलेंडर जुटाने का काम कर रही है.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
जीने के लिए ऑक्सीजन की है दरकार

पढ़ें- SPECIAL: किसी की जान न जाए... जरूरतमंदों को मुफ्त ऑक्सीजन दे रहे अलवर वासी

अलवर में ये प्रमुख उद्योग - अलवर में ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, एसएमसीजी, स्टील, आयरन, सर्विस, ऑटोमोबाइल, ट्रेडर्स, कॉपर, तंबाकू, केमिकल, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिकल, आयल, सीट्स, सेनेटरी वेयर, एयर, गिलास, पाइप, वेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल, ई एन ए, गैस सिलेंडर सीमेंट सहित विभिन्न सेक्टरों से जुड़ी हुई करीब 20 हजार छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. ज्यादातर स्टील कॉपर ऑटो पार्ट्स ऑटोमोबाइल सहित विभिन्न उत्पादों से जुड़ी हुई इकाइयों में सिलेंडर काम में आते हैं.

Oxygen cylinders from Alwar's industrial units
प्रशासन जुटा सिलेंडर इकट्ठे करने मेंं

अन्य गैस हो सकती है जानलेवा

ऑक्सीजन के अलावा औद्योगिक इकाइयों में कई अन्य तरह की गैस से भी काम में ली जाती हैं. यह गैस कोरोना संक्रमित मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है. इसलिए प्रशासन की तरफ से प्रत्येक सिलेंडर को चेक किया जा रहा है. साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की पहचान के लिए उस पर वाइट पेंट करने की व्यवस्था भी की जा रही है. जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर की अलग से पहचान हो सके.

Last Updated : May 1, 2021, 8:50 PM IST
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