अलवर. महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने पूरे प्रदेश में सुरक्षा सखी बनाने के आदेश दिए थे. इसके तहत अलवर जिले में 462 सुरक्षा सखी बनाई गई हैं.
प्रत्येक थाने पर इनकी एक नोडल सखी भी नियुक्त की गई है. थानाधिकारी डिप्टी एसपी समय-समय पर इनसे बात करेंगे. सुरक्षा सखी आम जनता व पुलिस के बीच कड़ी का काम करेंगी. क्योंकि महिलाएं अत्याचार होने के बाद पुलिस को बताने से बचती हैं. पुलिस को समय पर घटना-दुर्घटना की जानकारी नहीं मिल पाती. ऐसे में सुरक्षा सखी महिलाओं को जागरुक करते हुए कानून की जानकारी देंगी.
रविवार को सुरक्षा सखियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम और पुलिस मुख्यालय जयपुर के आला अधिकारियों ने बातचीत की. इस दौरान सभी थाना प्रभारी डिप्टी एसपी व अन्य लोग भी ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से जुड़े. पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा की महिलाओं को जागरूक किया जाएगा.
गौतम ने कहा कि सुरक्षा सखी पुलिस महिलाओं के बीच की कड़ी का काम करेंगी. क्योंकि महिलाओं के साथ होने वाले घरेलू अत्याचार की जानकारी महिलाएं पुलिस को नहीं देती हैं. जिसके चलते उनको न्याय नहीं मिलता है. अलवर जिले में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इसलिए सुरक्षा सखी पुलिस के लिए बेहतर विकल्प बन सकती हैं.
पुलिस के वेबिनार के माध्यम से पुलिस की एडीजी नीता सिंह, सभी थाना प्रभारी, डिप्टी एसपी, जोन के आईजी सहित पुलिस के आला अधिकारी भी जुड़े. उन्होंने इस बारे में अपने विचार भी साझा किये.